Punjab : 80 पर पहुंचा जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा, 25 आरोपी गिरफ्तार

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Punjab : मजिस्ट्रियल जांच के लिए तैयार नहीं विपक्ष, आप ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा

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सांकेतिक तस्वीर

चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) के तीन जिलों में जहरीली शराब (spurious liquor) पीकर मरने वालों का आंकड़ा 80 पर पहुंच गया है। शनिवार को तरन-तारन जिले में जहरीली शराब से मरने वाले 23 नए मामले सामने आए है। तीनों प्रभावित जिलों को मिलाकर शनिवार को कुल 41 मौतें हुई है।  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने मजिस्ट्रियल जांच (Magisterial Probe) के आदेश दिए है। बुधवार रात से अब तक पंजाब के तरन-तारन (Tarn Taran) जिले में 42, अमृतसर (Amritsar) में 10 और बटाला (Batala) 9 लोगों की जान गई है। इस गंभीर मामले में पुलिस अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। वहीं अमृतसर के एसएसपी विक्रमजीत सिंह दुग्गल ने बताया कि तारसिक्का पुलिस थाना एसएचओ बिक्रमजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।

आप ने मांगा इस्तीफा

जहरीली शराब से इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के मामले में सियासत भी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है। वहीं शिरोमणी अकाली दल ने मामले की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। शुक्रवार को मामला सामने आऩे के बाद पुलिस एक्शन में दिखाई दी। ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे है। पुलिस ने अवैध शराब का धंधा करने वालों के शुक्रवार तक 40 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। शनिवार को ये संख्या बढ़कर 100 हो गई। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि आरोपी महिला को गुरुवार रात अमृतसर के मुछल गांव से गिरफ्तार किया गया था।

बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

साथ ही डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बड़ी बात कही है। जहरीली शराब अन्य इलाकों में भी सप्लाई की गई होगी, लिहाजा मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। डीजीपी ने बताया कि आरोपियों से बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त की गई है। शराब की केमिकल जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया है।

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डीजीपी ने ये भी बताया कि अभी और भी गिरफ्तारियां होंगी। अवैध और नकली शराब के धंधे में बड़े नेटवर्क के जुड़े होने की आशंका है। पुलिस ने बताया कि अमृतसर से बलविंदर कौर और मिथु को गिरफ्तार किया है। दर्शन रानी और राजन को बटाला जिले से दबोचा गया है। चार अन्य कश्मीर सिंह, अंग्रेज सिंह, अमरजीत और बलजीत को तरनतारन से गिरफ्तार किया गया है।

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जांच को तैयार नहीं विपक्ष

38 लोगों की मौत के इस मामले में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए है। जालंधर के डिविजनल कमिश्नर को जांच सौंपी गई है। डिविजनल कमिश्नर के नेतृत्व में आबकारी और टैक्सेसन कमिश्नर और तीनों जिलों के एसपी जांच में शामिल रहेंगे। साथ ही डिविजनल कमिश्नर को छूट दी गई है कि वे जांच में किसी भी अधिकारी या आम आदमी को शामिल कर सकते है। लेकिन प्रदेश में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने वाली शिरोमणी अकाली दल की मांग है कि मामले की न्यायिक जांच की जाए, न कि डिविजनल कमिश्नर लेवल की जांच हो।

कांग्रेस पर गंभीर आरोप

शिरोमणी अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने कहा कि प्राथमिक जांच में साफ हो गया है कि बड़ी मात्रा में नकली शराब की सप्लाई की गई है। लिहाजा इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए। चीमा ने आरोप लगाया कि नकली शराब की सप्लाई कांग्रेस नेता के संरक्षण में चल रही डिस्लरी से की गई है। वहीं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस के हाथ पंजाबियों के खून से रंगे है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वीडियो शूट करवाने में व्यस्त है।

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मुख्यमंत्री जिम्मेदारी लें

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोरा ने कहा कि मजिस्ट्रीरियल जांच से कुछ नहीं होगा। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। अरोरा ने कहा कि आबकारी, कर और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास ही है। लिहाजा उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं कांग्रेस के ही सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी हाईकोर्ट के जज से जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही समय सीमा में जांच पूरी कराए जाने की भी बात कही है।

चंद मिनटों में ऐसे हुईं मौत

शराब पीकर मरने वाले 24 वर्षीय भूपिंदर सिंह की मां ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भूपिंदर ने हाथीगेट की शराब दुकान से शराब खरीदी थी। जिसे पीने के बाद बेसुध हो गया। उसने सांस लेने में दिक्कत होने की बात कहीं थी और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई। बटाला में कई लोगों ने मीडिया को बताया कि हाथी गेट इलाके में लंबे समय से नकली शराब बेची जा रही थी। कई बार शिकायतें भी की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं शराब पीकर मरने वाले 40 वर्षीय बूटा राम के भतीजे ने मीडिया को बताया कि गुरुवार को बूटा राम ने शराब पी थी। जिसके बाद वो जमीन पर गिर गए। उनके मुंह से झाग निकलने लगा। बूटा राम को बटाला सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

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