MP Freedom Of Religion Bill: 52 साल पुराना कानून शिवराज सरकार ने बदला

Share

MP Freedom Of Religion Bill: यह नए कानून के 19 प्रमुख बिन्दु जिसमें लव जिहाद का हल्ला ज्यादा

MP Freedom Of Religion Bill
आदेश की छायाप्रति

भोपाल। मध्य प्रदेश की स्थापना को 66 साल हो गए हैं। इस दौरान कई कानून बने और उसमें संशोधन हुए। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) सरकार ने 52 साल पुराना कानून बदल दिया है। यह कानून मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के नाम से पहचाना जाता था। अब इसकी जगह मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 (MP Freedom Of Religion Bill) लेगा। इस कानून को मध्य प्रदेश की सरकार विधानसभा में रखेगी। बिल को केबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शनिवार 26 दिसंबर को इस बात की घोषणा की गई।

यह करने पर सजा होगी 10 साल

इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बहकाते हुए, लालच, धमकाकर, बल प्रयोग, असम्यक असर, जबरिया, विवाह, अन्य कपटपूर्ण साधन से सीधे या धर्म परिवर्तन या दुष्प्रेरण फिर साजिश को प्रतिबंधित किया गया है। इस नियम को तोड़ने पर एक साल से अधिकतम पांच साल की सजा और कम से कम 25 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम में महिला, नाबालिग और अजजा—अजा वर्ग के धर्म परिवर्तन कराने के दोषी को दो साल से अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 50 हजार रुपए का जुर्माना भी देना होगा।

यह भी पढ़ें: राजधानी में यह हाल है और सीएम कह रहे हैं माफिया को दफना दूंगा

धर्म छुपाने पर एक लाख जुर्माना

MP Freedom Of Religion Bill
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री- File Photo

मप्र धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक बिल (MP Freedom Of Religion Bill) में धर्म छुपाने पर भी नियम बनाया गया है। इस अधिनियम में तीन साल और अधिकतम 10 साल के कारावास तय किया गया है। वहीं कम से कम 50 हजार रुपए का जुर्माना भी देना होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन करने पर दोया दो से अधिक एक ही समय में दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष से अधिकतम 10 साल की सजा होगी। वहीं कम से कम एक लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। एक से अधिक बार पकड़ में आने या दोषी पाए जाने पर कम से कम पांच और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Crime News: सोसायटी की रकम मांगने पर मां—बेटे ने पीटा

शादी को शून्य माना जाएगा

इस विधेयक के तहत अपने धर्म में वापसी करने पर उसको धर्म परिवर्तन (MP Love Jihad) नहीं माना जाएगा। पैतृक धर्म का अभिप्राय जन्म के वक्त मौजूद पिता के धर्म से हैं। ऐसी शिकायतों की जांच का अधिकार पुलिस को होगा। इसके अलावा अदालत में निजी याचिका लगाई जा सकेगी। यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा। इस तरह के प्रकरणों की सुनवाई सत्र न्यायालय ही कर सकेंगे। जांच एसआई स्तर के अधिकारी कर सकेंगे। आरोपी को अपने खिलाफ बेगुनाही के सबूत पेश करने होंगे। ऐसी शादी जो विधेयक के खिलाफ होगी वह शून्य मानी जाएगी।

यह भी पढ़ें: इस वर्दी पहने तस्वीर की असली कहानी, जिसमें पर्दा डाल रही थी पुलिस

दो महीने पहले देना होगी सूचना

धर्म परिवर्तन (Madhya Pradesh Love Jihad Against Act) के बाद जन्म लेने वाले बच्चे को लेकर भी विधेयक में स्थिति साफ की गई है। धर्म परिवर्तन से जन्मे बच्चे को दोषी पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसको भी विधेयक में अधिकार दिए गए हैं। इस संबंध में 60 दिन पहले सूचना देनी होगी। यह सूचना कलेक्टर कार्यलय में देना होगी। ऐसा नहीं करने पर तीन से पांच साल का कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना तय किया गया है।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: बीएसएनएल एजीएम के खिलाफ बलात्कार की एफआईआर
Don`t copy text!