Bhopal Fraud News: बचने के लिए अपने वाहन की बजाय ई—कॉमर्स कंपनियों की सेवाएं लेकर उनके चालकों से उठाया पार्सल, खाते से निकाले लाखों रुपए से खरीद लिए थे आभूषण कारोबारियों से सोने के सिक्के, आयकर विभाग की सुस्ती भी हुई उजागर
ग्राफिक डिजाइन टीसीआई
भोपाल। आयकर विभाग दावा करता है कि वह अनाधिकृत तरीके से होने वाले लेन—देन पर निगाह रखता है। इसके बावजूद एक शातिर जालसाज ने आयकर, बैकिंग प्रणाली को अंगूठा दिखाकर 41 लाख रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा करने में कामयाब हो गया। अब भोपाल (Bhopal Fraud News) शहर के कोहेफिजा थाना पुलिस ने इस फर्जीवाड़े मामले में खुलासा किया है। इससे साफ है कि दो नंबर में पैसा बनाने का यह तरीका अब आम हो चला है। आयकर, लोकपाल समेत अन्य विभाग इसे स्थानीय जांच का विषय बताकर पल्ला झाड़ सकते हैं लेकिन शातिर ठग ने यह वारदात करके केंद्रीय एजेंसियों की साख को बट्टा लगा दिया है।
यह है पूरा मामला
कोहेफिजा (Kohefiza) थाना पुलिस के अनुसार जालसाज ने बैंक सिस्टम के लूप पोल का फायदा उठाया है। उसने नई चैकबुक जारी करने के बाद आरटीजीएस के माध्यम से यह फर्जीवाड़ा किया। जबकि आयकर विभाग दो लाख रुपए से अधिक के नए खातों के लेन—देन पर निगरानी रखने का दावा करता है। यह पूरा फर्जीवाड़ा 22 मई को दर्ज जालसाजी के मामले की जांच में सामने आया। जिसकी शिकायत डाक्टर रश्मि देव पुजारा (Dr Rashmi Dev Pujara) ने की थी। उसने पुलिस को बताया था कि उसके पिता कमलाकर खडीकर (Kamlakar Khadikar) उम्र 87 साल है। उनका दाता कॉलोनी (Data Colony) में बैंक आँफ इन्डिया (Bank Of India) में खाता है। उनके खाते से फर्जी तरीके से 41 लाख 36 हजार रुपए से अधिक के आरटीजीएस हुए हैं। इस शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण 293/2025 दर्ज किया था। बेहद चौका देने वाले इस मामले में सायबर क्राइम (Cyber Crime) की भी मदद ली गई। जिसके बाद रोचक कहानी जो सामने आई वह चौकाने वाली है।
पुलिस जो पहेली सुलझाती उसके बाद दूसरे जाल में फंसती चली गई
पुलिस ने जांच के दौरान जिस खाते से RTGS हुए उनके दूसरे बैंक खातों की जानकारी खंगाली गई। बैंक से जानकारी मांगी तो खाते पर नई चैकबुक निकलने की बात सामने आई। हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से हुए थे। पड़ताल में पता चला कि आरटीजीएस के बाद अधिकांश भुगतान ज्वैलर्स शोरुम में किया गया है। वहां से सोने के सिक्के खरीदे गए। जिसने खरीदे वह ग्राहक फर्जी दस्तावेजों की मदद से सिम खरीदकर वहां पहुंचा था। शोरुम में जाने के लिए अपने वाहन की बजाय रेपिडो, ओला, ऊबर जैसे आनलाईन पिक एंड ड्राप (Pick and Drop) सर्विस प्रोवाईडर कम्पनी की मदद ली। उनके पायलटों से बातचीत की गई तो पता चला कि उसने जब—जब सोना खरीदा उसका पार्सल आरोपी ने नहीं उठाया। वह उन वाहनों के चालकों को भेजता था। कई तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर संदेही की एक तस्वीर मिली। वह पीड़ित परिवार को दिखाई तो वह उनका पड़ोसी निकला।
कई लोगों के साथ कर चुका है फर्जीवाड़ा
काफी मशक्कत के बाद आरोपी अंशुल आयलानी (Anshul Ailani) पिता महेश आयलानी उम्र 28 साल को दबोचा गया। वह लेक पर्ल गार्डन (Lake Pearl Garden) एयरपोर्ट रोड दाता कालोनी में रहता है। उसको गिरफ्तार किया गया। अंशुल आयलानी के कब्जे से सोने के चार सिक्के बरामद हुए। बाकी सिक्के उसने दिल्ली (Delhi) सराफा बाजार में 22 लाख रुपए में बेच दिए। आरोपी के कब्जे से पांच लाख 29 हजार रुपए नकद बरामद किए गए। बाकी रकम आरोपी ने अपनी बहन की शादी पार्टी में लुटा दिए हैं। अंशुल आयलानी बीकाम ग्रेजुएट है।। वह न्यू मार्केट (New Market) में बहन के साथ कपड़े की दुकान चलाता है। उसके ऊपर पूर्व से ही चैक बाउंस के आधा दर्जन केस थानों मे चल रहे हैं। आरोपी की दुकान से कई खाली चैक बुक अलग—अलग लोगों के बैंक खातों की मिली है। प्रकरण में आरोपी कि बहन की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपी की कार आई-10 एमपी—04—सीएस—2815 भी जब्त की है।
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