Bhopal Fraud News: मोबाइल एसेसरीज में निवेश कराने के नाम पर 45 लाख रुपए लेकर भागा शातिर ठग, दो जिलों की पुलिस पहले से तलाश रही, करोड़ों रुपए की रकम ऐंठ चुका, पुलिस अफसरों की फटकार के बाद जालसाजी के दो प्रकरण दर्ज

भोपाल। राजधानी में डेरा जमाकर कई लोगों के साथ ठगी की वारदात करने वाले नटवरलाल का सनसनीखेज कारनामा उजागर हुआ है। उसने मोबाइल ऐससरीज के कारोबार में निवेश करने के नाम पर कई लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए। उसके सताए जब हबीबगंज थाने गए तो निराशा हाथ लगी। नतीजतन, पुलिस मुख्यालय में डीजीपी, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र समेत डीसीपी को शिकायतें की गई। भोपाल (Bhopal News) शहर की हबीबगंज थाना पुलिस को अभी तक दो पीड़ितों की जानकारी मिल गई है। वह उनसे 45 लाख रुपए किस्त में ऐंठ चुका है। वह मूलत: नर्मदापुरम जिले का रहने वाला है। वहां भी कई लोगों का पैसा हड़पने के बाद भोपाल शहर में डेरा जमाए हुए था। उसकी ठगी के शिकार लोगों में दिल्ली के भी पीड़ित हैं। फिलहाल पुलिस ने दो जालसाजी के प्रकरण शातिर जालसाज के खिलाफ दर्ज कर लिए हैं।
महंगा साबित हुआ ओएलएक्स पर विज्ञापन देना
हबीबगंज (Habibganj) थाना पुलिस के अनुसार पहला पीड़ित राजेश राजपूत (Rajesh Rajput) पिता लोटन राजपूत उम्र 26 साल है। वह एक जिम में नौकरी करता है। मूलत: छतरपुर (Chatarpur) का रहने वाला राजेश राजपूत फिलहाल ई—6 अरेरा कॉलोनी (Arera Colony) के शालीमार इंक्लेव (Shalimar Enclave) में किराए से रहता है। उसने सितंबर, 2023 में ओएलएक्स पर रुम पार्टनर के लिए विज्ञापन दिया था। जिसके बाद उससे अभिषेक पटेल (Abhishek Patel) नाम के एक व्यक्ति ने संपर्क किया। वह उसके साथ रुम पार्टनर बनकर रहनेे लगा। इस दौरान उसने राजेश राजपूत को झांसा दिया कि वह मोबाइल एसेसरीज बेचने का कारोबार करता है। इस धंधे में यदि वह रकम लगाता है तो वह उसको 20 से 30 फीसदी मुनाफा देगा। उसके झांसे में आकर पांच लाख रुपए एक साल के भीतर दे दिए। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से भी नौ लाख रुपए उसे दे दिए। यह रकम लेने के बाद वह सितंबर, 2024 में रातोंरात चंपत हो गया। उसी शालीमार इंक्लेव के दूसरे फ्लैट में रहने वाला लक्की कुमार वासनिक पिता किशोर कुमार वासनिक उम्र 24 साल भी फंस गया। वह मूलत: बालाघाट (Balaghat) जिले का रहने वाला है।
गांव जाकर उसका फर्जीवाड़ा हुआ उजागर
लक्की कुमार वासनिक (Lucky Kumar Wasnik) को भी 30 से 40 फीसदी मुनाफे का लालच शातिर जालसाज अभिषेक पटेल ने दिया था। आरोपी को वह जुलाई, 2023 से जानता था। उसने पहले पांच हजार रुपए दिए तो आरोपी अभिषेक पटेल ने एक सप्ताह बाद ही ढ़ाई हजार रुपए बढ़ाकर रकम लौटा दी। इसके बाद दस हजार रुपए दिए तो उसने एक महीने बाद 15 हजार रुपए का भुगतान कर दिया। लालच में फंसा लक्की कुमार वासनिक ने अपने अलावा दोस्तों से भी पैसा लेकर जालसाज (Bhopal Fraud News) अभिषेक पटेल को दे दिए। उसे 31 लाख रुपए दिए थे। इसमें से एक पीड़ित ने लक्की कुमार वासनिक के कहने पर जमीन बेचने के बाद मिली 14 लाख रुपए की रकम ही दे दी। असली रंग उसका तब सामने आया जब सितंबर, 2024 में उससे पैसा मांगा जाने लगा। उसने नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिले —पुराना नाम होशंगाबाद— के पिपरिया (Piparia) तहसील में उसे यह बोलकर भेजा कि वहां जाकर उसे 75 लाख रुपए मिल जाएंगे। लक्की कुमार वासनिक समेत अन्य लोग वहां पहुंचे तो पता चला कि अभिषेक पटेल का असली नाम तो नरेश उर्फ सोनू रघुवंशी (Naresh @Sonu Raghuvanshi) है। वह काफी शातिर है और कई लोगों को चपत लगाकर कई साल से फरार चल रहा है। उसे कई लोग तलाश भी रहे हैं। उन्हें लेकर वह भोपाल वापस लौटा तो आरोपी अभिषेक पटेल उर्फ नरेश उर्फ सोनू रघुवंशी अपना पूरा सामान समेटकर फरार हो चुका था। यह मामला उसी वक्त थाने पहुंच गया था। लेकिन, थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई ही नहीं की।
दूसरे के नाम पर बैंक खाता खुलवाकर जालसाज चला रहा था
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अलग—अलग दो प्रकरण जालसाजी के दर्ज कर लिए हैं। लक्की कुमार वासनिक के कहने पर जाहन्वी राघव (Janhvi Raghav) ने 16 लाख रुपए दिए थे। आरोपी ने रकम भुगतान करने के नाम पर राजेश राजपूत के खाते का भी दुरुपयोग किया। यह खाता राजेश राजपूत का है उसे पता नहीं था। जबकि वह स्वयं उसकी जालसाजी का शिकार था। शातिर जालसाज ने राजेश राजपूत के खाते में ही अपना बैंक खाता बोलकर रकम डलवाई। जबकि उसका इस्तेमाल शातिर जालसाज कर रहा था। यह खाता खोलने के लिए उसने राजेश राजपूत के नाम पर सिम जारी कराया। यह खाता इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) में खोला गया था। जिसमें सारे दस्तावेज राजेश राजपूत के लगे हैं लेकिन आपरेट जालसाज कर रहा था। वह उसके इरादे जानता भी नहीं था। उस खाते के चलते राजेश राजपूत को दिल्ली (Delhi) से कुछ लोग तलाशते हुए भी पहुंचे थे। उसके नाम पर चल रहे खाते में जालसाज ने रकम ली थी। पुलिस आरोपी का पता लगाने मोबाइल कॉल डिटेल के जरिए जानकारी जुटा रही है।
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