Opium Parrot Effect: हरा—हरा तोता, हरी डाल पर बैठता…

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Opium Parrot Effect: मंदसौर के तोते खसखस खाने के चक्कर में राम—राम नहीं त्राहिमाम करने को मजबूर, इंसानों ने पैसा पाने की चाहत में लगा दी है उन्हें यह बुरी लत

Opium Parrot Effect
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मशहूर गीतकार गुलजार का एक शेयर है ‘जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा गम है और  मी​ठी सी तन्हाई है।’ कुछ इसी तरह की लाइन मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के जंगलों में विचरण करने वाले तोते (Opium Parrot Effect) एक—दूसरे से बोलते होंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि क्राइम से जुड़ी खबर देने वाली न्यूज वेबसाइट पर यह रोमांटिक क्या चल रहा है। मान्यवर आप यह पूरा समाचार पढ़ेंगे तो गुलजार की यह लाइन तोते (Parrots) पर न फीट बैठे तो कहिएगा। बात बेजुबानों की है जिनकी दरख्वास्त कोई लेने वाला नहीं है। इसलिए सोचा विषय को जनता से रूबरू कराया जाए। मामला मध्यप्रदेश की अफीम खेती से जुड़ा है। यह खेती प्रदेश में मंदसौर, नीमच और रतलाम में होती है। इस साल प्रदेश में भरपूर पैदावार हुई है। जिस कारण सरकार को अपने राजस्व में चमकते हुए करारे नोट दिख रहे होंगे। उन्हें बेजुबान तोतो को लेकर कोई सुध ही नहीं हैं।

ऐसे सामने आई थी चौंका देने वाली समस्या

इस विषय को लेकर दैनिक भास्कर और राज एक्सप्रेस समाचार पत्रों में समस्या सामने आ चुकी है। हमने भी उसी समस्या को समझने के लिए अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना के वैज्ञानिक बसंत कुमार पंचौली (Scientist Basant Kumar Pancholi) से संपर्क किया। यह मंदसौर जिले में अफीम फसलों के उत्पादन और उसकी गुणवत्ता पर निगरानी रखते हैं। इसी दौरान कई फसलों पर अफीम में चिड़िया के चोंच पाए गए। यह उस हिस्से तक पहुंचे थे जहां मार्फिन होता है। इसके बाद किसानों की मदद से फसलों पर बैठने वाले पक्षी का पता लगाया गया। पता चला है कि ऐसा तोते कर रहे हैं। पंचौली ने बताया कि मार्फिन कंज्यूम करने के बाद तोते को आराम महसूस होता है। इस कारण वे बार—बार आकर उसका सेवन करने लगते हैं। हालांकि किसान फसलों पर सुरक्षा के लिए नेट लगाते हैं। लेकिन, कई स्थानों पर उन्हें यह खाने को मिल जाता है।

इस कारण मंदसौर की है पहचान

प्रदेश में मंदसौर के अलावा रतलाम और नीमच में अफीम का उत्पादन होता है। अफीम के एक हिस्से में खसखस होता है। उसी खसखस खाने को तोते पसंद करते हैं। जिस पर चोंच मारते वक्त वे मार्फिन वाले हिस्से तक पहुंच जाते हैं। यह तरल पदार्थ जैसा होता है और वह तोते (Opium Parrot Effect) की चोंच पर चला जाता है। जिस कारण उन्हें मार्फिन का नशा होने लगता है। प्रदेश में मंदसौर की पहचान यहां के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के कारण भी होती है। दूसरी पहचान इसके पुरातन काल की है। ऐसा बताया जाता है कि मंदसौर में रावण की पत्नी मंदोदरी का जन्म हुआ था। उस वक्त दुसपुर इसका नाम हुआ करता था। मंदसौर से ही शिवना नदी भी बहती है। जिसके नजदीक जंगलों में तोते पेड़ों के पोखर में घोसला बनाकर रहते हैं। भोजन के लिए वे अफीम की खेती पर जाते हैं।

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