MP Cop News: डीजीपी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां विदाई भाषण में गिनाई, विदाई परेड की कमान बेटी सोनाक्षी सक्सेना ने संभाली
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग के मुखिया डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस यानि डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर मोती लाल नेहरु स्टेडियम में भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान निवृतमान डीजीपी (MP Cop News) ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाया। यह विचार व्यक्त करने के पूर्व उन्होंने शहीद पुलिस कर्मियों के स्मारक पर पहुंचकर उन्हें याद किया। इसके बाद नवागत डीजीपी कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) ने जिप्सी की रस्सी खींचकर स्टेडियम से बाहर उनके कार तक पहुंचाया।
आकर्षक मार्च पास्ट हुआ
पुलिस मुख्यालय (MP PHQ) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विदाई परेड कमाण्डर उनकी बेटी सोनाक्षी सक्सेना (Sonakshi Saxena) के पास थी। वे डीसीपी इंटेलिजेंस भोपाल भी है। इसके अलावा टूआईसी सहायक सेनानी रवि शर्मा के नेतृत्व में आठ प्लाटून तथा पुलिस बैण्ड दल ने परेड की थी। सक्सेना (DGP Sudhir Saxena) ने परेड का निरीक्षण किया गया उसके बाद आकर्षक मार्च पास्ट हुआ। सुधीर सक्सेना ने कहा कि एमपी पुलिस का गौरवशाली इतिहास रहा है। आजादी के समय जम्मू कश्मीर में कबाईली हमलों से मुकाबला करने में, हैदाराबाद में ऑपरेशन पोलो में, दक्षिण के भाषाई आंदोलन में, गोआ के स्वतंत्रता संग्राम में, नार्थ ईस्ट में नागालैंड व त्रिपूरा में, पंजाब व जम्मू कश्मीर के आतंकवाद में सभी स्थानों पर मध्यप्रदेश पुलिस के जाबांज जवानों व अधिकारियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि लगभग पौने तीन साल के कार्यकाल में पूरे पुलिस बल ने जो आत्मीयता, सहयोग व सम्मान मुझे दिया वह मेरे लिये एक धरोहर है और सदैव अविस्मरणीय रहेगा। चाहे पुलिस मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकगण व उनके अधिनस्थ अधिकारी व कर्मचारी हों या विभिन्न मैदानी इकाईयों के अधिकारी व कर्मचारी हों, सभी ने पूर्ण समर्पण व कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते हुये प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने में उल्लेखनीय कार्य किया व सफलता के कई प्रतिमान स्थापित किये। मध्यप्रदेश पुलिस की कर्मठता, लगन, निष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन को मैं नमन करता हूं। ग्वालियर चम्बल जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बिना किसी घटना के चुनाव संपन्न हो जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। प्रदेश में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन व पर्व लगातार हुए जिनमें लाखों श्रद्धालूओं ने पूरे उत्साह से भाग लिया। प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा इन आयोजनों के दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील रहता है, लेकिन इन सभी आयोजनों व पर्वो को पूर्ण सांप्रदायिक सद्भाव के साथ संपन्न कराने का कार्य सभी मैदानी इकाईयों द्वारा अत्यंत कुशलता से किया गया।
यह बोलकर भी सरकार से तालमेल वाली बात बोली
डीजीपी ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रदेश में 40 से अधिक स्थानों पर भ्रमण हुये। पुलिस ने समुचित व फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किया। ऐसा अन्य विशिष्ट अतिथियों में भी रहा। पिछले कुछ वर्षो में नक्सलवाद के विरूद्ध मध्यप्रदेश पुलिस (MP Cop News) ने अभूतपूर्व सफलतायें प्राप्त की हैं। पिछले लगभग ढाई वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों की संख्या, उससे पिछले 25 वर्ष में धराशायी किये गये नक्सलियों की कुल संख्या से अधिक है। इन पर लगभग 3 करोड़ रूपये से अधिक का इनाम था। पहली बार मध्यप्रदेश पुलिस ने डिवीजनल कमेटी स्तर के नक्सलियों को धराशायी किया गया तथा पहली बार एके-47 जैसे हथियार बरामद किये गये। कई इनामी नक्सलियों को भी गिरफ्तार भी किया गया। हमारे प्रयासों से हाक फोर्स के लिये जो विशेष भत्ता राज्य शासन ने स्वीकृत किया उससे हाक फोर्स के मनोबल में आशातीत वृद्धि हुई। साथ ही नक्सल मुठभेड़ों में जांबाज प्रदर्शन करने के फलस्वरूप लगभग 262 जवानों को कम से पूर्व पदोन्नति दी गई। नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष सहयोगी दस्तों का गठन किया गया। डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी का उपयोग पुलिस के लिये अत्यंत आवश्यक है। मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) इसमें अग्रणी है। डिजिटल समंस प्रणाली लागू करने वाला मध्यप्रदेश भारत का पहला राज्य है जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार ईमेल, व्हाटसएप और टेक्स्ट संदेशों सहित इलेक्ट्रानिक तरीकों से समंस तामील करा रहा है। अब तक लगभग 2 लाख से अधिक समंस डिजिटली तामील हो चुके हैं। ई-विवेचना, ई-रक्षक एप, ई-एफआईआर, ऑनलाइन चरित्र सत्यापन, ऑनलाइन पासपोर्ट वेरिफिकेशन जैसी सुविधायें आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही है। हम महिलाओं और कमजोर वर्गों के नागरिकों को एक सुरक्षित, भय मुक्त वातावरण देने में सफल हुए हैं। महिलाओं और बालिकाओं को केंद्र बिंदु में रखते हुए उनकी सुरक्षा की दिशा में हमने विभिन्न कार्यक्रम एवं ऑपरेशन चलाये। इनमें ‘ऑपरेशन स्वयं सिद्धा” के अंतर्गत छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण। “ऑपरेशन एहसास” के अंतर्गत बालक बालिकाओं को “गुड टच बेड टच’ संबंधी आवश्यक जागरूकता। “ऑपरेशन मुस्कान” के अंतर्गत लापता बालक-बालिकाओं को तलाश कर उनके माता-पिता से मिलाना “ऑपरेशन हेल्पिंग हैंड” के अंतर्गत परित्यक्त महिलाओं को जीवन-यापन के लिए आवश्यक धनराशि हेतु न्यायालय के आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन, मानव दुव्यापार के विरूद्ध चेतना अभियान तथा बालकों को संवेदनशील बनाने के लिये “हम होंगे कामयाब अभियान” उल्लेखनीय रहे हैं।
हर संभव विभाग के लिए जो बना वह किया
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के प्रति सरकार की अत्यंत संवेदनशीलता व सहृदयता है। पुलिस की आवश्यकताओं के प्रति अत्यंत सकारात्मक दृष्टिकोण है। प्रदेश के विशाल पुलिस परिवार के प्रत्येक सदस्य के मनोबल और उत्साह को बनाए रखकर उनके कल्याण के लिए हम सभी कृत संकल्पित हैं। उनके परिवार की देखभाल एवं उनके सर्वांगीण विकास को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानकर हमने कार्य करने का प्रयास किया है। इसी दृष्टि से पुलिस परिवार के बच्चों के कैरियर मार्गदर्शन हेतु प्रत्येक जिलें व बटालियन में दिशा लर्निंग सेंटर स्थापित किये गये हैं, जहां हमारे पुलिस (MP Cop News) के हजारों बच्चों प्रतिदिन एक अच्छे वातावरण में लगन व मेहनत से पढ़ाई व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस प्रयास को ओर उपयोगी बनाने के लिये हाल ही में मुख्यमंत्री ने दिशा लर्निंग एप का शुभारंभ किया गया है। पुलिस परिवार की सदस्यों विशेषकर महिलाओं व बेटियों की कार्यक्षमता का उन्नयन और कौशल का विकास कर उनके स्वावलंबन व आर्थिक उन्नयन हेतु सुगम वातावरण प्रदान करने के लिये “धृति पुलिस परिवार कल्याण केन्द्र” की स्थापना की गई है तथा इसके लिये एक संगठनात्मक संरचना भी विकसित की गई है। पुलिस परिवार की कई महिलाओं द्वारा धृति के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को दिल्ली, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, खजुराहों, देवास आदि स्थानों पर प्रदर्शिनियों में स्टाल लगाकर रखा गया है तथा इससे महिलाओं का आर्थिक विकास भी हो रहा है। हाल ही में पचमढ़ी तथा भोपाल में धृति विक्रय केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं। मैं आशा करता हूं कि यह प्रयोग पुलिस परिवारों के लिये भविष्य में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। पुलिस परिवारों को उत्तम स्वास्थ्य सेवायें प्रदान हमारा कर्तव्य हैं। मैं मुख्यमंत्री का आभारी हूं कि भोपाल में 50 बेड के पुलिस अस्पताल का शुभारंभ उनकी व्यक्तिगत रूचि के कारण ही हो सका। यह अस्पताल पुलिस कर्मियों को स्वस्थ्य रखने की दिशा में निश्चित ही मील का पत्थर सिद्ध होगा। मुझे इस बात का भी संतोष है कि हमारे प्रयासों से पुलिस कर्मियों के लिये पेट्रोल भत्ता, एसएएफ के लिये विशेष भत्ता, पोष्टिक आहार भत्ता, निःशुल्क भोजन भत्ते की दर व वर्दी भत्तें में बढ़ोत्तरी राज्य शासन के सकारात्मक दृष्टिकोण से संभव हो सकी। साथ ही हमारे राज्य पुलिस सेवा के साथियों के लिये पंचम वेतनमान की स्वीकृति भी संतोष का विषय रही। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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