MP Bank Cheating Case: एक ही संपत्ति दो बैंक को दिखाकर ले लिया लोन

Share

MP Bank Cheating Case : पति—पत्नी और बेटे के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज

MP Bank Cheating Case
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

भोपाल। (MP Bank Cheating Case) बैंक आफ महाराष्ट्र ने 30 लाख रुपए के एक फर्जी लोन (MP Fake Bank Loan Case ) का खुलासा किया है। यह मामला मध्य प्रदेश (MP Crime News) के जबलपुर (Jabalpur Crime News) शहर का है। पुणे स्थित बैंक मुख्यालय (Bank Of Maharashtra Pune Head Quarter) से आदेश मिलने के बाद प्रकरण को आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (MP EOW) को सौंपा गया है। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद आरोपी पति—पत्नी के अलावा बेटे के खिलाफ धारा 420/467/468/471/120बी (धोखाधड़ी, दस्तावेजों की कूटरचना और साजिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

एनपीए के बाद मिला सुराग

ईओडब्ल्यू के अनुसार यह घटना 2014—2015 के बीच अंजाम दी गई। घटना जबलपुर स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र (Jabalpur Bank Of Maharashtra Cheating Case) के एक ब्रांच की है। इस ब्रांच से आरोपी धनपत अरोरा, उसकी पत्नी शीला अरोरा (Sheela Arora), बेटे हिमांशु अरोरा के नाम की संपत्ति दिखाई गई। यह संपत्ति का मूल्य दस्तावेजों में 41 लाख रुपए दिखाया गया। यह संपत्ति हाथीताल और शेट्टी नगर की है। इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक ने अरोरा परिवार को 25 लाख रुपए का लॉग तो 5 लाख रुपए का शार्ट टर्म लोन दिया। लेकिन, इन दोनों लोन की किस्ते आना बंद हो गई।

यह भी पढ़े: लोन के लिए डेढ़ गुना करना अब इसलिए महंगा पड़ा

दूसरी बैंक में गिरवी

अंचल कार्यालय में जांच वैभव काले ने की। जांच में पता चला कि जो संपत्ति दिखाई गई उसके दस्तावेज फर्जी (Jabalpur Fake Document Loan Scam )  है। संपत्ति के वास्तविक दस्तावेज जबलपुर स्थित कैंट की पंजाब नेशनल बैंक (Jabalpur Punjab National Bank) ब्रांच में बंधक थे। इस बंधक संपत्ति पर पंजाब नेशनल बैंक ने धनपत अरोरा (Dhanpat Arora), पत्नी शीला अरोरा और बेटे हिमांशु अरोरा (Himanshu Arora) को पहले ही लोन दे दिया था। वहां भी धनपत अरोरा की संपत्ति बंधक होने के साथ—साथ सरफेसी एक्ट 2005 की धारा 13—4 के तहत सीज थी।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: पुताई करते वक्त बेसुध मजदूर की मौत

अन्य की भूमिका पर सवाल

वैभव काले (Vaibhav Kale) ने पूरी रिपोर्ट बनाकर पुणे स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र के मुख्यालय पहुंचा दी। जहां से धनपत अरोरा, उसकी पत्नी शीला अरोरा और बेटे हिमांशु अरोरा के खिलाफ मुकदमा (Arora Family Scam ) दर्ज कराने के आदेश दिए गए। जिसके बाद बैंक ने 2019 में प्रकरण ईओडब्ल्यू को सौंप दिया था। ईओडब्ल्यू को शक है कि इस फर्जीवाड़े में कई अन्य व्यक्तियों की भूमिका संदिग्ध है। बैंक की रिपोर्ट में तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत अन्य व्यक्तियों की भूमिका अभी सामने आना बाकी है।

यह भी पढ़ें: घर वापसी के एक प्रोजेक्ट पर भाजपा की सरकार इसलिए हो गई खामोश

खबर को शेयर करें
क्या आप द क्राइम इंफो से जुड़ना चाहते हैं! अब द क्राइम इंफो एप्प की शक्ल में आपके साथ रहेगा। यह संदेश पढ़ने तक एक मैसेज आपके पास आएगा। आप उसको अलाउ करें, फिर आपके और हमारे बीच की दूरियां कम होगी। यह एप्प आपके मोबाइल पर दिखाई देने लगेगा। बस क्लिक कीजिए और अपने आस—पास चल रही खबरों को तुरंत जानिए। www.thecrimeinfo.com विज्ञापन रहित दबाव की पत्रकारिता को आगे बढ़ाते हुए काम कर रहा है।

खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। इसलिए हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: चंदन के पेड़ काटते वक्त आ गई पुलिस
Don`t copy text!