Co-Operative Bank Manger Scam: लेटर देकर बुरे फंसे पूर्व बैंक मैनेजर

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Co-Operative Bank Manger Scam: विभाग को धोखे में रखकर मां और पत्नी के नाम पर खरीदी लाखों रुपए की संपत्ति

Co-Operative Bank Manger Scam
File Photo

भोपाल। जिला सहकारी बैंक के एक तत्कालीन बैंक मैनेजर का भ्रष्टाचार (Co-Operative Bank Manger Scam) उनकी चिट्ठी ने उजागर कर दिया। इस चिट्टी की जानकारी उन्होंने जांच कर रही एजेंसी को दी थी। एजेंसी के पड़ताल में ऐसा पत्र ही सरकारी रिकॉर्ड में नहीं मिला। नतीजतन, बैंक मैनेजर के खिलाफ जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना (Harda Bank Manager Cheat Case) का मामला दर्ज कर लिया गया। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) के हरदा (Harda Crime News) जिले की है। जिसकी एफआईआर आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (Economic Offense Wing) ने बुधवार को दर्ज की है। मामला आय से अधिक संपत्ति की जांच से जुड़ा है। जिसमें लाखों रुपए की संपत्ति अर्जित करने के दस्तावेज ईओडब्ल्यू को मिल गए है।

जब नौकरी लगी तब कुछ नहीं था

ईओडब्ल्यू (EOW Hindi News) के अनुसार इस घोटाले की शिकायत 2012 में हुई थी। शिकायत हरदा जिले के टिमरनी में स्थित जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन बैंक मैनेजर हेमंत व्यास (Bank Manager Scam) के खिलाफ थी। हेमंत व्यास की जब नौकरी लगी थी तब उसके पास कोई संपत्ति नहीं थी। लेकिन, जब वह रिटायर हुआ तो पत्नी ममता व्यास (Mamta Vyas) और मां कमला बाई के नाम पर कई संपत्तियां खरीद ली गई। व्यास ने अपने बचाव में ईओडब्ल्यू से कहा था कि उसने संपत्तियों को खरीदने और उसकी जानकारी 2005 में होशंगाबाद (Hoshangabad) स्थित महाप्रबंधक को दे दी थी।

ऐसे फंसा बैंक मैनेजर

ईओडब्ल्यू (EOW News) ने बताया कि पत्नी ममता व्यास और मां कमला बाई (Kamla Bai) के नाम पर तीन—तीन मंजिला के मकान, 16 एकड़ से अधिक कृषि भूमि और 10 एकड़ में स्टोन क्रेशर में पार्टनरशिप मिली। हेमंत व्यास (Hemant Vyas) 1990 में सेवा में आए थे। वे 2011 तक सेवा में रहे। उसके बाद वे रिटायर हो गए थे। रिटायरमेंट के बाद मामले की शिकायत हुई थी। जांच में पाया गया कि सेवा काल में करीब 18 लाख रुपए हेमंत व्यास (Hemant Vyas Scam) को मिले। लेकिन, संपत्ति करीब 58 लाख रुपए की थी। मामला आय से अधिक का प्रमाणित पाया गया। आरोपी को बचाव का मौका दिया जिसमें वह फंस गया। महाप्रबंधक कार्यालय ने बताया कि हेमंत व्यास ने जिस पत्र को दिया है वह रिकॉर्ड में मौजूद ही नहीं है। इस तरह का आवक—जावक नंबर और वह पत्र नहीं मिला।

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ऐसे करता था जालसाजी

ईओडब्ल्यू ने बताया कि आरोपी हेमंत व्यास ने अपने पद (Bank Manager Ka Ghotala) का गलत इस्तेमाल किया। उसने पद में रहते हुए कई लोन माफ कर दिए या फिर उसके जुर्माने की राशि कम ली गई। वह कौन से मामले थे यह अभी पता लगाया जाना बाकी है। इसके अलावा आरोपी ने कर्ज बांटने में भी कई लोगों से कमीशन लिया। इससे मिली आय को उसने पत्नी की बताकर संपत्ति बनाई। हालांकि उसने इसकी मंजूरी विभाग से नहीं ली। जांच प्रमाणित पाए जाने के बाद आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।

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