आत्मनिर्भर भारत के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज, चौथे लॉकडाउन में होंगे नए नियम

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पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, लोकल के लिए वोकल होने की अपील

Citizenship Amendment Act
नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से लड़ने के लिए बड़े पैकेज का ऐलान किया है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ का पैकेज देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की अहम कड़ी होगा। ये पैकेज में लैंड, लेवर, लिक्विडिटी, लघु, मध्य उद्योग के लिए है। जो करोड़ों लोगों के रोजगार का साधन है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देता है। देश के विकास में अपना योगदान देता है। वित्त मंत्री आत्मनिर्भर पैकेज की जानकारी देंगी। ये पैकेज 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का 10 फीसदी है। 20 लाख करोड़ का पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा। वित्त मंत्री आत्मनिर्भर पैकेज की जानकारी देंगी।

लोकल को बनाना होगा ब्रांड  

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट ने लोकल मार्केट, लोकल सप्लाई चैन का महत्व समझा दिया है। हमे लोकल ने ही बचाया है। समय ने हमे सिखाया है कि लोकल को हमे अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। ग्लोबल ब्रांड भी पहले लोकल ही थे। लेकिन वहां के लोगों ने जब उनका प्रचार किया तो वो प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। न सिर्फ प्रोडक्ट खरीदने है बल्कि उनका प्रचार भी करना है।

नए रूप में होगा चौथा चरण

लॉकडाउन का चौथा चरण। पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। नए नियमों वाला होगा। राज्यों से मिले सुझाव के आधार पर लॉकडाउन-4 इससे जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी। नियमों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे भी आगे भी बढ़ेंगे। 21 वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ भारतवासियों की प्रण शक्ति से ही पूरा होगा। नई संकल्प शक्ति को लेकर आगे बढ़ना है। कोरोना लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा। हम मास्क पहनेंगे। दो गज दूरी का पालन करेंगे। लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे।

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प्रधानमंत्री ने कहा आत्मनिर्भर बनना होगा

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपनों को खोया है।

एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया है। विश्वभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही है। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी हुई है। हमने ऐसा संकट न देखा है और न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सबकुछ अकल्पनीय है। ये क्राइसिस अभूतपूर्व है। लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंजूर नहीं होता। संतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमे बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।

आज जब दुनिया संकट में है तब हमे अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियों हम पिछली शताब्दी से भी लगातार सुनते आए है कि 21 वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमे कोरोना से पहले भी दुनिया को देखने का मौका मिला है। कोरोना संकट से भी दुनिया में जो स्थितिया बनी है उसे भी देख रहे है। जब हम दोनों ही कालखंडों को भारत के नजरिए से देखते है तो लगता है कि 21 सदी भारत की हो ये हमारा सपना ही नहीं, जिम्मेदारी भी है।

विश्व की आज की स्थिति हमे सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है कि यहीं रास्ता है आत्मनिर्भर भारत। साथियों एक राष्ट्र के रूप में आज हम बहुत अहम मोड पर खड़े है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है। एक अवसर लेकर आई है।

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मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बताने का प्रयास करता हूं। जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का नाममात्र निर्माण होता था। आज भारत में ही 2-2 लाख रोज बन रहे। ये हम इसलिए कर पाए क्यों कि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया।

 

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