MP Police : डीजीपी वीके सिंह की कुर्सी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर

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MP Policeगृह विभाग ने 29 नामों की सूची यूपीएससी को भेजी, तीन नामों का पैनल बनाकर राज्य सरकार को भेजेगा कमीशन

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) के डीजीपी वीके सिंह की कुर्सी सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण प्रभावित हो सकती है। इसी आदेश के तारतम्य में मध्यप्रदेश गृह विभाग ने 29 नामों की सूची संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजी है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद सिंह सीबीआई चीफ ऋषि कुमार शुक्ला को हटाकर प्रदेश के डीजीपी बनाए गए थे।

यह है मामला
जानकारी के अनुसार जुलाई, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी तय करने के अधिकार संघ लोक सेवा आयोग को सौंपने के आदेश जारी किए थे। आदेश में कहा गया था कि प्रदेश के सभी राज्य डीजीपी के लिए समिति नियु​क्त करने से पहले यूपीएससी से अनुमति ले। इस आदेश को लेकर छह राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा राज्य सरकार ने आदेश को चुनौती देने के लिए याचिका लगाई थी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय बैंच (Supreme Court Bench) जिसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल थे। तीनों न्यायाधीश ने राज्यों की सारी दलीले सुनी जिसके बाद जनवरी, 2019 में अपना फैसला सुनाया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में जारी आदेश को यथावत रखते हुए क​हा था कि यह आदेश हितकारी और जनहित में हैं।

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अब ऐसे होगा चयन
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के डीजीपी चयन (DGP Selection Rules) की नई व्यवस्था जुलाई, 2018 में दी थी। इसमें राज्य सरकारों को सेवानिवृत्त होने वाले अफसरों को डीजीपी के पद पर रखने की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यूपीएससी के समक्ष राज्य सरकार 29 अधिकारियों के नामों की सूची भेजेगा। इसमें से सीआर समेत अन्य योग्यता प्रमाण देखने के बाद तीन नामों का पैनल बनाकर संघ राज्य सरकार को भेजेगा। इसमें दो साल या उससे कम अवधि के अफसरों के नाम रहेंगे। डीजीपी के लिए मैरिट और सीनियरिटी को प्राथमि​कता दी जाएगी।

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यह नाम भेजे गए
बुधवार को प्रकाशित दैनिक हरिभूमि समाचार पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने 29 अफसरों की सूची यूपीएससी (UPSC) को भेजी है। इसी सूची के आधार पर तीन नाम तय करके राज्य सरकार को दिया जाएगा। जिन अफसरों के नाम भेजे गए हैं उनमें डीजीपी वीके सिंह भी हैं। इसके अलावा 1984 बैच के आईपीएस डीजी जेल संजय चौधरी, स्पेशल डीजी पुलिस रिफॉर्म मैथिलीशरण गुप्त, 1985 बैच के डीजी होमगार्ड अशोक दोहरे, डीजी अभियोजन राजेन्द्र कुमार, स्पेशल डीजी महान भारत सागर, 1986 बैच के डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी, स्पेशल डीजी संजय राणा, डीजी लोकायुक्त अनिल कुमार, स्पेशल डीजी सायबर सेल पुरूषोत्तम शर्मा और 1987 बैच के आईपीएस डीजी एसएएफ विजय यादव का नाम शामिल है। 1986 बैच के आलोक कुमार पटैरिया सीआईएसएफ में डीजी है।

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कार्यभार सौंपेते हुए पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला साथ में हैं मध्यप्रदेश के डीजीपी वीके सिंह

वहीं 1986 बैच के आईपीएस डॉक्टर शैलेन्द्र श्रीवास्तव ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का भी सूची में नाम हैं। एडीजी पवन कुमार जैन, अरूणा मोहन राव, शैलेष सिंह, राजेन्द्र कुमार मिश्रा, आरके टंडन, सुधीर कुमार अन्वेष मंगलम, कैलाश मकवाना, एसएल थाउसने, सुशोभन बनर्जी, मिलिंद कांसकर, अजय कुमार शर्मा, जीआर मी​णा और सुषमा सिंह का भी नाम सूची में हैं। इन नामों में से तीन नाम पर यूपीएससी मुहर लगाकर राज्य सरकार को देगा।

इन कारणों से पड़ेगा प्रभाव
मध्यप्रदेश कैडर में 1984 बैच के आईपीएस विजय कुमार सिंह मध्यप्रदेश के जनवरी, 2019 में डीजीपी बनाए गए थे। इससे पहले प्रदेश के डीजीपी 1983 बैच के ऋषि कुमार शुक्ला थे। जिन्हें डीजीपी से हटाकर मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग में भेज दिया गया था। लेकिन, कुछ समय बाद ही उनके प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई के डायरेक्टर बनाने के आदेश जारी किए गए। वीके सिंह ने प्रभारी डीजीपी का कार्यकाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखा था। सिंह के डीजीपी रहने अथवा नहीं रहने को लेकर संशय बना है। दरअसल, यूपीएससी जुलाई, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करेगा। ऐसे में यूपीएससी ही तीन नाम तय करके राज्य सरकार को भेजेगा। इसमें सीआर से लेकर कई अन्य परफॉर्मेंस रिपोर्ट देखी जाएगी।

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