J&K Effect : आतंकी हमले को लेकर प्रदेश में भी अलर्ट जारी

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J&K Effect
वाहनों की तलाशी लेते भोपाल में पुलिसकर्मी

पीएचक्यू ने रेंज और जिलों के एसपी को दिए एहतियात बरतने के आदेश, सोशल मीडिया पर निगरानी ​बड़ी, प्रदेश के चिन्हित संगठनों की गतिविधियों पर रखी जा रही है नजर

भोपाल। जम्मू—कश्मीर (J&K Effect) में अचानक बड़ी सैन्य गतिविधियों को देखते हुए मध्यप्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस संबंध में शनिवार को पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित हुई। जिसके बाद सभी रेंज और जिलों में एसपी को एडवायजरी कर दी गई है।
इसी महीने ईद, स्वतंत्रता दिवस, नागपंचमी और रक्षा बंधन समेत अन्य प्रमुख त्यौहार भी है। इसमें कोई बाधा न पहुंचे उसको लेकर भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा केन्द्रीय एजेंसियों से पुलिस मुख्यालय की अलग—अलग एजेंसियों के मुखिया लगातार संपर्क में हैं। दरअसल, पिछले एक पखवाड़े से जम्मू—कश्मीर में (J&K Effect) सैन्य गतिविधियां बढ़ गई है। जिसको देखते हुए सोशल मीडिया में अलग—अलग भ्रामक संदेश चलाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश पुलिस मुख्यालय ने शनिवार को जारी कर दिए हैं। प्रदेश के वह ठिकाने जहां सैन्य साजो—सामान के अलावा अन्य कार्य किए जाते हैं उन जिलों को विशेष चौकसी बरतने के लिए कहा गया है। पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिए हैं कि बुरहानपुर, मंदसौर, ग्वालियर, इटारसी, जबलपुर समेत अन्य संवेदनशील जिलों के बल को स्टेंड बाय पर रखा जाए। मुख्यालय स्तर पर एक टीम बनाई गई है जो केन्द्रीय गतिविधियों के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों को फीडबैक देने और लेने का काम कर रही है। इन सभी विषयों पर डीजीपी वीके सिंह को दिन में तीन बार फीडबैक देने का भी काम किया जा रहा है।
एडीजी गुप्तवार्ता कैलाश मकवाना ने मॉब लीचिंग के खिलाफ भी सख्त रूख अपनाने के आदेश दिए हैं। ऐसे संगठन जो जम्मू—कश्मीर के असर (J&K Effect) पर भ्रम फैलाकर मॉब को भड़का सकते हैं उन पर निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए हैं। मकवाना ने बच्चा चोर गिरोह और रोहिंग्या मुसलमान को लेकर फैलाए जा रहे संदेशों को भ्रामक बताते हुए कहा कि इसको लेकर अलर्ट पहले ही जारी कर दिया गया है।

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