Bhopal News: मुख्यमंत्री जी देख लीजिए, सड़कों पर जानवरों की तरह लोग कुचले जा रहे हैं और जानवर यात्री बसों की डिग्गी से सुरक्षित निकल रहे हैं, पुलिस ने सबकुछ देखा पर किया कुछ नहीं

भोपाल। आईपीएस स्कूल बस की दुर्घटना में एक इंटर्नशिप कर रही छात्रा की जान चली गई थी। यह हादसा भोपाल (Bhopal News) शहर के टीटी नगर थाना क्षेत्र में हुई था। उस वक्त राजधानी का ट्रांसपोर्ट डिपाटमेंट जमकर एक्सपोज हुआ था। स्कूल बस बिना फिटनेस और बीमा पर दौड़ रही थी। यह अनदेखी यहां तक सीमित नहीं हैं। भोपाल आरटीओ बाडी बरेली से चलकर आने वाली यात्री बसों में भी आंखें मूंदे हुए हैं। इन यात्री बसों की डिग्गी में जमकर कुर्बानी के लिए बिकने आ रहे बकरों को भरकर लाता है।
यह है वह यात्री बस जिसमें नजारा कैद हुआ
आईपीएस स्कूल (IPS School) बस से हुए हादसे के बाद प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से उसको बेचने का करार किया था। इस फर्जीवाड़े में जालसाजी का प्रकरण दर्ज किया जाना था। लेकिन, ऐसा न करते हुए सड़क दुर्घटना और मोटर यान अधिनियम के तहत आईपीएस स्कूल के सचिव और मैनेजर प्रदीप पांडे (Pradeep Pandey) को गिरफ्तार किया गया। हालांकि अब वे जमानत पर बाहर आ चुके हैं। इस दुर्घटना के बाद उपजे विवाद को एक पखवाड़ा भी नहीं बीता है कि इधर, सुभाष नगर (Subhash Nagar) आरओबी के नीचे यात्री बस की क्रूरता उजागर हो गई। दरअसल, न्यू रॉयल स्टार बस (New Royal Star Bus) एमपी—04—पीए—1537 की डिग्गी में चार बकरों को डिग्गी से उतारा गया। यह बस बाडी—बरेली की तरफ से चलकर आ रही थी। यात्री बसों में पशु परिवहन नहीं किया जा सकता है। यह मोटर यान अधिनियम में प्रतिबंधित भी है। इसके बावजूद इस रुट पर चलने वाले अधिकांश यात्री वाहनों में बकरों को भरकर बड़ी निर्ममता के साथ लाया जाता है। यह नजारा 30 मई की सुबह लगभग 11 बजे द क्राइम इंफो ने कैद भी किया। उस वक्त वहां ऐशबाग (Aishbag) थाने की तरफ से तैनात डायल 100 वाहन का ड्रायवर भी उस वाहन की डिग्गी से उतारे जा रहे बकरों का का वीडियो (Video) बनाता रहा। उसने वाहन के कंडक्टर को रोकना भी चाहा। हालांकि वह रुकने की बजाय वहां से चला गया। अगले महीने बकरा ईद भी है जिसके लिए इस रुट से आने वाले बकरों को यात्री वाहन में ऐसे ही ठूंस—ठूंसकर लाया जाता है। इन्हें सुभाष नगर आरओबी से लेकर प्रभात चौराहे के पूर्व तक खुलेआम सड़कों पर उतारा भी जाता है। यह नजारा पूर्व में भी कई बार कैमरों में कैद हो चुका है। इसके बावजूद भोपाल आरटीओ (Bhopal RTO) की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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