Jabalpur Crime : बैंक मैनेजर ने लोन मंजूर कर अपने खाते में ट्रांसफर कर ली रकम

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निलंबित बैंक मैनेजर, आफिस अस्सिटेंट समेत अन्य के खिलाफ जालसाजी और गबन का मामला दर्ज, संदेह के दायरे में आधा दर्जन से अधिक खाताधारक

Jabalpur Crime
File Photo

जबलपुर। जबलपुर के रांझी इलाके में स्थित सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक में साढ़े इक्कीस लाख रुपए के (Jabalpur Crime) गबन और जालसाजी का मामला सामने आया है। इस मामले में आरोपी तत्कालीन और निलंबित चल रहे बैंक मैनेजर और आफिस असिस्टेंट समेत कई अन्य है।

आडिटर ने की थी जांच

जानकारी के अनुसार आरोपियों ने सरकारी अनुदान और मार्जिन राशि का गबन किया है। जिसकी लिखित में विभाग की तरफ से शिकायत की गई थी। इस मामले में (Jabalpur Crime) रांझी थाना पुलिस ने फिलहाल तत्​कालीन बैंक मैनेजर आनंदी लाल जाटव और कार्यालय सहायक रंजना श्रीवास्तव को आरोपी बनाया है। इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों से मिलकर विभाग की तरफ से की गई थी। विभाग ने पुलिस को बताया कि जांच आडिटर आरके दुबे ने की थी। उसी जांच में पता चला कि मप्र राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित की तरफ से स्वरोजगार, कारखाने लगाने और स्व सहायता योजना के तहत बैंक लोन बांटती है। इसके पहले प्रकरण समिति बनाकर पेश करती है। इसी प्रक्रिया के दौरान कुछ गड़बड़ियां सामने आई थी। जिसकी जांच के बाद यह घोटाला सामने आया।

यह थे खाते

जांच में पता चला कि जून, 2018 में 6—6 लाख रुपए की मांग की गई। लेकिन, इस राशि का भुगतान (Jabalpur Crime) आनंदी लाल जाटव ने जुलाई, 2018 में अतुल, शालिन चौहान, कीर्ति जाटव, दिलीप चौधरी नीतेश जाटव और शिवानी जाटव को किया गया। इसी तरह सितंबर, 2018 में रिलीज 6 लाख रुपए की अन्य राशि करिश्मा अहिरवार, कमलेश चौधरी और मोहन प्रसाद को किया गया। दोनों आरोपियों ने एक खाता धारक आनंद जाटव के नाम पर बिना योग्यता और दस्तावेजों के बचत खाता खोलकर भुगतान किया गया। यह राशि मनो कुमारी के खाते में डेढ़ लाख रुपए जमा कराई गई।

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ऐसे पता चला

इस राशि का इस्तेमाल आनंदीलाल जाटव (Anandilal Jatav) ने किया। इतना ही नहीं दोनों आरोपियों ने कटनी में रहने वाली शांतिबाई के खाते से रकम निकाल ली गई। जबकि शांतिबाई ने रकम निकालने के लिए फॉर्म ही जमा नहीं किया था। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने 21 लाख और 52 हजार रुपए से अधिक की राशि का गबन किया है। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर दोनों आरोपियों को बैंक ने निलंबित कर दिया है। निलंबन के उपरांत रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई थी।

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