Fake Railway Recruitment: कोलकाता रेलवे बोर्ड में थी महिला की जुगाड़, कई बेरोजगार बुरे फंसे

Share

Fake Railway Recruitment: स्पेशल टास्क फोर्स समेत कई जिलों की पुलिस इस लेडी नटवरलाल को कर रही है तलाश

Fake Railway Recruitment
लेडी नटवरलाल शोभा खरे की यह धुंधली तस्वीर लेकर कई बेरोजगार उसको जगह—जगह तलाश रहे हैं।

भोपाल। चर्चित नटवरलाल के किस्से आपने सुने होंगे। लेकिन, क्या कभी सोचा है कि एक महिला भी ऐसा कर सकती है। ताजा मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया है। घटना चूना भट्टी इलाके की है। यहां एक महिला कवर्ड कैंपस में रहती थी। इस दौरान उसने एक—एक करके युवाओं को अपने जाल में फंसाया। फिर लाखों रुपए बटोरकर (Fake Railway Recruitment) वह फरार हो गई। उसके किस्से थाने तक पहुंचते उससे पहले कई जिलों की पुलिस ने भोपाल पुलिस से संपर्क साध लिया। अब फरार लेडी नटवरलाल समेत कई अन्य संदेहियों की पुलिस को तलाश है।

बेटे को करती थी आगे

चूना भट्टी थाना पुलिस के अनुसार 09 जुलाई की दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे धारा 420/467/468/471/120बी (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, जालसाजी के लिए दस्तावेजों का इस्तेमाल और साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की आरोपी लेडी नटवरलाल है। वह कोणार्क एवेन्यू कॉलोनी में रहती थी। उसका नाम शोभा खरे बताया जा रहा है। बेहद शा​तिर महिला झांसे में लेने के लिए बेटे मयंक खरे (Mayank Khare) को आगे करती थी। उसको अपनी पहुंच के जरिए रेलवे में नौकरी दिलाने की बात वह बताती थी। यकीन दिलाने के लिए मयंक खरे बेरोजगारों को रेलवे स्टेशन में भी ले जाता था। हालांकि चूना भट्टी थाना पुलिस ने मयंक खरे को आरोपी नहीं बनाया है। पुलिस ने शोभा खरे के अलावा सुखदयाल उर्फ दीपक (Sukhdayal@Deepak) के खिलाफ केस दर्ज है।

यह भी पढ़ें:   Indore Crime : जिस बिल्डिंग के लिए बल्ला उठाया वह तोडऩे का आदेश शिवराज सरकार में हुआ जारी

यह भी पढ़ें: पुलिस कह रही है महिला सड़क दुर्घटना में जख्मी हुई थी, परिवार का दावा है कि उसकी पुलिस ने ही हत्या की है

कोलकाता ले गई थी महिला

Fake Railway Recruitment
लेडी नटवरलाल का साथ देने वाला मामले में आरोपी और धुंधली तस्वीर के साथ सुखदयाल उर्फ दीपक

इस मामले की शिकायत मूलत: सागर निवासी कमलेश रैकवार (Kamlesh Raikawar) ने की थी। वह कंप्यूटर रिपयेरिंग का काम करता है। उसका दोस्त राकेश कड़ा है जो टीकमगढ़ (Tikamgarh) में रहता है। उसकी मौसी शोभा खरे हैं। उसने ही मुख्य आरोपी से मुलाकात कराई थी। कमलेश रैकवार ने बताया कि उसने बेटे के अलावा दो अन्य रिश्तेदारों को भी नौकरी दिलाने का दावा किया था। पहली किस्त तीन लाख रुपए दी थी। फिर दूसरी किस्त कोलकाता (Kolkata) में सुखदयाल उर्फ दीपक को दी थी। उसको शोभा खरे ने रेलवे भर्ती बोर्ड का अधिकारी बनाया था। उसकी बकायदा परीक्षा हुई। जिसका परिणाम बताई गई वेबसाइट पर भी सार्वजनि​क हुआ था। फिर मेडिकल टेस्ट कराकर उसका सर्टिफिकेट भी दिया गया। इसके बाद उसको नियुक्ति पत्र दिया गया जो फर्जी निकला।

कई जिलों की पुलिस को है तलाश

Fake Railway Recruitment
चूना भट्टी थाना, जिला भोपाल— साभार चित्र

शोभा खरे बेहद शातिर महिला है। उसने कमलेश रैकवार समेत करीब एक दर्जन बेरोजगारों को छह से 10 लाख रुपए की चपत लगाई है। वह पहले छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिले में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करती थी। जहां से वह बर्खास्त भी हुई थी। लेकिन, केस जीतने के बाद उसे वापस नौकरी मिल गई थी। हालांकि उसने नौकरी ज्वाइन अभी तक नहीं की है। उसकी तलाश भोपाल पुलिस के अलावा छिंदवाड़ा और जबलपुर (Jabalpur) पुलिस को भी है। जांच में यह भी पता चला है कि शोभा खरे ने कुछ बेरोजगारों को चैक भी दिया था। हालांकि वह बाउंस हो गया था। जबलपुर एसटीएफ को भी शोभा खरे की तलाश है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: साढ़े आठ साल की बच्ची से सरकारी स्कूल में बलात्कार

यह भी पढ़ें: यह शातिर चार जालसाज जिनका नेटवर्क गांव में फैला था, पुलिस को भी खबर है कि पीछे नेता का है

खबर के लिए ऐसे जुड़े

Fake Railway Recruitment
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

Note: Fake Railway Recruitment से संबंधित मामले में संदेहियों की तस्वीरें पी​ड़ित बेरोजगारों की तरफ से मुहैया कराई गई है। द क्राइम इंफो माननीय न्यायालय के आदेशों का पूरा सम्मान करता है। लेकिन, यह चेहरे बेनकाब करना आवश्यक है। क्योंकि यह कई बेरोजगारों को अभी भी कहीं ठग रहे होंगे। यह कहकर युवाओं ने हमसे इनके चेहरे जनहित में सार्वजनिक करने का आग्रह किया है।

Don`t copy text!