MP Scam News: जीएसटी में 34 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा

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MP Scam News, चार व्यक्तियों के दस्तावेज इस्तेमाल करके बोगस कंपनी बनाकर फर्जी ट्रेडिंग बिल लगाए, वाणिज्य कर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर ने पकड़ी गड़बड़ी, आरोपी को रांची से गिरफ्तार किया गया

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। जीएसटी (GST) में टैक्स चोरी करके दूसरे कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए खोली बोगस (Bogus) चार फर्म के एक मालिक को उत्तराखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी (MP Scam News) ने ऐसा करने के लिए चार बोगस फर्म खोली थी। जिसके लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज जिन लोगों से हासिल किए थे उन्हें लोन दिलाने का झांसा देकर हथियाए गए थे। यह पूरा फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब जबलपुर केे चार लोगों के खातें में करोड़ों रुपए के फर्जी ट्रेड होने की भनक वाणिज्य कर विभाग को पता चली। उन्होंने इसे राजस्व नुकसान का मामला मानते हुए प्रकरण भोपाल में ईओडब्ल्यू (EOW)  को भेज दिया।

लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज किये इस्तेमाल

इस मामले का आरोपी विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे (Vinod Kumar Sahay@NK Khare) हैं। उसे रांची (Ranchi) से गिरफ्तार करने के बाद जबलपुर न्यायालय में पेश करके रिमांड पर लिया गया है। जालसाज के संबंध में असिस्टेंट कमिश्नर वैष्णवी पटेल और ज्योत्सना ठाकुर ने ईओडब्ल्यू (EOW) को रिपोर्ट भेजी थी। वाणिज्य कर विभाग (Excise Department) अब तक 34 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ चुका है। आरोपी पहले एनके खरे नाम बताकर जबलपुर (Jabalpur) में रहता था। उस दौरान उसने प्रताप सिंह लोधी(Pratap Singh Lodhi) , दीनदयाल लोधी (Deendayal Lodhi) , रविकांत सिंह (Ravikant Singh) और नीलेश कुमार पटेल (Neelesh Kumar Patel) को लोन दिलाने का झांसा दिया था। इनके ही दस्तावेजों का इस्तेमाल करके मैसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स (M/s Maa Narmada Traders) , मैसर्स नमामि ट्रेडर्स (M/s Namami Traders) , मैसर्स मां रेवा ट्रेडर्स (M/s Maa Rewa Traders) और मैसर्स अभिजीत ट्रेडर्स (M/s Abhijeet Traders) नाम की फर्म बनाई। यह सारी फर्म (Firm)  2019 से 2020 के बीच बनाई थी। इन चारों कंपनियों के ई—मेल आईडी से लेकर उनके मोबाइल (Mobile) नंबर अपने पास रखे थे। उसने इसी ई—मेल का इस्तेमाल करके जगदम्बा कोल कैरियर्स (Jagadamba Coal Carriers) और महामाया ट्रेडर्स (Mahamaya Traders) नाम की फर्म डाल दी थी।

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वाणिज्य कर विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध

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सांकेतिक चित्र

विनोद सहाय ने यह पूरा फर्जीवाड़ा (MP Scam News) करके फर्जी माल बिक्री की सप्लाई दिखाई। आरोपी ने मैसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स फर्म पर एक करोड़, 16 लाख, 62 हजार रुपए से अधिक का आउटवर्ड सप्लाई दिखाई। जिसके लिए 33 लाख से अधिक का फर्जी टैक्स अंतरित किया। यह कंपनी प्रताप सिंह लोधी के नाम पर थी। लेकिन, रकम एक्सिस बैंक (Axis Bank) के खाते में गई जो विनोद कुमार सहाय के पास था। इसी तरह दीनदयाल लोधी के दस्तावेजों पर बनाई फर्म मैसर्स नमामि ट्रेडर्स में दस करोड़, 58 लाख, 73 हजार से अधिक का कारोबार उसने प्रदर्शित किया। जिसमें करीब तीन करोड़ रुपए आईटीसी अं​तरित किए। यही काम रविकांत सिंह के दस्तावेजों पर बनी मैसर्स मां रेवा ट्रेडर्स और नीलेश कुमार पटेल के दस्तावेजों की मदद से बनी मैसर्स ​अभिजीत ट्रेडर्स में भी किया गया। इन कंपनियों के जरिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई कोल ट्रेडिंग और बिल्डिंग मटैरियल ट्रेडिंग कारोबारियों को मदद पहुंचाई जा रही थी। उनके संबंध में ईओडब्ल्यू (EOW) कनेक्शन स्थापित करने के लिए आरोपी से पूछताछ कर रही है। वहीं ऐसा करने के लिए उसने कुछ कारोबारियों से पैसा भी लिया। अभी उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ईओडडब्ल्यू को शंका है कि इस फर्जीवाड़े में वाणिज्य कर विभाग के कुछ कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध है।ईओडब्ल्यू के अनुसार तफ्तीश के दौरान केडी सेल्स कॉर्पोरेशन (KD Sales Corporation) का पता चला। यह फर्म प्रमोद कुमार नामदेव (Pramod Kumar Namdev) के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस फर्म ने कागज में 64 करोड़, 38 लाख, 61 हजार से अधिक के फर्जी बिल बनाए। इन बिलों के जरिए करीब 18 करोड़ रुपए के फेक इनपुट क्रेडिट कंपनियों को दिलाया गया। इसी तरह महक इंटरप्राइजेस (Mahak Enterprises) राजा शेख (Raja Shaikh) के दस्तावेजों पर बनी। यह भोपाल से संचालित थी। इसके जरिए भी करीब सवा एक करोड़ रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया गया। ईओडब्ल्यू को जांच में अभी दिलीप ट्रेडर्स (Dilip Traders) , अंकिता स्टील एंड कोल (Ankita Steel And Coal) , जगदम्बा कोल कैरियर्स, कोराज टेक्निस, महामाया ट्रेडर्स, अंबर कोल डिपो(Amber Coal Depo) , अनम ट्रेडर्स (Anam Traders) समेत अन्य फर्म की जानकारी जुटाना अभी बाकी है। विनोद सहाय के नाम पर सिटरोन मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड (Citron Minerals Private Limited) , गेरिसन कोल प्रायवेट लिमिटेड (Garrison Coal Private Limited) , आर्या कोल ट्रेडिग प्रायवेट लिमिटेड (Arya Coal Trading Private Limited) , वीके मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड (VK Minerals Private Limited) और जेएमएसडी अलॉप्स प्रायवेट लिमिटेड (JMSD Allops Private Limited) में भी निदेशक हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में चौदह फर्म को जांच के दायरे में लिया है। इस फर्जीवाड़े में 21 जून को प्रकरण दर्ज किया गया था।

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