गुना मामले में सोशल मीडिया पर भी घिरी सरकार, एसपी-कलेक्टर को हटाया

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उठाए सवाल, ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा मामला

Guna Video
दलित दंपत्ति को पीटती पुलिस

गुना। मध्यप्रदेश के गुना (Guna) जिले में जगनपुर चक में एक दलित परिवार की पिटाई का वीडियो (Guna Video) जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस पति-पत्नी को बेरहमी से पीटते हुए दिखाई दे रही है। इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए शिवराज सरकार को दलित विरोधी करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में सरकार को घेरते हुए गंभीर सवाल उठाए है। वीडियो वायरल होने के बाद जांच की बात कहीं जा रही है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार आते ही किसानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे है, भूमाफियाओं के दबाव में किसानों को इस कदर पीटा जा रहा है कि वो जहर खाने को मजबूर हो गए है। वहीं ट्विटर पर शिवराज_सिंह_इस्तीफा_दो ट्रैंड चल रहा है।

कलेक्टर-एसपी को हटाया

दलित परिवार की पिटाई का वीडियो और मार्मिक तस्वीरें वायरल हो जाने के बाद शिवराज सरकार चौतरफा गिरती नजर आ रही है। कांग्रेस हमलावर है तो वहीं सोशल मीडिया पर भी शिवराज सरकार के खिलाफ मुहिम चल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने भी त्वरित एक्शन लिया है। बड़ा फैसला लेते हुए कलेक्टर एस विश्वनाथन और एसपी तरुण नायक को हटा दिया गया है।

पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का तंज

‘इंसानों की बस्ती में यदि मुखिया टाइगर बन जाए तो ज़ुल्म-ओ-सितम आवाम का भाग्य बन जाता है..’

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि- ‘गुना की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दे दिए है।’

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यह है मामला

साइंस कॉलेज के लिए आवंटित भूमि से कब्जा हटाने के दौरान मंगलवार को एक दलित दंपत्ति ने जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। राजकुमार अहिरवार एवं उसकी पत्नी अपने सात बच्चों के साथ अफसरों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती भी रही। उसका कहना था कि यह जमीन गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है। कर्ज लेकर वो बोबनी कर चुका है। लेकिन अफसरों ने एक नहीं सुनी। दोनों जहर पीकर खेत में ही पड़े रहे। मासूम बच्चे बिलखते रहे। मौके पर राजकुमार का छोड़ा भाई आया तो पुलिस ने उस पर लाठियां और लात घूसे बरसाना चालू कर दिया। कुछ देर बाद दंपत्ति को उठाकर जिला अस्पताल भेजा गया। इस मामले में तहसीलदार निर्मल राठौर का कहना था कि परिवार ने महिला पुलिस के साथ झूमाझटकी की थी। लिहाजा पुलिस ने सख्ती दिखाई। वहीं कलेक्टर एस विश्वनाथन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है।

कमलनाथ ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ? ये कैसा जंगल राज है ? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज। यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनन हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनो की व मासूम बच्चो तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहाँ का न्याय है? क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है, ग़रीब किसान है? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी ? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।

देखें वीडियो

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