Bhopal Murder Case: डॉक्टर के दुश्मन बने दोस्त तो ऐसा कर दिया हाल 

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महिला को नशे में मार दिया था पत्थर तो मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर करता था ब्लैकमेल

Bhopal Murder Case
झोलाछाप डॉक्टर की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपी

भोपाल। बरसो पुरानी कहावत है कि आपकी वाणी प्रगति की राह होती है। लेकिन, एक डॉक्टर ने अपनी वाणियों से कई लोगों से बुराई मोल (Bhopal Crime News In Hindi) ले ली थी। उसके दुश्मनों में से दो दोस्त बन गए। फिर दोनों ने उसको सबक सिखाने के लिए मन बना लिया। ऐसी मौत उसको मारा कि परिवार अंत्येष्टि के लिए भी मोहताज हो गया। घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है। पुलिस ने हत्या (Bhopal Brutal Murder Case) और सबूत छुपाने के मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया हैंं।

यह है मामला
घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के देहात क्षेत्र में स्थित नजीराबाद इलाके (Najirabad Thane Ki Ghatna) की है। यहां 22 मई को कुंए के भीतर बोरी में बंद ​लाश मिली थी। उसके हाथ बंधे हुए थे। शव कंकाल के रुप में था। इस​लिए पहचान मुश्किल हो रही थी। थाने में दर्ज गुमशुदगी के बारे में पता लगाया गया। पता चला कि थाने में 22 मार्च से एक व्यक्ति गायब है। उसके परिजनों को कुंए से मिली लाश से बरामद सामान दिखाए गए। घड़ी से पहचान मनोज गौर (Manoj Gour) निवासी अहमदपुर सीहोर जिला निवासी के रुप में हुई।
छोलाछाप था डॉक्टर
मनोज गौर के संबंध में पुलिस ने जानकारी जुटाई। पता चला कि वह रुनाहा में क्लीनिक चलाता था। इसलिए उसको डॉक्टर मनोज गौर (Manoj Gour Murder Case) लोग कहते थे। हालांकि उसके पास डॉक्टर की डिग्री नहीं थी। पुलिस ने पता लगाया कि वह आखिरी वक्त में किसके साथ देखा गया था। इस संबंध में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले। गांव के ही दो व्यक्तियों पर पुलिस को शक गया। उन्हें थाने बुलाया गया। जिन्हें बुलाया गया वह भीकम गौर पिता मोहर सिंह गौर उम्र 32 साल और गोविंद विश्वकर्मा पिता हजारीलाल विश्वकर्मा उम्र 18 साल थे।
कुंए में उतरकर पत्थर भरा
भीकम बडवेली कलां गांव में मां शारदा नाम से स्कूल चलाता है। वहीं गोविंद विश्वकर्मा उसी स्कूल की वैन चलाता है। आरोपियों ने हत्या करना कबूला। उन्होंने बताया कि मनोज गौर की रस्सी से गला घोंटकर हत्या की गई थी। वहीं गोविंद विश्वकर्मा ने टॉमी मारकर सिर फोड़ दिया था। आरोपियों ने 22 मार्च को हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव बोरे में भरकर स्कूल के नजदीक कुंए में फेंक दिया गया था। तीन—चार दिन बाद दोनों कुंए में शव देखने दोबारा गए थे। बोरा दिखाई दिया तो दोनों ने नीचे उतरकर उसमें पत्थर भरकर वापस उसको पानी में डूबो दिया।
इस कारण उतारा मौत के घाट
एएसपी जोन—4 दिनेश कुमार कौशल ने बताया कि भीकम गौर शारीरिक रुप से अक्षम था। वहीं उसकी जाति को लेकर मनोज गौर उसको ताना मारता था। इधर, गोविंद ने एक दिन शराब के नशे में महिला को पत्थर मार दिया था। इस मामले में भी मनोज गौर उसको मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देता था। मनोज गौर की इन्हीं हरकतों की वजह से आरोपियों ने उसको निपटाने का फैसला किया था। जिस दिन हत्या की थी उस दिन आरोपी शराब पी रहे थे। तभी मनोज गौर वहां आ गया था।
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