MP Cop Gossip: महिला अधिकारी ने कराई किरकिरी

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MP Cop Gossip: महिला थानेदार इस वक्त एसपी से कम नहीं, हर थाने में इसलिए है डिमांड, आफत गलेे न पड़े इसलिए दो अधिकारियों ने छुट्टी ले ली, रायसेन में एक प्रकरण को लेकर चल रहा खेल, फर्जी लव जिहाद का प्रकरण बनाया

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग बहुत बड़ा है। उसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। उन्हीं बातों को लेकर हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसमें हमारी तरफ से उन बातों को उजागर किया जाता है जो मीडिया बताने से हिचकता है। इस बार भी कुछ ऐसे ही रोचक किस्सों के साथ कुछ हैरान करने वाली जानकारियां।

मैडम आपको ऐसा नहीं करना था

भोपाल में इस वक्त बहुचर्चित वीडियो बनाकर एक कॉलेज की छात्राओं के साथ रैप, गैंगरेप का मामला सुर्खियों में चल रहा है। इस कॉलेज का नाम कुछ दिलेर ही बता पा रहे हैं। बाकी तो सबकुछ मैनेज चल रहा है। पूर्व के यदि प्रकरणों को देखा जाए तो स्कूलों की मान्यता निरस्त हो चुकी है। लेकिन, इस प्रकरण में ऐसा कुछ नहीं हैं। आरोपियों की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस की सतही तैयारी सामने आ गई। खासतौर पर एक महिला अधिकारी की रणनीति। जिस कारण उसने काफी किरकिरी करा दी। दरअसल, महिला अधिकारी के कहने पर आरोपियों को भगवा पहनाकर लाया गया। यह देखकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आग बबूला हो गए। यह जानकारी भी हर कोई मीडिया उजागर नहीं कर सका। किरकिरी के बाद आला अधिकारियों ने महिला अधिकारी की जमकर क्लास भी ली और चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं करना था आपको।

हर कोई छुट्टी चाहता है

राजधानी के गैंगरेप की घटना से एक जोन के दो अफसर किनारे चल रहे हैं। दरअसल, उन्हें पता है कि यह प्रकरण (MP Cop Gossip) किस स्तर पर चर्चित हो चुका है। इसलिए काम के दौरान कोई चूक हुई तो पूरी मीडिया की नजरें टिकी हुई है। इसलिए बीच का रास्ता निकालकर दो अधिकारी अवकाश पर चले गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने लंबा वक्त अपना पहले ही तय भी कर लिया है। यह अधिकारी प्रकरण उजागर होने के पहले मैदानी ड्यूटी पर थे। लेकिन, जैसे ही यह समाचार मीडिया में लीक हुआ तो दोनों अधिकारियों की सांसे फूल गई।

भोपाल देहात में बहुत बुरे हालात

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भोपाल देहात क्षेत्र में एक जमाने में चार महिला थानेदार हुआ करती थी। एक महिला थानेदार रिश्वत लेने के चक्कर में दर्ज प्रकरण में लाइन हाजिर कर दी गई। उसके बाद एक अन्य थाने की पीएसआई को वापस कर दिया गया। इसके बाद दो महिला थानेदार बची हैं। इनमें से एक महिला थानेदार अपने रिश्तेदार की शादी में अवकाश पर चल रही है। वहीं दूसरी महिला थानेदार के देवर की दो दिन बाद शादी है। उन्हें भी छुट्टी चाहिए। आलम यह है कि अब पूरे देहात क्षेत्र में स्थित सात थानों में एक महिला अधिकारी शेष रह गई है। उनकी गश्त में ड्यूटी के अलावा महिला संबंधित प्रकरणों में सेवाएं ली जा रही है। आलम यह है कि एक दिन में उन्हें तीन प्रकरण भी दर्ज करने पड़ रहे हैं। जिसके लिए वह अपने मूल थाने को छोड़कर दूसरे थानों में चक्कर लगाकर परेशान है।

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सोची समझी रणनीति के तहत आरोपी ने गुपचुप कर दिया सरेंडर

यह मामला रायसेन जिले के एक थाने का है। घटना पिछले साल की है। रेलवे ट्रैक पर एक व्यक्ति की लाश मिली थी। उसका सिर और दोनों हाथ—पैर का आज तक पता नहीं हैं। वहीं उसके मोबाइल पर कुछ राज थे। यह मोबाइल उसकी मां के पास है। लेकिन, पुलिस ने उसके नए मोबाइल को जांच में लेकर पति—पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रकरण में आरोपी बनाया। वह भी तब बनाया गया जब डीजीपी ने फोन करके फटकार लगाई। उसके बाद पुलिस थाने के अफसर सोते रहे। तीन महीने तक आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई पहल ही नहीं की। अब चार्जशीट पेश करने की बारी आई तो आरोपी ने चुपचाप आकर सरेंडर कर दिया। यह सबकुछ यूं ही तो नहीं हुआ होगा। जानते हुए भी अफसर मौन हैं।

फंसाना था इसलिए एक ही महीने में दो आवेदन

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भोपाल शहर में ही एक फर्जी धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। यह प्रकरण मीडिया से छुपाया गया। क्योंकि सवाल—जवाब होते तो पुलिस के पास उत्तर नहीं था। इस मामले (MP Cop Gossip) की पीड़िता एक महिला है जो रसूखदार परिवार से ताल्लुकात रखती है। वहीं आरोपी नौसेना में पदस्थ एक पूर्व आला अधिकारी का सुपुत्र है। जिस महिला ने प्रकरण दर्ज कराया वह शादी के दस साल में लगभग 64 देशों की यात्राएं कर चुकी हैं। वह जिस अंदाज में रहती है उसे देखने के बाद हर कोई यकीन नहीं कर सकता कि उसे अगरबत्ती जलाने के लिए माचिस भी जलाना आता होगा। यह सारे सबूत पेश करने के बाद एक आवेदन तो एक थाना पुलिस ने निरस्त कर दिया। लेकिन, एक पखवाड़े बाद ही दूसरा आवेदन लेकर फर्जी मुकदमे में पति को आरोपी बना दिया। भोपाल शहर में इतने अंधे स्तर पर चल रही जांच की सजा एक संभ्रात परिवार भोग रहा है। वह भी ऐसा परिवार जिसने 1971 में देश के लिए युद्ध के मोर्चे पर खड़ा रहा। बहरहाल, इस मामले में देर सबेर पुलिस विभाग की बहुत ज्यादा किरकिरी होना तय हैं। जिससे बचना एक महिला अधिकारी के लिए बहुत ही नामुमकिन होगा।

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