Naxal Surrender : 8 लाख के ईनामी हार्डकोर नक्सली ने छोड़े हथियार

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नक्सल संगठन में डिप्टी कमांडर था नरेश, 2007 में पकड़ा था नक्सलियों का दामन

पुलिस अधिकारियों के साथ आत्मसमर्पण करने वाला नक्सल कमांडर

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में एक हार्डकोर नक्सली ने आत्मसमर्पण (Naxal Surrender) कर दिया। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव के सामने नक्सल कमांडर मुचकी बुदरा उर्फ नरेश (32) ने हथियार छोड़ दिए (Naxal Surrender) । एसपी ने बताया कि नरेश पर 8 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। वो कई नक्सली वारदातों को अंजाम दे चुका है और कई वारदातों में शामिल भी रह चुका है।

पल्लव ने बताया कि नरेश सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके का रहने वाला है। उसने माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश होकर आत्मसमर्पण किया है। नरेश नक्सलियों की मलंगीर इलाका समिति का डिप्टी कमांडर था।

नरेश ने कई नक्सली हमलों को अंजाम दिया था। 2010 में नकुलनार गांव में कांग्रेस नेता अवधेश गौतम के घर पर हुए हमले में नरेश की अहम भूमिका था। इस हमले में दो नागरिक और एक नक्सली मारे गए थे। 2012 में किए एक हमले में किरंदुल में सीआईएसएफ के 6 जवान और एक नागरिक ने जान गंवा दी थी।

एसपी पल्लव ने बताया कि नरेश ने 2007 में नक्सली संगठन सीपीआई(माओवादी) को ज्वॉइन किया था। 2010 में उसे डिप्टी कमांडर बनाया गया था। हथियार छोड़ने के लिए नरेश को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 10 हजार रुपए नगद दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि नरेश को सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।

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