MP Cop News: नक्सलवाद खात्मे के लिए अपनाई जा रही नीतियों के कारण कई राजनीतिज्ञ और अफसरों की निजी सिक्योरिटी को हल्के में नहीं लिया जा सकता
डीजीपी कैलाश मकवाणा को पुष्पगुच्छ देते हुए एडीजी इंटेलीजेंस ए.साईं मनोहर। चित्र पुलिस मुख्यालय जनसंपर्क शाखा की तरफ से जारी।
भोपाल। वीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा देना यह ड्यूटी नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। यह विचार एमपी (MP Cop News) पुलिस के डीजीपी कैलाश मकवाणा (DGP Kailash Makwana) ने व्यक्त किए। इस दौरान बताया गया कि राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी नक्सलवाद के खात्मे से लेकर कई अन्य संवेदनशील फैसले ले रही है। जिस कारण उन्हें वीआईपी की श्रेणी में रखकर सुरक्षा दी जाती है। उस वक्त हमें इतना प्रशिक्षित होना चाहिए कि हमारे कारण कोई अपने नापाक इरादों में कामयाब न हो सके। वे एंटी सबोटेज विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
दुश्मन हमेशा नए तरीके खोज रहा है: DGP
पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एंटी सबोटेज चेक कोर्स का शुभारंभ में पूरे प्रदेश के 48 उप पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य सुरक्षा बलों को आपातकालीन गतिविधियों की समय रहते पहचान, बम एवं विस्फोटकों की जांच के अलावा तत्काल कार्रवाई की तकनीकों में दक्ष बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को सैद्धांतिक जानकारी के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों के उपयोग, संदिग्ध वस्तुओं की पहचान एवं स्थल सुरक्षा जांच प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस अवसर एडीजी इंटेलीजेंस ए.साईं मनोहर और आईजी अंशुमान सिंह उपस्थित थे। डीजीपी कैलाश मकवाणा ने कहा एंटी-सबोटाज (Anti-Sabotage) चेकिंग के लिए डिज़ाइन किया है। आप फील्ड में रहते हैं इसलिए सक्रिय रूप से संभावित खतरों को पहचानें, उन्हें निष्क्रिय करें, और वीवीआईपी सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम उपाय अपनाएँ। आज देश की आंतरिक सुरक्षा को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। देश के शीर्षस्थ राजनैतिक स्तर से नक्सलवाद के सफाए एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के संदेश VVIP सुरक्षा को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। नतीजतन, अब हमें हर पहलू पर और अधिक चौकसी बरतनी है| उन्होंने कहा IED (बम) या एक्सप्लोसिव थ्रेट की पहचान करना, उन्हें डिटेक्ट करना, निष्क्रिय कराना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी खतरा कार्यक्रम या व्यक्ति विशेष तक न पहुँचे। इस प्रशिक्षण में आपको स्निफर डॉग्स, मेटल डिटेक्टर, बम डिफ्यूजिंग किट आदि के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी। इस प्रशिक्षण को केवल एक ड्यूटी न समझें, बल्कि एक गंभीर जिम्मेदारी समझें। दुश्मन हमेशा नए तरीके खोज रहा है। इसलिए आपका अलर्ट रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि हमें भी फील्ड में “हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस” पर ज़ोर देना होगा। सिर्फ क्लासरूम लैक्चर से काम नहीं चलेगा। इसके लिए जरूरी है, जिन अधिकारियों ने पहले यह कोर्स किया है, उनके साथ इंटरेक्शन हो। सबसे अहम, हर वीवीआईपी ड्यूटी को गंभीरता से लिया जाए। क्योंकि खतरा केवल वीवीआईपी को नहीं, बल्कि पुलिस स्टाफ, आम नागरिक और आपको खुद को भी होता है। आपकी डिटेक्शन क्षमता, सक्रिय भागीदारी और सजगता ही सुरक्षा की सबसे पहली और सबसे मजबूत दीवार है।
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