SRK University Fake Degree Case: तेलंगाना में गठित एसआईटी के मुखिया एसीपी की अगुवाई में दो दिन चली छानबीन के बाद हुई कार्रवाई, प्रोफेसर से हुई पूछताछ के बाद अगली कार्रवाई, मान्यता देने वाली यूजीसी ने पूरे मामले में साधी चुप्पी, छापे के बाद गिरफ्तारी से बचने कौन हुआ बीमार जिसको छुपाया जा रहा
भोपाल। आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक केतन सिंह (Ketan Singh) को हैदराबाद के नामपल्ली स्थित आसिफ नगर थाना पुलिस ने 16 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने 29 फर्जी डिग्री बनाकर तेलंगाना राज्य के युवाओं को बेची। यह डिग्री (SRK University Fake Degree Case) से दो से पांच लाख रुपए में बेची गई थी। जिसमें सहायक प्राध्यापक एजेंट की भूमिका निभाते थे। इसी मामले की जांच के बाद अगली कार्रवाई करते हुए सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी (एसआरके) के कुलपति समेत तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की आंच आगे भी जा रही है। जिससे बचने के लिए एक प्रमुख पदाधिकारी बीमार हो गए हैं।
इस तरह हुई गिरफ्तारी की कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार आसिफ नगर थाने की जांच तेलंगाना के एसीपी की निगरानी में चल रही है। वहां फरवरी, 2022 में दर्ज प्रकरण 34/22 धारा 420/465/467/468/471/201/109/34 (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल, सबूत मिटाना, आपराधिक प्रवृत्ति में शामिल होना और एक से अधिक आरोपी) का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसीपी की ही अगुवाई में एक टीम तीन दिन पहले मिसरोद थाने पहुंची थी। थाना पुलिस से स्थानीय सुरक्षा केे लिए बल मांगा गया। जिसके बाद एसआरके यूनिवर्सिटी (SRK University News) में छापा मारा गया। पड़ताल के बाद पुलिस ने एसआरके यूनिवर्सिटी के कुलपति 50 वर्षीय डॉक्टर एमसी प्रशांत पिल्लई (Dr MC Prashant Pillai), आरकेडीएफ कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के प्रिंसीपल 59 वर्षीय डॉक्टर एमके चोपड़ा (Dr MK Chopra) और एसआरके यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति 71 वर्षीय डॉक्टर एसएस कुशवाहा (Dr SS Kushwaha) को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी 17 मई की दोपहर तीन बजे की गई। जिसके संबंध में भोपाल के मिसरोद थाने में एसीपी ने बकायदा रिपोर्ट भी दी। आरोपियों को नामपल्ली अदालत में पेश किया जाएगा।
बेचारे भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह बदनाम हुए!
आरकेडीएफ और एसआरके में चल रही इस कार्रवाई को मीडिया से दूर रखा गया था। हालांकि जब पुलिस ने आधिकारिक गिरफ्तारी की रिपोर्ट जारी की तो पूरे शहर में हल्ला मच गया। एसआरके यूनिवर्सिटी यूजीसी मानको पर खरा उतरने का दावा करता है। जिसकी पोल तेलंगाना (Telangana News) राज्य की पुलिस ने उजागर कर दी। यूनिवर्सिटी के भीतर ही सील बनने से लेकर उसके इस्तेमाल का काम किया जाता था। जिसकी जानकारी आगे भी थी। मतलब साफ है कि इस मामले में अभी अन्य गिरफ्तारी की जाना तय है। इधर, एसआरके यूनिवर्सिटी का छापे के बाद कई समाचार पत्रों में बड़े—बड़े विज्ञापन जारी किए गए हैं। इसका अर्थ कई तरह से निकाला जा रहा है। हालांकि छापे की कार्रवाई को लगभग हर समाचार पत्र ने स्थान दिया है कुछ एक को छोड़ दे तो पुलिस कार्रवाई को तवज्जो दी गई है। जबकि एसआरके यूनिवर्सिटी (SRK University Fake Degree Case) ने भारत के पूर्व हरफनमौला फिरकी गेंदबाज रहे हरभजन सिंह (Cricketer Harbhajan Singh) की मेजबानी वाला एक फोटो के साथ भारी विज्ञापन जारी किया गया है। इन आरोपों को लेकर आरकेडीएफ समूह के जनसंपर्क अधिकारी अमरजीत (PRO RKDF Amarjeet) से प्रतिक्रिया का प्रयास किया गया था। हालांकि वे बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
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