Insurance Fraud: साढ़े 63 लाख की पॉलिसियां कराकर जालसाज चंपत, आधा दर्जन से अधिक बैंकों से हुआ लेन—देन

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इंदौर क्राइम ब्रांच ने जांच पूरी करके रिपोर्ट पलासिया थाने को सौंपी, अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज, आधा दर्जन से अधिक बैंक जांच के दायरे में आई

Insurance Fraud
सांकेतिक चित्र

इंदौर। बीमा में निवेश कराने के नाम पर धोखा (Insurance Fraud) देने का मामला सामने आया है। मामले की जांच दस महीने तक इंदौर क्राइम ब्रांच (Indore Crime) ने की। लेकिन, जालसाजी का यह मामला पलासिया इलाके का होने के चलते डायरी वहां भेज दी गई। जालसाजों ने एक व्यक्ति को बीमा में निवेश कराने का धोखा देकर करीब साढ़े 63 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा किया है।

पुलिस के अनुसार इस मामले की सबसे पहले शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच एसपी से नवंबर, 2018 में की गई थी। शिकायत गीता भवन के पीछे सरदार नगर निवासी हरिकृष्ण शुक्ला ने की थी। इस मामले की जांच पहले क्राइम ब्रांच के एसआई अतुल सिंह सोलंकी ने की थी। जांच में पता चला कि हरिकृष्ण को बीएसएनएल मोबाइल नंबर से 2011 में फोन आया था। उसने रिलायंस की पॉलिसी लेने के लिए बातचीत की। उसने एक स्कीम जिसमें सालाना 32 हजार रुपए जमा करने पर शेयर मिलने का दावा किया। बदले में हर तीन महीने बाद 17 हजार रुपए वापस मिलने का झांसा दिया गया। पॉलिसी 12 साल के लिए होनी थी। परिपक्वता पर दो लाख रुपए और पॉलिसी की जमा राशि बोनस के रूप में मिलने का झांसा दिया गया। पॉलिसी अच्छी लगने पर हरिकृष्ण ने किस्त चैक से बताए पते पर पहुंचा दी। इसके बाद एक पॉलिसी भी उन्हें मिली। इसके बाद समय समय पर उनके पास फोन आते रहे। उस व्यक्ति ने अन्य पॉलिसी कराने का लालच दिया।

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स्कीम अच्छी लगने पर हरिकृष्ण ने पत्नी कल्पना शुक्ला के नाम से ली। यह पॉलिसी लगभग सवा दो लाख रुपए की थी। एक अन्य पॉलिसी भाई की पत्नी ओमवती शुक्ला और भाई की पत्नी ओमवती शुक्ला के नाम से करीब सवा दो लाख रुपए की पॉलिसी ली। पॉलिसी के बोनस लेने के लिए फिर उसने अलग—अलग खातों में रकम डलवाई। ऐसा करते हुए उसने करीब 63 लाख, 53 हजार से अधिक की रकम हथिया ली। बाद में फिर रकम मांगने पर हरिकृष्ण को शक हुआ।

हरिकृष्ण ने रिलायंस लाईफ इंश्योरेंस से हकीकत मालूम की तो सभी पॉलिसी की केवल एक—एक किश्त जमा होना बताया गया। बाकी रकम जमा नहीं की गई थी। क्राइम ब्रांच ने जांच की तो यूनियन बैंक आफ इंडिया के गीता भवन शाखा से सभी लेनदेन की जानकारी जुटाई गई। इसमें पता चला कि हरिकृष्ण के खाते से 70 चैक जारी हुए थे। यह चैक जुलाई, 2014 से अप्रैल, 2018 के बीच जारी हुए थे। इसमें से 59 लाख, 33 हजार रुपए अलग—अलग 31 बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।

थाना पुलिस अब इस मामले में इलाहाबाद बैंक, बंधन बैंक, सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक, एचडीएफसी, भगत को—आपरेटिव बैंक, आईसीआईसीआई, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, स्टेट बैंक आफ इंडिया, एक्सिस बैंक, सारस्वत बैंक और यस बैंक के मैनेजरों से पूछताछ करेगी। दरअसल, इन बैंक में चैक जमा कराने के बाद उसमें से रकम निकाली गई। इसके अलावा पुलिस उन नंबरों से आरोपियों की तलाश कर रही है जिससे हरिकृष्ण को फोन आते थे।

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