Review Meeting : स्मार्ट सिटी के प्रपोजल पर ट्रैफिक का एजेंडा ही गायब

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Review Meeting
भोपाल पुलिस नियंत्रण कक्ष में अफसरों से चर्चा करते हुए गृहमंत्री बाला बच्चन

नौ थानों के लिए नहीं मिल रही सरकारी जमीन, गृहमंत्री बाला बच्चन ने कमियों को दूर करने के लिए मांगा प्रस्ताव, अफसरों से कहा मामूली बातों को भी संवेदनशीलता से ले अफसर

भोपाल। गृहमंत्री बाला बच्चन गुरुवार दोपहर भोपाल रेंज की (Review Meeting) समीक्षा बैठक लेने पहुंचे। बैठक में रेंज आईजी योगेश देशमुख, डीआईजी सिटी इरशाद वली, डीआईजी डॉक्टर आशीष समेत भोपाल, अजाक, विदिशा, सीहोर एसपी के अलावा रेंज के एएसपी मौजूद थे। बैठक लगभग दो घंटा चली जिसमें पूरा फोकस भोपाल पर ही रहा। बैठक के दौरान रेंज के अफसरों की तरफ से कई प्रपोजल और एजेंडा गृहमंत्री को बताया गया। इसमें से एक स्मार्ट सिटी का भी मामला था।
बैठक में आईजी योगेश देशमुख ने कहा कि (Review Meeting) प्रदेश की राजधानी होने के नाते इसको रोल मॉडल बनाया जा सकता है। इसके लिए इसे पहले चरण की योजना में शामिल किया जाना चाहिए। इससे दूसरे जिलों में अनुसरण होने से उसका असर पड़ेगा। हमारी तरफ से भोपाल में कम्यूनिटिंग पुलिसिंग का बेहतर रिस्पांस मिला है। सभी बस्तियों में जा-जाकर लोगों से संवाद किया गया है। इसका नतीजा है कि छोटे-छोटे अपराध खासतौर पर छेड़छाड़ जैसे मामलों में बेहद कमी आई है। आईजी ने वर्ष 2017, 2018 और 2019 के (Review Meeting) आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उसे बताया। आईजी ने गृह मंत्री को बताया कि उनके रेंज के नौ थाने काफी बुरी स्थिति में हैं। जिन इलाकों में थाने हैं वहां कोई सरकारी जमीन भी नहीं बची हैं। इस वजह से मामला और अधिक बिगड़ रहा हैं। कुछ जगह जमीन चिन्हित कर ली गई है तो वहां कब्जे की समस्या हैं।

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बैठक में डीआईजी सिटी इरशाद वली ने बताया कि शहर में (Review Meeting) स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव बन रहा है। लेकिन, उसमें ट्रैफिक को लेकर कोई ठोस एजेंडा नहीं दिख रहा है। उन्होंने एमपी नगर और तलैया इलाके का उदाहरण देते हुए बताया कि इन इलाकों में फायर ब्रिगेड भी नहीं निकल पाती हैं। यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया तो स्मार्ट सिटी के भी हालात कुछ ऐसे ही हो जाएंगे। डीआईजी सिटी ने कहा कि कई जगह बैसमेंट पर कब्जे कर लिए गए हैं। जिन वजहों से वाहन सड़क पर होते हैं और वह ट्रैफिक प्राब्लम बनते हैं।

गृहमंत्री ने अफसरों की बातचीत सुनने के बाद उन्हें सलाह दी है कि जो भी (Review Meeting) समस्याएं और योजनाएं हैं उसका एजेंडा बनाकर उनके सामने प्रस्तुत किया जाए। बैठक में यह बात सामने आई कि पुलिस का अन्य विभागों से तालमेल नहीं बन पा रहा है। इस पर गृहमंत्री ने कहा कि जब वे प्रस्ताव और एजेंडा बनाकर भेजेंगे उस वक्त मुख्य सचिव और डीजीपी साथ में ही होंगे। समन्वय की कमी को दूर कर लिया जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि प्रदेश को कानून-व्यवस्था के मामले में एक अच्छा राज्य बनाने की पहल सरकार की तरफ से की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ कई मुद्दों पर योजना बनाकर केन्द्र सरकार से सहयोग भी मांग रहे हैं।

जनता को अहसास हो पुलिस उनके लिए
गृहमंत्री ने कहा कि (Review Meeting) अपराधियों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करें। पुलिस का खौफ उन पर बना रहे। थाना स्तर पर ही जनता की छोटी-छोटी समस्याओं को ध्यान से सुनकर उसका समाधान किया जाए। दूसरे विभाग की समस्या हैं तो उसे जानकारी दी जाए। बच्चन ने कहा कि लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिये आईजी के साथ मिलकर जिलों के एसपी अपनी कोशिश जारी रखे। गृहमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने केन्द्रीय गृह मंत्री से साइबर अपराध नियंत्रण के उद्देश्य से 880 करोड़ रुपये की माँग की है। बैठक में (Review Meeting) आईजी, डीआईजी के अलावा भोपाल नॉर्थ एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान, एसपी साउथ भोपाल संपत उपाध्याय, एसपी भोपाल मुख्यालय मिथिलेश शुक्ला, एसपी अजाक ज्योति ठाकुर, एसपी विदिशा विनायक वर्मा और एसपी सीहोर सचिन्द्र चौहान मौजूद थे। एसपी राजगढ़ प्रदीप शर्मा अवकाश पर थे। इसलिए उनकी जगह पर एएसपी राजगढ़ नवल सिसोदिया पहुंचे थे।

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