जुए की लत ने बना दिया हैवान

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पुलिस ने बोरी में मिली लाश के मामले में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक आरोपी को पहले ही हत्या के मामले में हो चुकी है सजा

जबलपुर। जबलपुर के देहात क्षेत्र में स्थित चरगवां थाना क्षेत्र में आठ दिन पहले हुई एक दस साल के मासूम बच्चे की हत्या से पुलिस ने पर्दा उठा लिया है। इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इन आरोपियों ने जुए से हुए कर्ज को चुकाने के लिए मासूम बच्चे को अगवा करके फिरौती की रकम से उसे चुकाने की योजना बनाई थी।

यह खुलासा करते हुए जबलपुर एसपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि यह हत्याकांड 8 अप्रैल को होने की जानकारी थाना पुलिस को लगी थी। इस मामले में अपहरण का मामला पहले ही दर्ज कर लिया गया। लाश मिलने के बाद हत्या और सबूत मिटाने का प्रकरण दर्ज किया गया। जांच के लिए एएसपी देहात डॉक्टर रायसिंह नरवरिया, सीएसपी बरगी रवि सिंह चौहान, थाना प्रभारी चरगंवा उप निरीक्षक नितिन कमल, थाना प्रभारी ओमती नीरज वर्मा समेत अन्य को लगाया गया। जांच में फोरेंसिक और सायबर तथ्यों पर भी पड़ताल की गई। जिसके बाद यह पूरा मामला उजागर हो सका।

यह है आरोपी
इस मामले में पुलिस ने मोहनलाल उर्फ गुडडु तिवारी पिता भगवत प्रसाद तिवारी उम्र 39 साल, मुकेश श्रीपाल पिता स्व. रम्मू श्रीपाल उम्र 39 साल और अनिल उर्फ अन्नू गोस्वामी पिता चंदन गिरी गोस्वामी उम्र 38 साल को गिरफ्तार किया गया है। यह आरोपी चरगवां थाना क्षेत्र के सगडा गांव के रहने वाले हैं।

यह है मामला
पुलिस के मुताबिक 08 अप्रैल को थाना चरगंवा में सतनाम गिरी गोस्वामी निवासी ग्राम सगडा ने रिपोर्ट की थी कि उसका 10 वर्षीय भतीजा बादल गिरी लापता है। जांच के दौरान 11 अप्रैल को रामजी श्रीपाल के खाली पडे मकान के भीतर प्लास्टिक की बोरी में उसकी लाश मिली थी। यह लाश बिजली के तार से बंधी हुई थी। हत्याकांड को लेकर ग्रामीणों में भी रोष था। परिजनों का आरोप था कि पुलिस को संदेही बताए गए थे लेकिन, पूछताछ नहीं की गई।

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इसलिए मारा


इस मामले में पहले से ही संदेही मुकेश श्रीपाल था। जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि मैं और गुडडु उर्फ मनोहर लाल तिवारी तथा अनिल जुआ खेलने के आदी है। हाल ही में गोटे गांव जिला नरसिंहपुर में जुआ में बडी रकम हार गए थे। जिसके कारण कर्जा हो गया था। बादल का तीनों ने मिलकर 08 अप्रैल की सुबह पौने ग्यारह बजे मुन्ना सेठ की दुकान से उसे उठाया गया था। उसे लाखन गौंड के मकान पर ले जाया गया। यहां उसे बांधकर रखा गया। लेकिन, देखा कि बच्चे की सरगर्मी से पूरा गांव तलाश में जुट गया है तो वे डर गए। उन्होंने बादल का मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी।

फेंकना चाहते थे लाश
आरोपियों ने बताया कि अगले दिन नर्मदा नदी में लाश फेंकना चाहते थे। लेकिन, पुलिस की सख्ती और ग्रामीणों की सक्रियता देखकर आरोपी ने लाश फेंक दिया। इस कारण शव सडऩे पर लोगों को हत्या की खबर मिल गई। एसपी ने बताया कि गुडडु 2008 में भी हत्या के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। उसने अज्जू उर्फ भूरा लोधी पिता हाकम सिंह निवासी बिजौरी थाना चरगंवा की अपहरण कर न्यू भेडाघाट नर्मदा नदी के किनारे हत्या कर दी थी। इस मामले में उसके साथ दिनेश और छुट्टू यादव भी आरोपी थे। आरोपियों ने गला दबाकर हत्या कर लाश को पत्थर की खदान में रखकर जला दिया था। इस मामले में जिला अदालत से आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली है। आरोपी हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद रिहा हुए थे।

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