इंदौर के कॉलोनाइजर पर ईओडब्ल्यू मेहरबान

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आपराधिक मुकदमा दर्ज पर भ्रष्टाचार समेत अन्य धाराओं पर चुप्पी साधी

इंदौर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) इंदौर के दो कॉलोनाइजर पर मेहरबान है। दोनों के खिलाफ जालसाजी का मामला तो दर्ज किया गया लेकिन, भ्रष्टाचार समेत अन्य धाराओं पर ईओडब्ल्यू ने चुप्पी साध ली। मामला गिरवी जमीन को झूठ बोलकर दो व्यक्तियों को बेचे जाने से जुड़ा है।

जानकारी के अनुसार घटना मां क्षिप्रा विहार कॉलोनी तहसील सांवेर इंदौर की है। इस मामले के आरोपी विजय नगर इंदौर निवासी गजेन्द्र कुमार जैन पिता झम्मकलाल उर्फ झम्मनलाल जैन और ग्राम बूडी बरलई इंदौर निवासी अरूण सिंह ठाकुर पिता छतर सिंह हैं। आरोपियों ने प्लॉट को पार्वती बाई नाम की महिला को निजी बताकर बेच दिया था। जबकि यह प्लॉट एसडीओ रेवेन्यू सांवेर के यहां गिरवी रखा हुआ था। आरोपी ने यह प्लॉट अप्रैल, २०१३ में गिरवी रखा था। जिसके संबंध में बकायदा शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया था। आरोपियों को प्लॉट बेचने से पहले सांवेर रेवेन्यू कार्यालय से अनुमति लेनी थी। लेकिन, आरोपियों ने चालाकी से दूसरे रेवेन्यू कार्यालय में जाकर रजिस्ट्री करा ली। यह रजिस्ट्री पार्वती बाई और अनिता भदौरिया को कराई गई थी। ईओडब्ल्यू ने यह प्रकरण मार्च, २०१९ में दर्ज किया है। लेकिन, अब तक दस्तावेजों में यह जांच कर रही ईओडब्ल्यू ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

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ईओडब्ल्यू को भ्रष्टाचार निवारण समेत अन्य भू-अभिलेख, राजस्व, नगरीय निकाय नियमों की अवहेलना करने का अधिकार है। इसके बावजूद ईओडब्ल्यू ने आम थानों में दर्ज होने वाली धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया। जबकि इस मामले में अन्य धाराएं भी लगाई जानी थी। यह कवायद अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जिसके कारण ईओडब्ल्यू पर कॉलोनाइजर पर मेहरबानी की तरफ इशारा कर रहे हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में टीएंडसीपी से गाइड लाइन तलब की है। अब तक पीड़ित पक्ष के अलावा दूसरे बयान दर्ज नहीं किए गए हैं। वहीं दस्तावेजों को तलब करने की भी कार्रवाई तेज नहीं चल रही है।

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