Subhash Park Dispute: अफसरों के कारण मंत्री की हो गई फजीहत

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Subhash Park Dispute: कांग्रेस सरकार में थाने को आवंटित जमीन भाजपा सरकार बनने के बाद की गई थी निरस्त

Subhash Park Dispute
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नरेला विधानसभा से विधायक और सरकार में केबिनेट मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwash Sarang) की सोमवार दोपहर जिला प्रशासन के अफसरों के कारण फजीहत हो गई। दरअसल, मंत्री सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित बन रहे पार्क (Subhash Park Dispute) के निर्माण कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे थे। तभी रेलवे प्रशासन के अफसर वहां पहुंच गए। उन्होंने जमीन को रेलवे विभाग की बताकर निर्माण करने पर आपत्ति जताई। जिसके बाद मंत्री के सामने अफसरों ने नक्शा पेश करके बचाव भी किया। रेलवे ने नक्शा दिखाने की बजाय दस्तावेज प्रस्तुत करने के​ लिए कहा है।

मंत्री ने आपत्ति जताई

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सुभाष पार्क थीम को लेकर मंत्री विश्वास सारंग रेलवे अफसरों से जमीन के मालिकाना हक को लेकर चर्चा करते हुए

मंत्री विश्वास सारंग ने रेलवे अफसरों की तरफ से विरोध जताने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि शहर के विकास कार्य में रेलवे हमेशा बाधा बनता है। जबकि रेलवे विभाग की तरफ से पहुंचे इंजीनियर सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने कहा कि जमीन पर पार्क नहीं बन सकता। ऐसा करना है तो सरकार को रेलवे बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि यहां पार्क बनाने को लेकर विश्वास सारंग ने घोषणा की थी। इससे पहले यह जमीन ऐशबाग थाना (Aishbagh Police Station Dispute News) बनाने के लिए आरक्षित हुई थी। मंत्री की नाराजगी के बाद इस प्रपोजल को निरस्त करना पड़ा था।

स्टेडियम में लगता है थाना

Subhash Park Dispute
चित्र में बाएं तरफ जब थाने को आवंटित की गई थी जमीन, सरकार बदलने के बाद ऐसे फाड़ा गया था पोस्टर

ऐशबाग स्टेडियम के भीतर कुछ जगह थाने को मिली है। यह जगह काफी कम पड़ती है। इसलिए थाने की जमीन कई समय से तलाशी जा रही थी। पुलिस हाउसिंग बोर्ड ने सुभाष नगर फाटक के नजदीक थाना बनाने का प्रस्ताव भेजकर अनुमति भी ली थी। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath) की सरकार हुआ करती थी। सरकार बदलते ही शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के कार्यकाल में थाने की बजाय वहां पार्क बनाने का प्रस्ताव लाया गया था। अब ताजा विवाद से रेवेन्यू के अफसर अपना रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं। हालांकि उससे पहले मंत्री की इन अफसरों की वजह से फजीहत हो गई।

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पहले भी हुआ है विवाद

ऐसा नहीं है कि शहर के विकास कार्य में रेलवे और राज्य सरकार में पहली बार टकराव की स्थिति बनी हो। इससे पहले यहां हबीबगंज आरओबी निर्माण के लिए भी विवाद की स्थिति बनी थी। दुर्गा नगर बस्ती को हटाकर जमीन आवंटन करने पर भी टकराव हुआ था। इसके अलावा मीरा नगर झुग्गी बस्ती के रहवासियों से भी टकराव की नौबत आई थी। छोला मंदिर इलाके में भी बनने वाले अंडर ब्रिज को लेकर प्रशासन के साथ अनबन हो चुकी है। कई मौकों पर भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर (EX MP Alok Sanjar) ने भी हस्तक्षेप किया था।

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