Helicopter hanger scam : सवा दो करोड़ रुपए के ठेके में दो करोड़ रुपए का घोटाला

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सीबीआई ने एई समेत पांच आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मामला, बीएसएफ के हेलीकॉप्टर हैंगर के निर्माण में हुई धांधली

श्रीनगर। सीबीआई ने श्रीनगर के बीएसएफ (BSF) के लिए बनने वाले हेलीकॉप्टर हैंगर (Helicopter hanger) में हुए फर्जीवाड़े के मामले में प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में आरोपी सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) के एई समेत पांच व्यक्तियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई के अनुसार श्रीनगर के हुमहमा में बीएसएफ कैम्पस में हेलीकॉप्टर हैंगर बनने का ठेका दिया गया था। यह ठेका 2013-2014 में मैसर्स गुलाम उद्दीन भट्ट एण्ड संस को दिया गया था। ठेका पाने वाले सरकारी ठेकेदार गुलाम उद्दीन थे। सीबीआई ने एफआईआर में इन्हें भी आरोपी बनाया गया है। काम की शुरूआत मार्च, 2014 में की गई थी। इसे बनाने की आखिरी तारीख मई, 2015 थी जो सितम्बर, 2015 में खत्म की गई। इस बारे में सीबीआई को विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ था कि इस निर्माण कार्य में भारी फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसको संज्ञान में लेते हुए सीबीआई ने जांच की। इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य मिले जिसके बाद यह मामला बड़ा होता चला गया।

फर्जी बिल बनाकर लिया भुगतान
जांच में यह सामने आया कि निर्माण में 42.763 मीट्रिक टन लोहे का इस्तेमाल किया गया। इसका बिल 24 लाख 35 हजार रुपए बताया गया। इसी तरह 33, 880 बोरियां का बिल पास किया गया। यह बिल एक करोड़, 65 लाख रुपए का था। इसके अलावा बाद में 24 लाख रुपए से अधिक का बिल जोड़कर भी दिया गया। मामला सीपीडब्ल्यूडी से जुड़ा था इसलिए सीबीआई ने अपने स्तर पर ही जांच की।

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सत्यापन का बिल बना लेकिन गया कोई नहीं
सीबीआई को जांच में मालूम हुआ कि ठेकेदार को निविदा देते वक्त यह शर्त थी कि वह सारे निर्माण कार्यो का परीक्षण कराएगा। इसके लिए बकायदा निविदा में छह लाख रुपए की राशि थी। इस राशि को सत्यापन के नाम पर भुगतान किया गया। लेकिन, कोई प्रमाण भौतिक सत्यापन करने वाले फर्म के नहीं मिले। तकनीकी स्टाफ की नियुक्तियां भी नहीं की गई थी। बिल सीपीडब्ल्यूडी के अफसरों ने अपनी मनमर्जी से पास करा लिया था।

यह है आरोपी
सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में उमेश चंद्र को आरोपी बनाया है। उमेश चंद्र श्रीनगर सीपीडब्ल्यूडी में एई थे। इनके पास ही हेलीकॉप्टर हैंगर प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी थी। इसी तरह दूसरा आरोपी सीपीडब्ल्यूडी के एई संजय कुमार श्रीवास्तव है। श्रीवास्तव इस वक्त गाजियाबाद में पोस्टेड हैं। तीसरा आरोपी जूनियर इंजीनियर प्रभात सिंह को बनाया गया है। सिंह इस वक्त दिल्ली में पदस्थ हैं। इसके अलावा एक अन्य जूनियर इंजीनियर श्रवण कुमार को आरोपी बनाया गया है। श्रवण भी आरके पुरम में तैनात हैं। पांचवा आरोपी हेलीकॉप्टर हैंगर बनाने वाली फर्म के संचालक गुलाम मोहिउद्दीन भट्ट को बनाया गया है। आरोपी बडग़ाम का रहने वाला है।

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