Chhattisgarh Crime: गृहमंत्री बैठक ले रहे थे, उधर लुटेेरे क्राइम ब्रांच के अफसर बनकर लूट रहे थे

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राजधानी में हुई वारदात पर मंत्री का विवादित बयान, हर व्यक्ति के पीछे नहीं लगाई जा सकती पुलिस, स्टील कारोबारी के कर्मचारी से लूटे साढ़े 26 लाख रुपए

Chhattisgarh Crime
सांकेतिक चित्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में नकली क्राइम ब्रांच के अफसर (Fake Crime Branch Officer) बनकर स्टील कारोबारी (Steel Merchant) के कर्मचारी (Employee) साढ़े 26 लाख रुपए लेकर (Robbery) भाग गए। वारदात के तरीके से यह साफ है कि लुटेरों ने पूरी वारदात से पहले उसकी तैयारी की थी। घटना जिस वक्त हो रही थी उस वक्त प्रदेश के गृहमंत्री (Home Minister) ताम्रध्वज साहू (Tamradhavaj Sahu ) कानून—व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक के बाद मीडिया ने जब उनसे घटना पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने विवादित बयान दे दिया।

जानकारी के अनुसार लूट की यह सनसनीखेज वारदात रायपुर के डीडी नगर थाना (DD Nagar PS) क्षेत्र की है। घटना के वक्त स्टील कंपनी नंदन टीएमटी (Nandan TMT) का कर्मचारी धीरेन्द्र मिश्रा (Dhirendra Mishra) शुक्रवार सुबह स्कूटी की डिग्गी में पैसा लेकर कार्यालय से निकले थे। उन्हें डीडी नगर स्थित सुंदर नगर के नजदीक मदर प्राइड स्कूल (Mother Pride School) के पास कुछ लोगों ने रोक लिया। उन लोगों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर डिग्गी चैक कराने के​ लिए कहा। बैग जिसमें रकम थी उसे देखकर कथित क्राइम ब्रांच के अफसरों (Kake Police Officer) ने उसका हिसाब देने थाने चलने के लिए कहा। एक बदमाश बैग लेकर स्कूटी में बैठ गया। बाकी साथी पीछे—पीछे चलने लगे। धीरेन्द्र स्कूटी धीरे चला रहे थे। उसे जल्दी चलाने का कहते हुए दूसरे साथी ने टोका। जब उन्होंने तेज स्कूटी चलाने से इनकार किया तो वह उससे उतरकर पीछे चल रहे अपने साथियों के साथ बैठ गया। लुटेरे कुछ दूर तक धीरेन्द्र को दिखाई दिए। इसके बाद वह नजरों से ओझल हो गए। धीरेन्द्र ने इस घटना की खबर पहले अपने अफसरों फिर पुलिस को दी। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंचे। लुटेरों को दबोचने के लिए नाकाबंदी भी की गई। लेकिन, पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।

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क्राइम ब्रांच है भंग
जब यह वारदात हो रही थी उस वक्त गृहमंत्री ताम्र ध्वज साहू सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर अफसरों के साथ बैठक ले रहे थे। उन्होंने घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दिसंबर, 2018 में क्राइम ब्रांच को भंग करने के आदेश दे दिए गए थे। बदमाश पुलिस की छवि का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इसलिए यह फैसला लिया गया था। उन्होंने मीडिया के एक प्रश्न में कहा कि हर व्यक्ति के पीछे पुलिस नहीं लगाई जा सकती। इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ में विपक्षी पार्टियों ने निंदा भी की।

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