Police Raids: ​किन्नरों के घरों से बरामद हुई बच्चियां, चाइल्ड लाइन की मदद से खुलासा

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Police Raids
किन्नरों के आवास से बरामद बच्चियों के संबंध में तस्वीर दिखाते हुए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी टीम की महिला सदस्य

बच्चियों को खरीदने और पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज, अबोध बालिकाओं को शेल्टर होम भेजा गया

दुर्ग। लोगों के घरों पर जाकर बधाईयां लेने वाले समाज किन्नरों को लेकर शहर में बहुत तेजी से अफवाह (Rumor) फैल रही है। जिसको देखते हुए चाइल्ड लाइन की मदद से दुर्ग पुलिस ने दो घरों पर दबिश (Durg Police Raids) दी। इस दबिश के दौरान दो बच्चियां पुलिस को मिली है। एक किन्नर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा दूसरे किन्नर को बच्ची उसकी होने के दस्तावेज प्रस्तुत करने का नोटिस थमाया गया है।

जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई दुर्ग जिले के मोहन नगर और कोतवाली थाना क्षेत्र में की गई। मोहन नगर पुलिस ने उरला के आईएचएसडीपी कॉलोनी पर छापा मारा। यहां सोनाली किन्नर (Third Gender) रहती हैं। पुलिस को यहां से 6 साल की बच्ची मिली। सोनाली किन्नर से बच्ची के संबंध में पूछा गया तो उसने कहा कि इस बच्ची को वह रायपुर से लेकर आई है। यह जिस महिला की गोद में थी वह नशेड़ी थी। बच्ची को वह करीब साढ़े पांच साल पहले लेकर आई थी। बच्ची की परवरिश (Care Taker) सोनाली कर रही है। उसने बकायदा केजी—1 में उसे पढ़ने के लिए भी डाला है। चाइल्ड लाइन (Durg Child Welfare Committee) ने बच्ची से पूछताछ की। जिसमें उसने कहा कि वह सोनाली से बेहद खुश है। हालांकि सोनाली कोई गोद लेने संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर पाई। इसलिए बच्ची को कानूनन संरक्षण चाइल्ड लाइन ने प्रदान किया है। सोनाली के संबंध में थाना पुलिस ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

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इसी तरह छाया किन्नर के खिलाफ पुलिस ने बच्चों की खरीद—फरोख्त के अलावा पॉस्को एक्ट का प्रकरण दर्ज किया है। छाया किन्नर राजीव नगर इलाके में रहती है। उसके घर से भी एक बच्ची बरामद (Durg Police Raids) हुई है। इस बच्ची को लेकर उसने पुलिस को जानकारी दी कि वह छह महीने पहले उसे नागपुर स्टेशन से लेकर आई है। जिस व्यक्ति के पास यह बच्ची थी वह नशे में दिख रहा था। छापे की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए मोहन नगर टीआई राजेश बांगड़े ने बताया कि इस मामले में चाइल्ड लाइन की मदद से पड़ताल की जा रही है। बच्चों के अधिकारों को लेकर कानूनी विशेषज्ञों से भी अभिमत लिया जा रहा है। अफसरों के आदेश पर उसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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