Video में देखिए गुंडों को सरकारी संरक्षण, माफिया अभियान की पोल खोलती तस्वीरें

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हैं ऐसे जमीनी हालात, सभी मामलों से पुलिस के अफसर वाकिफ

Bhopal Crime
नासिर के साथ जब पिटाई से पहले की तस्वीर जिसमें पुलिस उसको आवाज लगाकर बाहर बुला रही है

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) है। यहां पूरे प्रदेश की नीतियां बनती है। इन नीतियों को बनाने वाले सरकार का सारा सिस्टम भी यही हैं। इन नीतियों में से एक नीति अभी बहुत तेजी से प्रचारित हो रही है। वह है माफिया के खिलाफ मुहिम (Madhya Pradesh Anti Mafia Campaign) लेकिन, इस मुहिम की हवा ताजा दो मामले निकाल दे रहे हैं। आलम यह है कि माफिया को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। यह पूरा मामला कैमरे में भी कैद हैं। दूसरा मामला भी सरकारी संरक्षण से ही जुड़ा है। इसमें नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी को छह महीने से टाला जा रहा हैं। यह दोनों मामले संपत्ति संबंधित हैं।

जांच साबित पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
भेल से रिटायर शंकर लाल बमनेले के साथ धोखाधड़ी की घटना हुई थी। उन्होंने शताक्षी गार्डन में 2002 में मकान लोन लेकर खरीदा था। इस मकान को 2013 में धोखे से बेच दिया गया। इस शिकायत की जांच अवधपुरी पुलिस ने की थी। मकान पर कब्जा करने के लिए फर्जी तरीके से बिल कनेक्शन से लेकर अन्य काम किया गया था। यह फर्जीवाड़ा गोविंदपुरा सीएसपी की जांच में प्रमाणित पाया गया। फिर मुकदमा को लटकाए रखा गया। अवधपुरी, गोविंदपुरा, एमपी नगर फिर टीटी नगर के बीच यह केस दर्ज होने के लिए लटका रहा। आखिरकार सितंबर, 2019 में अफसरों की फटकार के बाद टीटी नगर पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में गजेन्द्र सिंह चौहान, दीपा चौहान, नसीम बेग, हुकुम सिंह, एके तिवारी और रसीद बैग को आरोपी बनाया गया है। इन सभी आरोपियों को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस अफसरों का दावा है कि अभी जांच चल रही है। जबकि जांच को सीएसपी ने प्रमाणित पाया था। शंकर लाल बमनेले का आरोप है कि जो जांच करने वाले सीएसपी है वे भारतीय पुलिस सेवा के अफसर है उनकी जांच को फिर से किया जा रहा है। इससे यह साफ है कि पुलिस इरादतन प्रकरण को लटकाकर रखना चाहती हैं।

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पुलिस की मौजूदगी में हमला
दूसरा मामला भोपाल के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। यहां चौकी इमामबाड़ा के नजदीक रहने वाले नासिर अली इस मामले के फरियादी है। नासिर पर 5 फरवरी की रात को हमला हुआ था। यह हमला पुलिस की मौजूदगी में हुआ था। नासिर का आरोप है जिन्होंने हमला किया है वे नकली नोट, फर्जीवाड़ा करने के अन्य आरोपों में सजा काट चुके हैं। नासिर ने बताया कि उसका विवाद अनवर के परिवार से हैं। इस परिवार ने उनकी संपत्ति पर जबरिया कब्जा कर रखा है। वह कोर्ट से जीत भी चुका है। लेकिन, पुलिस और प्रशासन का सिस्टम उसको अपनी ही संपत्ति पर जाने से रोकता है। आरोपियों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। आरोपी उसके परिवार पर कई बार हमले कर चुके हैं। इन्हीं कारणों से उसके भाई—रिश्तेदार मकान को खाली करके जा चुके हैं। मकान में वह उसकी पत्नी और बच्चे के साथ रहता है। मकान के विवाद को लेकर उसने नोटिस अपने घर के सामने टांगा था। जिसको हटवाने के लिए पुलिस की मदद से रात को हमला किया गया। उसकी एफआईआर भी अधूरी लिखी गई। बलवे समेत कई अन्य धारा भी नहीं लगाई गई।
वीडियो में देखिए किस तरह से फरियादी को पुलिस ने घर से बाहर निकलवाया फिर कैसे बदमाशों ने उस पर किया हमला

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पेशेवेर अपराधी
शंकर लाल बमनेले के आरोपी पेशेवर अपराधी है। बताया जाता है कि उनमें से एक आरोपी के तार भोपाल में सक्रिय हनी ट्रेप गिरोह से जुड़े हैं। इसी तरह नासिर के मामले से जुड़े आरोपियों को भाजपा सरकार में राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है। पुलिस के अफसरों को इस बात की भनक भी है। लेकिन, जांच और सिविल मैटर बताकर अपनी जिम्मेदारियों से अफसर बच रहे हैं। कमजोर धारा में मामले या फिर गिरफ्तारी को टालकर मामले को लटकाया जा रहा है। यह तब हो रहा है जब पूरे प्रदेश में माफिया के खिलाफ मुहिम चलाने का दावा सरकार कर रही है।
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