भाजपा की तरह चुनाव आयोग का उम्र का फॉर्मूला

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छीन सकती है तीन मैदानी अफसरों की कुर्सी, पैनल के लिए नहीं मिल पा रहे मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय को नौ नाम

भोपाल। अगले महीने से आम चुनाव होने हैं। इस चुनाव के चलते मध्यप्रदेश कैडर के तीन अफसर उम्र के फॉर्मूले पर अटक गए हैं। डीआईजी स्तर के इन अफसरों को रेंज से हटाकर मुख्यालय अटैच किए जाने की अटकलें हैं। यह कवायद आयोग के एक नए मापदंड को लेकर चल रही है। हालांकि आयोग के सामने पैनल बनाने के मापदंड पर नाम भी नहीं मिल पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जिन अफसरों के नामों की चर्चा है उसमें भोपाल देहात डीआईजी केबी शर्मा, इंदौर देहात डीआईजी धर्मेन्द्र चौधरी और छिंदवाडा डीआईजी जीके पाठक हैं। यह तीनों अफसर छह महीने के भीतर रिटायर होने वाले हैं। इनमें से डीआईजी धर्मेन्द्र चौधरी को एक महीने पहले ही पीएचक्यू से इंदौर भेजा गया है। इससे पहले चौधरी भोपाल डीआईजी सिटी थे। नाम से पहले चुनाव आयोग ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि ऐसे अफसर जो छह महीने में रिटायर होने वाले हैं वे चुनाव कार्यक्रम में तैनात नहीं होंगे।
यह है वजह

आयोग की तरफ से यह आदेश जारी करने के पहले मंथन हुआ था। इसमें पुराने मामलों की जांच की गई थी। जिसके बाद यह तय किया गया। यह फॉर्मूला लागू किए जाने के पीछे चुनाव आयोग का यह तर्क है कि चुनाव कार्यक्रम के दौरान यदि कोई गडबडी होती है तो उसकी जांच और निष्कर्ष आने में छह महीने का समय लग जाता है। ऐसे में अफसरों के खिलाफ कार्रवााई नहीं हो सकती।
नामों की कमी
पुलिस मुख्यालय की तरफ से नामों का पैनल बनाना है। हर रेंज के लिए तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर भेजा जाना है। इसमें मुख्यालय को काफी मशक्कत करना पड रही है। दरअसल, मुख्यालय के पास मात्र पांच डीआईजी हैं। बाकी डीआईजी अलग-अलग जिम्मेदारियों को देख रहे हैं।

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