MP Cop Gossip: बर्खास्तगी के फैसले पर सवा दो साल बाद मुहर

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MP Cop Gossip: हनी की आड़ में मनी कमाने वाले निलंबित चल रहे पुलिस इंस्पेक्टर का पूरा सच

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। हमारे नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) में इस बार पूरी कहानी एक इंस्पेक्टर पर केंद्रीत हैं। नाम गुप्त रखने की वजह हमें दिखाई नहीं देती। इसलिए घटना की शुरुआत से लेकर उसके आखिरी अंजाम तक की यह पूरी कहानी आपके लिए पेश की जा रही है। यह स्टोरी कुछ मैन स्ट्रीम समाचार पत्रों में सामने आई है। हालांकि यस—यस मीडिया क्यों, क्या और कैसे जैसेसवालों कोपूछ नहीं सका। यह मामला पुलिस इंस्पेक्टर की सेवा से बर्खास्तगी से जुड़ा है। जिसका फैसला लेने के लिए सवा दो साल लग गए।

यहां से शुरु हुई थी कहानी

यह पूरा मामला मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा के 2007 बैच के इंस्पेक्टर हरीश यादव (TI Harish Yadav) की टर्मिनेशन की कार्रवाई से जुड़ा है। हरीश यादव का गृह जिला होशंगाबाद का है। उनकी भर्ती एसआई से शुरु हुई थी। जिसके बाद 2014 में उन्हें प्रमोशन मिलने के बाद वे निरीक्षक बने थे। हरीश यादव 2019 में भोपाल की मीडिया में सुर्खियों में आए थे। उसी साल भोपाल में हनी ट्रैप रैकेट (Honey Trap Racket) का खुलासा हुआ था। जिसकी रिपोर्टिंग करने पर एक अखबार के मालिक पर सरकारी चाबुक भी चला था।उनके होटल से लेकर समाचार पत्र को बंद कर दिया गया था। दरअसल, उन्होंने पहले हनी ट्रेप से जुड़ी कई कहानियों का खुलासा कर दिया था। उस वक्त प्रदेश में कमलनाथ (EX CM Kamalnath) की सरकार हुआ करती थी। उसी साल हरीश यादव का चेहरा बेनकाब हुआ था। वे भी हनी की आड़ में मनी कमा रहे थे।

यह था मामला जिसमें वे फंसे

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निशातपुरा थाने में 28 अगस्त, 2019 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें दो युवतियों आरोपी नीपा धोटे (Neepa Dhote) और रिजवाना को गिरफ्तार (Honey Trap Case Effect) किया था। उनसे हुई पुछताछ में ही अफसरों और पुलिस कर्मचारियों का पता चला था। उस वक्त हरीश यादव अयोध्या नगर थाने के प्रभारी थे। मामला दर्ज होते ही वे थाने से गायब हो गए थे। उनका नाम विवादों में आते ही पहले उनका भोपाल से सागर तबादला किया गया। सागर के बहेरिया थाने के वे प्रभारी रहे। पूरी रिपोर्ट बनने के बाद उन्हें निलंबित (Suspend) कर दिया गया था। यह प्रस्ताव भोपाल के तत्कालीन आईजी योगेश देशमुख (IPS Yogesh Deshmukh) ने दिया था। उनके प्रस्ताव पर अक्टूबर, 2019 में मुहर लगी थी। इसी मामले में अयोध्या नगर के तीन सिपाही सुभाष गुर्जर, अनिल जाट और लाड सिंह जेल जा चुके हैं।

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यह लोग हुए थे गिरफ्तार

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यह पूरा मामला मनीष टहलरमानी (Manish Tehalramani) की शिकायत की जांच के बाद उजागर हुआ था। दरअसल, टहलरमानी की मोबाइल शॉप है। आठ महीने पहले नीपा धोटे, रूप नारायण गिरी, दीपांकर मंडल उर्फ बाबू (Deepankar Mandal@Babu) उसके पास आए थे। यह लोग उससे पांच लाख रुपए मांगने लगे। रकम नहीं देने पर भाई सनी को बलात्कार मामले में फंसाने की धमकी देने लगे। नीपा के खाते में मनीष ने 70—80 रुपए डाले भी थे। उसकी पहचान सनी के जरिए हुई थी। उसकी इलेक्ट्रिक दुकान है जहां से वह सामान खरीदा करते थे। गिरफ्तार आरोपी रूप नारायण गिरी पिता स्वर्गीय रामसकल गिरी उम्र 44 साल निवासी विजय लक्ष्य होम्स, खजूरी कला, दीपांकर मंडल उर्फ बाबू पिता डीके मंडल उम्र 43 साल निवासी आरके इंकलेव, बागमुगालिया मिसरोद, नीपा धोटे उर्फ प्रिया उर्फ नुपूर विश्वास पुत्री सागर विश्वास उम्र 29 साल निवासी द होम्स, अयोध्या बायपास और रिवाना उर्फ आबी उर्फ रिजवाना बेग पति आसिफ उद्दीन पुत्री मशरूर बेग उम्र 22 साल निवासी नवाब कॉलोनी निशातपुरा।

सवा दो साल की देरी पर चुप्पी

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नीपा और रिजवाना पहले देह व्यापार मामले में गिरफ्तार हो चुकी है। यह आरोपी वेबसाइट और एप के जरिए जिस्मफरोशी करती थी। इसलिए संभ्रांत परिवार के लोगों के पास यह जा चुकी थी। उनका ब्योरा जुटाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी। नीपा मूलत: बैतूल की रहने वाली है। उसने फर्जी पहचान से ज्यादती की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बदले में भी लेन—देन किया गया। ऐसे करीब 8 से 10 मामले प्रकाश में आए हैं। आरोपी एमपी नगर की कई होटल में ग्राहकों के पास जाती थी। वह मुंबई और गोवा की होटल में भी ठहरती थी। हरीश यादव को अक्टूबर, 2019 में ही निलंबित कर दिया गया था। लेकिन, बर्खास्तगी का फैसला सवा दो साल बाद गुपचुप तरीके से लिया गया। इस संबंध (MP Cop Gossip) में डीसीपी प्रशासन विनीत कपूर से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया। लेकिन, वे कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके। हालांकि उन्होंने दावा किया कि पुलिस की तरफ से प्रेस नोट जारी कर दिया गया हैं। लेकिन, हमें ऐसा कोई रिकॉर्ड में प्रेस नोट नहीं मिला।

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