Bhopal Digital Arrest: डिजीटल अरेस्ट करने वाले गिरोह का एक साथी गिरफ्तार

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Bhopal Digital Arrest: फर्जी खाकी वर्दी पहनने वाले सीबीआई के नकली अधिकारी समेत चार अन्य की अभी भी क्राइम ब्रांच को तलाश, कमीशन पर बेचता था ​सिम, वोडाफोन आईडिया टेलीकॉम कंपनी इंजीनियर को डिजीटल अरेस्ट करने का मामला

Bhopal News
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। वोडाफोन आईडिया कंपनी के इंजीनियर को ट्राई से हुई शिकायत का हवाला देकर ​डिजीटल अरेस्ट करने वाले गिरोह से एक जुड़े व्यक्ति को दबोच लिया गया है। यह कार्रवाई भोपाल (Bhopal Digital Arrest) शहर के क्राइम ब्रांच ने की है। इस मामले में पुलिस को अभी भी चार व्यक्तियों की तलाश है। जिसमें तीन वे लोग हैं जो पुलिस की नकली वर्दी पहनकर सीबीआई अफसर बनकर धमका रहे थे। क्राइम ब्रांच का दावा है कि जल्द ही उन्हें भी बेनकाब कर दिया जाएगा।

पुलिस को इस व्यक्ति की है तलाश

पत्रकारों को जानकारी देते हुए एडीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान (ADCP Shailendra Singh Chauhan) ने बताया कि उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba) से यह गिरफ्तारी की गई है। आरोपी पीओएस मशीन लेकर आधारकार्ड अपडेट  करने वाला सेंटर चलाता है। इसी दस्तावेज के जरिए वह नकली सिम एक्टिवेट करता था। बदले में पांच हजार से दस हजार रुपए का कमीशन लेकर सिम बेच देता था। इन्हीं सिम से शातिर जालसाज डिजीटल अरेस्ट (Gigital Arrest) की वारदात कर रहे थे। आरोपी एक ही बार में दो सिम जारी कर लेता था। एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी अपने पास रख लेता था। आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह करीब 150 सिम जालसाज को दे चुका है। इस संबंध में पड़ताल तब शुरु हुई थी जब 27 नवंबर को प्रमोद कुमार (Pramod Kumar) पिता ओमप्रकाश उम्र 38 साल ने रिपोर्ट दर्ज कराई। वे स्टेशन बजरिया स्थित गायत्री नगर (Gaytri Nagar) में रहते हैं। प्रमोद कुमार वोडा-आईडिया कंपनी (Vodafone Idea ompany) में फील्ड इंजीनियर है। उनके साथ 12 नवंबर को डिजीटल अरेस्ट करने का प्रयास किया गया था। जिसको मौके पर पहुंचकर क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch) ने नाकाम कर दिया था। आरोपी ट्राई नियमों की अवहेलना की धमकी देकर सैटलमेंट के लिए साढ़े तीन लाख रुपए मांग रहे थे। उसी मामले की जांच के दौरान एयरटेल (Airtel) कम्पनी एजेन्ट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा (Dhirendra Kumar ishwakarma) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) जिले में स्थित महौबा के नजदीक रहता है। जिस सिम से वारदात हुई वह विकास साहू (Vikas Sahu) पिता जगदेव साहू के नाम पर ली थी। जब उससे पूछा तो उसने बताया कि यह सिम उसे एजेंट धीरेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने घर पर आकर दी थी। यह सिम उसे फ्री में दी गई थी। आरोपी धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पिता रामशरण विश्वकर्मा उम्र 30  साल ने बताया कि सिम को वह दुर्गेश सिंह (Durgesh Singh) पिता प्रहलाद सिंह उम्र 21 साल को बेचता था। वह भी कानपुर का रहने वाला है जो अभी फरार चल रहा है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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