Gwalior Crime: टीआई ने रिश्तेदारी निभाई तो थाने की कुर्सी से धोना पड़ा हाथ

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Gwalior Crime
सांकेतिक चित्र

हत्या के बाद उजागर हुई थी रिश्तेदारी, ग्वालियर एसपी ने एएसपी को जांच सौंपी, दो दिन पहले दर्ज किए मुकदमे में झूठा फंसाने का आरोप

ग्वालियर। प्रदेश में रेत माफिया (Gwalior Sand Mafia) बदलाव के मंत्र से प्रभावित नहीं हैं। उनका साम्राज्य अभी भी फैल रहा है। ताजा मामला (Gwalior Murder Case) ग्वालियर के डबरा संभाग के पिछोर थाना क्षेत्र का है। यहां रेत माफिया ने एक मुकदमा दर्ज कराकर एक व्यक्ति को झूठा फंसाया। उसके दो दिन बाद उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिवार का आरोप है कि यह सब थानेदार की मदद से अंजाम दिया गया।
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला (Gwalior Murder Case) मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे हुआ। जिसके बाद पिछोर थाना प्रभारी और आरोपियों के बीच मिलीभगत का खुलासा हुआ। ​इलाके में अभी भी तनाव बरकरार है। इस कारण इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। पूरे मामले में एसपी ग्वालियर नवनीत भसीन रिपोर्ट ले रहे हैं। मामला राजनीति के साथ—साथ रेत माफिया से भी जुड़ा है। इसमें दो परिवारों के बीच रंजिश हुई थी। एसडीओपी डबरा उमेश तोमर ने बताया कि मंगलवार सुबह 35 वर्षीय पवन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड (Gwalior Murder Case) में फिलहाल पांच व्यक्ति के नाम पता चले हैं। आरोपी यज्ञेय यादव, कल्लू यादव, राकेश यादव और अन्य हैं। मामले की अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर है। इसलिए अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

क्या है ताजा मामला
पवन यादव के पिता सरनाम के खिलाफ पिछोर थाने में तीन दिन पहले मुकदमा (Gwalior Crime) दर्ज हुआ था। सरनाम सिंह की उम्र 68 साल है। जिसको लेकर कुछ भाजपा नेताओं के साथ सरनाम सिंह का परिवार थाने पहुंचा था। यहां थाना प्रभारी पप्पू यादव से विरोध जताया गया था। परिजनों का आरोप है कि उस वक्त उन्हें धमकाया गया था। इसके दो दिन बाद पवन यादव की गोली मारकर (Gwalior Murder Case) हत्या कर दी गई। परिवार पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर घर जा रहा था। तभी शव सड़क पर रखकर जाम कर दिया। इससे पहले अस्पताल में भी हंगामा हुआ। पुलिस अधिकारियों ने भीड़ का गुस्सा शांत करने के लिए टीआई पप्पू यादव को लाइन अटैच कर दिया गया।

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मुरैना के बाद डबरा
पवन यादव की हत्या से ठीक पांच दिन पहले मुरैना में भी हत्या हुई थी। यहां भी रेत माफिया (Madhya Pradesh Sand Mafia) पर आरोप लगे थे। ग्वालियर और मुरैना में रेत माफिया आईपीएस अधिकारी को भी मार चुके हैं। आईपीएस अधिकारी की हत्या शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थी। अब ताजा दो मामले कमलनाथ सरकार में सामने आए ​हैं। इसको देखकर यह नहीं लगता कि सिस्टम में कोई बदलाव आया है।

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