नेता अच्छी नहीं अपनी पुलिस चाहते हैं : त्रिपाठी

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रिटायर स्पेशल डीजी एनके त्रिपाठी ने  साक्षात्कार में किया दावा-पुलिस सुधार के लिए बनाए गए कई कमीशनों को सभी सरकारों ने ठंडे बस्ते में डाला, करकरे को भारतीय पुलिस सेवा सदैव अनुसरण करेगी

भोपाल। नेता कोई भी हो या कहें किसी भी छोटे-बड़े दल का हो, वह नहीं चाहता कि पुलिस अच्छी हो। वह चाहता है कि उसकी अपनी पुलिस हो। यह समस्या अब केवल पुलिस तक सीमित नहीं रह गई है। यह दूसरे विभागों तक पहुंच गई हैं। यह कहना है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक पद से सेवानिवृत्त स्पेशल डीजी एनके त्रिपाठी का। उन्होंने द क्राइम इन्फो से हुए साक्षात्कार में कई विषयों पर अपनी बेबाक राय रखी।

त्रिपाठी मध्यप्रदेश कैडर में १९७४ बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने स्पेशल डीजी सीआरपीएफ की भी भूमिका निभाई है। प्रदेश में ट्रांसपोर्ट कमिश्रर हो या फिर दतिया में एसपी कई जगह वे चर्चित रहे हैं। वे अभी भी सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र एटीएस के शहीद हेमंत करकरे को लेकर साध्वी प्रज्ञा भारती के विवादित बयान को लेकर भी त्रिपाठी की अगुवाई में ही विरोध स्वरूप कैंडल मार्च निकाला गया था। त्रिपाठी ने इस विषय पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि करकरे को तत्कालीन सरकारों ने अशोक चक्र जैसे सम्मान देकर उन्हें नवाजा। लेकिन, अब ऐसा सुनने में अच्छा नहीं लगता। त्रिपाठी ने ब्यूरोक्रेसी की नैतिकता पर भी बहुत कुछ बोला।

यह सभी अंश सुनने और जानने के लिए देखिए द क्राइम इन्फो के यू-ट्यूब चैनल को। 

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