MP Cyber Alert: टेलीकॉम कंपनी पर जुर्माना, दो रिप्रेजिटव को नोटिस

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MP Cyber Alert: यदि आपके नाम पर सिम जारी है तो यहां जाकर आसानी से लगा सकते हैं पता, एमपी में सायबर क्राइम के खिलाफ एडीजी योगेश देशमुख का चाबुक, आठ हजार से अधिक फर्जी सिम कराई गई ब्लॉक

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एडीजी  योगेश देशमुखख— फाइल फोटो

भोपाल। मध्यप्रदेश में सायबर फ्रॉड को रोकने एडीजी  योगेश देशमुख  ने एक्शन प्लॉन बनाया है। उन्होंने कई चरणों की तफ्तीश के बाद संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सूची बनाई। इनके खिलाफ सबूत देते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी के जरिए कार्रवाई के लिए मांग भी की गई। लेकिन, एक कंपनी जब कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुई तो शिकायत पर उसे जुर्माना भरना पड़ा। इतना ही नहीं कंपनी के दो अधिकारियों को भी शोकाज नोटिस थमाया गया। एमपी (MP Cyber Alert) में करीब अलग—अलग कंपनियों के करीब आठ हजार संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराया गया है। अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए एमपी सायबर मुख्यालय ने लोगों से अपील की है। जिसमें कहा गया है कि जालसाज कई निर्दोष नागरिकों के नाम पर सिम जारी करा लेते हैं। यह जारी है अथवा नहीं इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।

इतनी संख्या में ब्लॉक हुए थे मोबाइल नंबर

पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार फेसबुक पर विज्ञापन देकर कार बेचने के नाम पर पौने दो लाख रूपए की धोखाधड़ी की शिकायत हुई थी। जिसमें फर्जी सिम जारी करने और फर्जी पेटीएम खाते बनाने में संलिप्त 08 आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। वहीं सायबर पुलिस ने 21 हजार से अधिक संदिग्ध नंबरो की सूची 2020 में कंपनियों को भेजी थी। यह सायबर पुलिस ग्वालियर के गहन विश्लेषण और अथक प्रयासों से संभव किया जा सका। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख (ADG Yogesh Deshmukh) ने बताया आठ हजार से अधिक संदिग्ध सिमों को ब्लॉक कराया जा चुका है। इसमें एक टेलीकॉम कम्पनी के विरुद्ध टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराए गए थे। जिसके बाद कम्पनी पर एक लाख 83 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया। इससे पहले मार्च 2022 में सायबर पुलिस जोन-ग्वालियर के प्रयासों से एक टेलीकॉम कम्पनी की 7,948 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराने में सफलता प्राप्त की थी।

इस कारण कंपनी को होना पड़ा कार्रवाई के लिए मजबूर

एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि शिवपुरी और गुना जिले से जारी फर्जी सिम और फर्जी पेटीएम खातों का उपयोग किया जाना पाया गया। सायबर जोन ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल (SP Sudhir Agrawal) की टीम जिसमें निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता, एसआई अनिल शर्मा की टीम ने फर्जी सिम जारी करने और फर्जी पेटीएम खाते बनाने में संलिप्त आठ आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की। इसके साथ ही प्रकरण में प्राप्त डाटा के विश्लेषण से 20,000 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नम्बरों को भी चिन्हित किया गया था। जिनकी सूची बनाकर संबंधित सर्विस प्रोवाइडरों को सत्यापन हेतु भेजी गई थी। एक टेलीकॉम कम्पनी के मार्च 2022 में 7 हजार 948 सिम ब्लॉक कर दी गई। बाद में इसी कंपनी ने 239 अन्य सिमों को भी ब्लॉक किया। परंतु दूसरी टेलीकॉम कम्पनी ने पुनः सत्यापन में सभी सिम सही बताया था। इस पर राज्य सायबर पुलिस ने साक्ष्यों के साथ डीजी टेलीकॉम को जानकारी भेजी गई। टेलीकॉम अधिकारी ने सिमों का पुनः परीक्षण किया। जिसके बाद 583 सिमें ब्लॉक करने के अलावा रुपए 1,83,000/- का जुर्माना लगाया।

पुलिस की जनता से अपील

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

पुलिस मुख्यालय ने बताया कि सायबर फ्रॉड (MP Cyber Alert) वाले जालसाज फेक सिम का प्रयोग करते है। जिसकी मदद से वे सायबर फ्रॉड करते हैं। जांच पर पुलिस असली सायबर अपराधियों तक नहीं पहुँच पाती है। क्योंकि ये सिम निर्दोष नागरिकों की आईडी का प्रयोग कर प्राप्त की गई होती हैं। अपराध में प्रयुक्त सिम में जिनके आईडी प्रयुक्त होते हैं, उन्हें पूछताछ में अपनी निर्दोषिता साबित करना होती है। अतः वेबसाईट http://tafcop.dgtelecom.gov.in से अपने नाम से जारी सिमों की जानकारी करके अनावश्यक नंबरों को डिएक्टिवेट करा दें।

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