Madhya Pradesh : मंत्रियों को मिले विभाग, बागियों पर कांग्रेस का तंज

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फिर सामने आई कांग्रेस की अंतर्कलह

सीएम शिवराज की कैबिनेट बैठक

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के शपथ लेने के 29 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ है। सोमवार को 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। उन्हें विभागों की जगह संभागों की जिम्मेदारी दी गई थी। मंत्रियों को 2-2 संभाग बांट दिए गए थे। सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने तंज कसते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज ने मंत्री नहीं संभागायुक्त नियुक्त किए है। खबर है कि विभाग की जगह संभाग मिलने पर मंत्री भी नाखुश थे, लिहाजा मंगलवार को सीएम शिवराज ने नैनो कैबिनेट (Nano Cabinet) को विभाग वितरित कर दिए है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) को सबसे पॉवरफुल विभाग दिए गए है। उन्हें गृह और स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कोरोना संकट से लड़ने के लिए अभी विभागों का आवंटन किया गया है। संकट खत्म होते ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर विभागों का फिर से बंटवारा किया जाएगा।

इस तहत बंटे विभाग

1-नरोत्तम मिश्रा – गृह और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2- तुलसी सिलावट- जल संसाधन विभाग

3- कमल पटेल – किसान कल्याण एवं कृषि विभाग

4- गोविंद सिंह राजपूत- खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं सहकारिता

5- मीना सिंह मांड़वे- आदिम जाति कल्याण

कांग्रेस का तंज

मंत्रियों को पहले विभागों की जगह संभाग बांटे जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी तो अब विभाग बांटे जाने पर तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja) ने ट्वीट किया कि- प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी डिप्टी सीएम को जल संसाधन मंत्री बनते सुना है ……? कांग्रेस का निशाना बागियों पर है। लगातार खबरें सामने आ रही थी कि तुलसी सिलावट डिप्टी सीएम बनने की रेस में है। जिसके बाद उऩ्हें जल संसाधन मंत्री बना दिया गया है। वहीं मीडिया विभाग के चेयरमैन जीतू पटवारी ने कहा कि कोरोना संकट के समय सबसे बड़ी जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा विभाग की है। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी देना ही भूल गए।

सामने आई कांग्रेस की अंतर्कलह

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नैनो कैबिनेट में भाजपा के ही कई सीनियर लीडर्स को जगह नहीं मिली है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव नैनो कैबिनेट से बाहर है। जिसे लेकर सोमवार को पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने तंज कसा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि- गोपाल भार्गव जी की वरिष्ठता एवं अयोग्यता का आज पता चला..!

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा था कि- शिवराज का मंत्रीमंडल मप्र के दुर्भाग्य की शुरुआत है..! गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ को नज़रअंदाज़ करना और बिकाऊ लोगों के लिये अपने ही लोगों को किनारे करना अस्वस्थ परंपरा है। ये बीजेपी के अंत का आरंभ है।

वरिष्ठता को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की इस चिंता पर उन्हें अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक की पत्नी ने जवाब दे दिया है। विधायक लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबिना शर्मा सिंह ने उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि- क्या ये बीजेपी में ही होता है ? 16 महीने पहले ही कांग्रेस ने भी सीनियर विधायकों को किनारे कर युवा विधायकों को चुना था।

विधायक लक्ष्मण सिंह के साथ पत्नी रुबिना सिंह

‘This only happens in the @BJP4MP  ? It didn’t happen in the Congress when youth were chosen over experienced senior leaders, just 16 months ago??’

अपील

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