MCU Scam : माखनलाल विवि के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला फरार, संपत्ति होगी कुर्क

Share

पंचकुला के दफ्तर और घर पर ईओडब्ल्यू (EOW) की दबिश, नहीं मिले कुठियाला

MCU Scam

भोपाल। माखनलाल पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति ब्रज किशोर कुठियाला फरार हो गए है। ईओडब्ल्यू की टीम ने हरियाणा के पंचकुला में स्थित उनके दफ्तर और घर पर दबिश दी, लेकिन कुठियाला नहीं मिले। बता दें कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई आर्थिक अनियमितताओं के विभिन्न मामलों में ईओडब्ल्यू ने बीके कुठियाला के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब उनकी तलाश की जा रहीं है।

ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी के मुताबिक कुठियाला की तलाश में ईओडब्लू की टीम गुरुवार रात पंचकुला के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार शाम पंचकुला पहुंची, शनिवार सुबह से ईओडब्ल्यू की कार्रवाई शुरु की गई थी। सबसे पहले सेक्टर 12 में स्थित कुठियाला के घर पर दबिश दी गई। यहां उनके दो नौ कर एक सफाई कर्मचारी, महिला कर्मचारी और एक चौकीदार मिला।

जिसके बाद टीम सेक्टर-4 में स्थित कुठियाला के दफ्तर में पहुंची। कुठियाला हरियाणा के हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष है। यहां दफ्तर में उनके पीए और अन्य स्टाफ से फरारी पंचनामा पर ईओडब्लू के अधिकारियों ने हस्ताक्षर कराए। कुठियाला मूलत हिमाचल प्रदेश के रहने वाले है और उनका दिल्ली में भी आवास होने की जानकारी ईओडब्ल्यू को मिली है।

संपत्ति होगी कुर्क

KN Tiwari

ईओडब्ल्यू के डीजी केएन तिवारी ने बताया कि अब धारा 82,83 के तहत बीके कुठियाला के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धारा 83 में उद्घोषणा होगी जिसमें उन्हें अदालत की तरफ से उपस्थित रहने का नोटिस जारी होगा। इसके बावजूद यदि वे हाजिर नहीं होते है तो संपत्ति कुर्की की कार्रवाई अदालत के आदेश पर की जा सकती है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Railway Job Fraud: तीन लाख लेकर थमाया फर्जी नियुक्ति पत्र

तीन साल की सजा तय

डीजी केएन तिवारी के मुताबिक प्रो. ब्रज किशोर कुठियाला ईओडब्ल्यू को लगातार असहयोग कर रहे है। यदि वे फरार रहते है और हाजिर नहीं हो पाते है तो अभियोजन के वक्त ईओडब्ल्यू की तरफ से सीआरपीसी की धारा 174 A और 175 के तहत मामला जोड़ा जाएगा। इसमें कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान है।

कौन है कुठियाला

प्रोफेसर बीके कुठियाला आरएसएस विचारधारा के थे। अभी हरियाणा सरकार की तरफ से उन्हें एक शिक्षा केन्द्र का अध्यक्ष बनाया गया है। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान माखनलाल विश्वविद्यालय में काफी वित्तीय अनियमितता की है। उनके ही कार्यकाल में पदोन्नति, नियुक्तियों में भी गड़बड़ी की गई। इसी मामले में ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें उनकी तरफ से जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई गई थी। सुनवाई के बाद ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

YouTube video

बहाने से बच रहे 

ईओडब्ल्यू का कहना है कि कुठियाला के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने नोटिस भेजकर 8 जून को हाजिर होने के लिए कुठियाला को नोटिस भेजा था। यह नोटिस 7 जून मिलने का बताकर माखनलाल के पूर्व कुलपति ने मोहलत मांगी थी। ईओडब्ल्यू ने तीन दिन की मोहलत देते हुए आवेदन स्वीकार किया था। लेकिन, कुठियाला नहीं पहुंचे तो ईओडब्ल्यू ने अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी पत्र जारी कर दिया था। इस पत्र के जवाब में कुठियाला ने चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा देते हुए 27 जून की तारीख मांगी थी। इसी दौरान कुठियाला ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी थी। ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने बताया कि पूर्व कुलपति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय दस्तावेज है जिसमें उनका पक्ष जानना बाकी है।

यह भी पढ़ें:   प्रकरण दर्ज करते ही ईओडब्ल्यू ने मारा छापा

चाय-बिस्कुट के बिल में फंसे कुठियाला

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा के समर्थित प्रोफेसर बीके कुठियाला फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से एक शिक्षण संस्थान में तैनात हैं। ईओडब्ल्यू ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं संचार केन्द्र में हुई गड़बड़ी के मामले में अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की  मद से चाय-बिस्कुट और शराब की बोतलों का भुगतान कराया। ईओडब्ल्यू वित्तीय  अनियमित्तओं के अलावा फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति की जांच कर रही है। इसी मामले में पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वर्मा, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य आरोपी है। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।

 

Don`t copy text!