Chit Fund Scam: दुबई में बैठकर निवेशकों को यकीन दिला रहा है कि उसके दुश्मनों ने कंपनी की साख को गिराने झूठी जानकारी फैलाई, अभी भी उसके सक्रिय एजेंट महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में सक्रिय होकर पैसा जुटा रहे

भोपाल। भारत में सैंकड़ों निवेशकों का पैसा लेकर दुबई में बैठा लवीश चौधरी सरकारी एजेंसियों का मखौल उड़ा रहा है। वह जूम मीटिंग लेकर निवेशकों को यकीन दिला रहा है कि उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे फर्जी है। वह सभी लोगों का पैसा अगस्त महीने में लौटा देगा। उसके खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमे (Chind Fund Scam) के बावजूद उसके कई एजेंट अभी भी महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में सक्रिय हैं। वह दुबई में बैठकर इन्हीं लोगों के जरिए अभी भी लोगों को झांसा देकर पैसा ऐंठ रहा है। जबकि उसको दबोचने के लिए ईडी और एमपी एसटीएफ समेत कई पुलिस की एजेंसियां लुक आउट नोटिस जारी कर रही है।
अभी भी झांसे में आ रहे लोग
जानकारी के अनुसार नेटवर्क कंपनी लवीश चौधरी (Lavish Chaudhry) ने 2020 में शुरु की थी। वह जूम मीटिंग में बता रहाहै कि नौ लोगों से शुरु किया कारोबार पांच साल में कैसे उसने फैलाया। उसकी जूम मीटिंग में 25 हजार से ज्यादा लोग एक महीना पहले उससे जुड़े थे। लवीश चौधरी मूलत: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद का रहने वाला है। वहां पर उसके खिलाफ पहले ही जालसाजी और गबन का प्रकरण दर्ज है। वांटेड लवीश चौधरी आईपीएल मैच के दौरान दुबई (Dubai) में बैठकर बकायदा डिबेट में भी शामिल हुआ था। उसके संपर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर कई लोगों से हैं। लवीश चौधरी ने इसी साल जनवरी, 2025 में थाईलैंड (Thailand) में कंपनी नेटवर्क मार्केटिंग के लिए मीटिंग कराई थी। इसमें भारत से भी कई लोग वहां पहुंचे थे। लवीश चौधरी का दावा है कि उसके नेटवर्क कंपनी में सैंकड़ों कंपनियां मर्ज हुई है। इधर, महाराष्ट्र (Maharashtra) में कंपनी के लिए काम करने वाली मार्केंटिंग हेड अंजली (Anjali) अभी भी लोगों से पैसा वसूल करके दुबई में पहुंचा रही है। कंपनी ने अपने दूसरे खाते जांच एजेसियों से बचने के लिए फंक्शन करना शुरु कर दिए हैं। जिसकी भनक ईडी (ED) और एमपी एसटीएफ (MP STF) को नहीं हैं। यह जानकारी महाराष्ट्र से स्वप्निल श्रेयस्कर ने दी है। उसका दावा है कि कई लोग अभी भी लवीश चौधरी के झांसे में आकर फंस रहे हैं।
एक पखवाड़े पहले ही एसटीएफ ने किया था खुलासा
एमपी पुलिस (MP Police) की स्पेशल टास्क फोर्स बॉट ब्रो कंपनी (Bot Bro Company) फर्जीवाड़े में मनी ट्रेल निकालने का प्रयास अभी भी कर रही है। इधर, दुबई के रास्ते चल रहे इस घोटाले में ईडी की भी एंट्री भी जांच कर रही है। वह फेमा एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर मुख्य आरोपी लवीश चौधरी को भारत में लेकर आने की तैयारी करने का दावा कर रही है। इस मामले में दो आरोपियों दीपक शर्मा (Deepak Sharma) और मदन मोहन (Madan Mohan) को दिल्ली (Delhi) से गिरफ्तार किया गया था। इनसे हुई पूछताछ के बाद पुलिस को 17 खातों की जानकारी मिली थी। इनमें दो कंपनियों यार्कर एफएक्स (Yarker FX) और यार्कर केपीटल (Yarker Capital) में लोगों को निवेश कराया गया था। यह निवेश की राशि 2400 करोड़ रुपए से पार हो चुकी है। एसटीएफ (STF) ने 90 करोड़ रुपए बकायदा फ्रीज भी कराएं हैं। एमपी एसटीएफ ने इस कंपनी के खिलाफ एक पखवाड़े खुलासा करते हुए दावा किया था वह उनकी गतिविधियों को रोकने का प्रयास कर रही है। जबकि फर्जीवाड़ा करने वाले लवीश चौधरी के आदमी अभी भी देशभर में सक्रिय हैं।
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