MP Political Gossip: राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के एक नेता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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MP Political Gossip: चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे में बलात्कार के दर्ज मामले को छुपाने की आधिकारिक जानकारी निकालने तैयारी शुरू, विधायक के प्रचार से पूर्व विरोध और खेमेबाजी, बिसेन को मंत्री बनाया तो वायरल होगा फिर वह विवादित वीडियो

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। हर छोटी—बड़ी राजनीतिक पार्टियां (MP Political Gossip) अपनी तरफ से खेमेबाजी कर रही है। इसमें कई चौका देने वाली तैयारियां भीतर ही भीतर चल रही है। ऐसे ही मामलों का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी पॉलिटिकल गॉसिप है।

थाने में सभी दलों के नेता एक—एक करके जमा हुए

पिछले दिनों मंदिर में जल चढ़ाने को लेकर दो गुटों के बीच जमकर विवाद हो गया। यह पता चलने पर भाजपा—कांग्रेस दोनों ही दल के नेता एक—एक करके थाने में जमा होने लगे। इसमें ब्राह्मण समाज की राजनीति करने वाले कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए। इन नेताओं की राजनीतिक रोटियां पकती उससे पहले थाना प्रभारी ने ऐसा पांसा फेंका कि दोनों ही गुटों में समझौता हो गया। दरअसल, ऐसा नहीं होता तो उस क्षेत्र से जुड़े एक मंत्री की क्षेत्र में कमजोर पकड़ संगठन तक पहुंच जाती। इसलिए थाना प्रभारी ने तैनाती मिलने के बाद अपनी योग्यता का लोहा तुरंत ही मनवा लिया। क्योंकि जब अलग—अलग गुट वहां जमा हुए थे तब मंत्री के खबरनवीस पल—पल की रिपोर्टिंग बंगले तक पहुंचा रहे थे।

एक सीट फिर हो सकती है भविष्य में खाली

एक राजनीतिक पार्टी के नेता की ​मुश्किलें बढ़ने वाली है। यदि वे संकट में आए तो उनसे जुड़े विधायक भी कमजोर होंगे। यह सबकुछ गणित विधायक (MP Political Gossip) के बगावती होने की अटकलों को लेकर चल रहा है। खबर है कि पार्टी के एक नेता ने पिछले दिनों बकायदा चुनाव भी जीता है। जिसमें उन्होंने अपना एक आपराधिक मामला छुपा लिया। यह मामला निकालने के लिए उसी पार्टी के एक खास सिपहसलार को को आदेश मिला है। यदि नेता से जुड़े विधायक ने कोई चाल चली तो वह कागज वायरल होगा। जिसके बाद उनकी मुश्किलें एक नहीं दो बड़े वार्ड में खड़ी हो जाएगी। यह वार्ड विधायक की जीत का किला माना जाता है। इसे कहते हैं राजनीतिक चौंसर। देखना यह है कि टिकट वितरण से पहले या फिर बाद में माननीय पाला बदलते हैं।

एमपी की राजनीति में एक बार फिर ओबीसी का हल्ला

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

मध्यप्रदेश में पिछली बार ग्वालियर—चंबल जोन में प्रचार के दौरान एक नारा बुलंद किया गया था। कौन है माई का लाल जिसके बाद पूरी राजनीतिक बिसात ताश के बनाए किले की तरह ढ़ह गई थी। इधर, खबर है कि इस बार यह बात मुखर होकर नहीं बल्कि चुपचाप की जा रही है। खबर है कि राजेंद्र शुक्ला (Rajendra Shukla) और गोरी शंकर बिसेन को कुर्सी मिलने वाली है। यदि ऐसा हुआ तो गोरीशंकर बिसेन (Gaurishankar Bisen) फिर सुर्खियों में आने वाले हैं। क्योंकि कुछ महीने पहले उनका स्कूली बच्चों के साथ बैड टच करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए कांग्रेस और उससे जुड़े कई संगठनों ने भरपूर प्रयास किया था। हालांकि ऐसा सरकार कर नहीं सकी। अब यदि ऐसा होता है तो शपथ लेते साथ फिर वह वीडियो वायरल होकर छिछालेदार होना तय है।

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सोनू का सनाका मैन स्ट्रीम मीडिया से गायब

पिछली बार विधानसभा चुनाव में एक विधायक आडियो जमकर वायरल हुआ था। जिसमें वे कह रहे थे कि हां सोनू। विधायक महोदय ने भोपाल की सातों विधानसभा का रिपोर्ट कार्ड उसे बता दिया था। वह कुछ निकला भी ऐसा ही था। उस वक्त विधायक महोदय को जीतने में काफी पसीना आ गया था। इस बार विधानसभा में फिर सोनू सुर्खियों में है। उसकी पूरी खबर मैन स्ट्रीम मीडिया से गायब है। यह सोनू पचौरी है जिसने अपने गेस्ट हाउस में बुलाकर एक कारोबारी और उसके परिवार का वीडियो बना लिया था। मीडिया में इस बात को लेकर चर्चा ही नहीं हो रही कि उसके गेस्ट हाउस में कौन—कौन और कब—कब आकर ठहरा। वह पुलिस रिकॉर्ड में फरार भी चल रहा है। जिसको दबोचने या उसके प्रयास को लेकर भी चिंता मीडिया या अफसरों में दिखाई नहीं दे रही।

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