हिन्दू महासभा में मनाया महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का ‘बलिदान दिवस’

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गोडसे के बयान को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

फाइल फोटो

ग्वालियर। हिन्दू महासभा (Hindu Mahasabha) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या के मामले में अदालत में दिये गये नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के बयान को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। महासभा के कार्यकर्ताओं ने यहां अपने दौलतगंज कार्यालय में शुक्रवार को गोडसे का 70वां ‘बलिदान दिवस’ मनाया। महात्मा गांधी की हत्या करने के जुर्म में गोड़से को 15 नवंबर 1949 को अंबाला (Ambala) की जेल में फांसी की सजा दी गई थी। महासभा के कार्यकर्ता कार्यालय में जमा हुए और नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) और नारायण आप्टे (Narayan Apte) की तस्वीर के सामने महाआरती कर दोनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयवीर भारद्वाज (Jaiveer Bhardwaj) ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी महासभा ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे का 70वां ‘बलिदान दिवस’ मनाया। कार्यक्रम आरती करने के बाद दोनों की आत्मा की शांति की लिये प्रार्थना की गई। भारद्वाज ने कहा कि गोडसे और आप्टे का भी देश की आजादी में योगदान था, लेकिन उन्हें भुला दिया गया।

भारद्वाज ने बताया कि ‘बलिदान दिवस’ के आयोजन के बाद हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम चार सूत्रीय ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है। इसमें मुख्य रूप से महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे में अदालत में दिेये गये गोडसे के बयान को प्रदेश के स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की कांग्रेस की सरकार ने यह बयान 50 साल तक प्रतिबंधित रखा और सार्वजिनक नहीं किया। अब यह बयान सार्वजनिक है।

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वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता (Bhupendra Gupta) ने हिन्दू महासभा के इस आयोजन की निंदा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की हत्या कर हिंसा करने वालों का इस आयोजन से महिमामंडन किया जाता है। ये वो लोग हैं जो भारतीय संविधान में विश्वास नहीं रखते क्योंकि गोडसे ने देश में उच्चतम न्यायालय होने के बावजूद इंग्लैंड की रानी के समक्ष स्वयं के लिये दया याचिका दायर की थी।

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