Bhopal Cyber Crime : नाइजीरिया में बैठे मास्टरमाइंड ने अपने एजेंट की मदद से निकाले साढ़े सौलह लाख रुपए

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Bhopal Cyber Crimeबीएसएनएल की लापरवाही से हुई एक निजी कंपनी के खाते में हैकिंग, दो आरोपी गिरफ्तार

भोपाल। भोपाल सायबर सेल (Bhopal Cyber Crime) ने एक गिरोह के दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। यह एजेंट नाइजीरिया में बैठे मास्टरमाइंड के इशारों पर काम कर रहे थे। इन एजेंटों की मदद से नाइजीरियन रैकेट ने शहर के एक फर्म का खाता हैक करके उसमें से साढ़े सौलह लाख रुपए निकाल लिए थे। इस मामले में बीएसएनएल की लापरवाही भी सामने आई है।
जानकारी के अनुसार इस घटना (Bhopal Cyber Crime) की शिकायत गुलमोहर निवासी मुकेश कावरे पिता रमाकांत कावरे ने सायबर सेल से की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी फर्म है जिसके खाते से साढ़े सौलह लाख रुपए निकाल लिए गए हैं। इससे पहले फर्म की बीएसएनएल वाली (Bhopal Cyber Crime) सिम कुछ देर के लिए बंद हुई थी। निकाली गई रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर भी हो गई थी। यह पता चलने पर सायबर सेल ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के अलावा आईटी एक्ट (Bhopal Cyber Crime) के तहत प्रकरण दर्ज किया। जांच की शुरूआत बीएसएनएल दफ्तर से ही की गई। दरअसल, फर्म की डुप्लीकेट सिम जालसाजों ने जारी कराई थी। इसी सिम को लेने दो व्यक्ति वहां पहुंचे थे। जिसमें से एक मुकेश कावरे बनकर पहुंचा था। आरोपियों ने दस्तावेज भी पेश किए जिसको देखने के बाद डुप्लीकेट सिम जारी कर दी गई थी।

ऐसे करते हैं वारदात
इस मामले में नाइजीरियन रैकेट (Bhopal Cyber Crime) से जुड़े और जालसाजी के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आरोपी अनुराग प्रकाश सालवेकर पिता प्रकाश सालवेकर को गिरफ्तार किया गया। उसको मुंबई ईस्ट से दबोचा गया। जब रकम निकाली गई (Bhopal Cyber Crime) थी उसमें से एक खाता अनुराग का था। उससे पूछताछ में उसने अपने दूसरे साथी विनोद मिश्रा पिता सोभनाथ मिश्रा के नाम का खुलासा किया। आरोपियों के सभी खातों को सीज करा दिया गया है।

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तीसरा आरोपी पहले से जेल में
अनुराग और विनोद को (Bhopal Cyber Crime) हिरासत में लेने के बाद हुई पूछताछ में गिरोह के तीसरे साथी की जानकारी हाथ लगी। वह सायबर सेल के ही एक अन्य मामले में पहले से ही जेल में बंद है। आरोपी अनिल पिता तुलसीराम जोशी है जो फर्जी बैंक खातों के लिए दस्तावेज मुहैया कराता है। आरोपियों ने (Bhopal Cyber Crime) पूछताछ में बताया कि यह काम नाइजीरियन रैकेट ट्रोजन की मदद से वारदात को अंजाम देता है। अनिल जोशी फिलहाल गुजरात के साबरबती जेल में बंद हैं। अनिल की गिरफ्तारी के लिए उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा।

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