Bhopal Cyber Cheating के लिए खाता दिलाने वाले गिरोह का खुलासा

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Bhopal Cyber Cheating: कैनरा बैंक के खाते में हुए अत्यधिक लेन—देन के बाद हुई शिकायत पर उजागर हुआ यह फर्जीवाड़ा

Bhopal Cyber Cheating
गिरोह का खुलासा करते हुए डीसीपी जोन—1 साई कृष्णा थोटा और उनकी टीम के सदस्य। भोपाल पुलिस से जारी चित्र

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Cyber Cheating) पुलिस ने छह सदस्यीय गिरोह का एक बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे में मामले की शिकायत करने वाली युवती का अहम रोल है। उसकी ही दी गई जानकारी के बाद पुलिस को रैकेट का सुराग मिला था। यह गिरोह सायबर चीटिंग करने वाले रैकेट के लिए खाता मुहैया कराता था। इस गिरोह के चार आरोपी बिहार में रहते हैं। रैकेट के तार दूसरे राज्यों में फैले नेटवर्क से भी जुड़े है। जिसके संबंध में जानकारी भोपाल सायबर क्राइम पुलिस मुख्यालय के जरिए एजेंसियों को देने जा रही है।

ऐसे मिला था पुलिस को सुराग

क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने 16 दिसंबर की दोपहर लगभग एक बजे 329/21 धारा 420 (जालसाजी) का प्रकरण दर्ज किया गया था। घटना पिपलानी थाना क्षेत्र के रत्नागिरी स्थित केनरा बैंक के अफसरों की मदद से उजागर हुई थी। जिसकी शिकायत शानू चढ़ार पुत्री रामलाल चढ़ार उम्र 25 साल ने की थी। उसको बैंक ने बताया था कि उसके खाते से अत्यधिक मात्रा में लेन—देन किया जा रहा है। उसने पुलिस को बताया कि उसको नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। जिसके बाद उससे सैलरी अकाउंट केे लिए खाता खुलवाया गया था। लेकिन, उस खाते का इस्तेमाल वह नहीं करती है। शानू चढ़ार (Shanu Chadhar) ने दो संदिग्ध मोबाइल नंबर भी पुलिस को मुहैया कराए थे। इसी मामले की जांच के बाद पुलिस पूरे गिरोह तक पहुंची। पुलिस ने इस मामले में बिहार में रहने वाले चार आरोपियों समेत छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

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एक महीने में 41 लाख रुपए का लेन—देन

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस मामले में पिपलानी निवासी आयुष लिटोरिया (Ayush Litoriya) को हिरासत में लिया। उसने ही शानू चढ़ार को झांसा देकर बैंक खाता खुलवाया था। इस काम में उसकी मदद पिपलानी निवासी निखिल शर्मा (Nikhil Sharma) ने की थी। दोनों आरोपी पैसा लेकर बिहार के गिरोह को बैंक खाता बेच देते थे। इस मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद अजहरउद्दीन है। वह बिहार (Bihar) के पश्चिम चंपारण के शिकारपुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम अम्बाहगोद का रहने वाला है। वह भोपाल में पढ़ाई कर चुका है। इसलिए आयुष लिटोरिया और निखिल शर्मा को वह पहचानता है। मोहम्मद अजहरउद्दीन (Mohmmed Azharudiin) बैंक पास बुक और एटीएम लेकर आलोक कुमार यादव (Alok Kumar Yadav) को मुहैया कराता था। वह भी बिहार के मझौलिया थाना क्षेत्र स्थित कंचनपुर गांव का रहने वाला है। आरोपियों ने शानू चढ़ार के बैंक खाते को लेकर 41 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया था।

दूसरे राज्यों में फैला है नेटवर्क

इसी गिरोह के लिए काम करने वाले पश्चिम चंपारण के मझौलिया गांव में रहने वाले राहुल आलम (Rahul Alam) और रोहतस जिला के सासाराम थाना क्षेत्र स्थित कंचनपुर गांव के रहने वाले कुंदन कुमार सिंह (Kundan Kumar Singh) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से आठ स्मार्टफोन समेत 22 मोबाइल, एक स्कॉर्पियों के अलावा दो देशी कट्टे भी बरामद किए हैं। आरोपी अब तक करीब पांच सौ बैंक खातों को बेचना कबूल चुके हैं। इन बैंक खातों का इस्तेमाल वे सायबर फ्रॉड के लिए करते थे। ताकि पकड़ाने पर पुलिस की जांच उनकी बजाय बेरोजगारों तक सीमित रह जाए। पुलिस को इस​ गिरोह से दूसरे रैकेट की जानकारी भी मिली है। जिसको पुलिस मुख्यालय के ​जरिए दूसरे राज्यों को दी जा रही है।

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