भेल के मुन्ना भाई को बचाने प्रबंधन के अफसर तीन साल तक बने रहे गांधारी

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भोपाल पुलिस की भूमिका पर भी सवाल, एसटीएफ से लेकर की अफसरों को सबूतों के साथ की गई थी शिकायत

भोपाल. आपने संजय दत्त अभिनीत फ़िल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस देखी होगी। इसमें डॉक्टर बनने के लिए चीटिंग की जाती है। अस्पताल के कई लोग जानते हुए भी खामोश रहते हैं। कुछ ऐसा ही फर्जीवाड़ा भोपाल के भेल में भी हुआ। भेल को भारत के नो महारत्नों में से एक माना जाता है। इस फर्जी मामले में पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज करने में देरी की है। उसकी भूमिका भी संदिग्ध लग रही है।

पुलिस के अनुसार आरोपी अवधपुरी निवासी 48 वर्षीय साजि सेमुअल हैं। वह भेल के क्षितिज गेस्ट हाउस में सीनियर एक्जीक्यूटिव एचआर के पद पर तैनात था। इस मामले की जानकारी भेल को 2017 में लग गई थी। लेकिन, इस मामले को दबाया जा रहा था।
इस मामले का खुलासा करने वाले भेल के रिटायर्ड अफसर आरएस सिंह ही है। साजि सैमुअल ने यह नौकरी एमबीए की फर्जी डिग्री से हासिल की। वर्ष 2007 में भेल ने (एचआर) सीनियर एग्जीक्यूटिव के ओपन वेकेंसी निकाली थी। उसमें कई उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। उस लिखित परीक्षा में साजि सैमुअल फेल हो गए। इसके दो साल बाद वर्ष 2009 में मैनेजमेंट से साजि सैमुअल का सिर्फ इंटरव्यू लिया और जूनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर ज्वाइन करा दिया।

ऐसे हासिल की थी डिग्री

पुलिस ने साजि सैमुअल के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने का मामला दर्ज किया है। जांच में मालूम हुआ है कि भेल में सीनियर एग्जीक्यूटिव एचआर पद के लिए ओपन भर्ती निकली, तब नियमित डिग्री मांगी गई थी। साजि सैमुअल ने तीन राज्य मप्र की राजधानी भोपाल जवाहर चौक स्थित एक सोलंकी कम्प्यूटर क्लासेस और उसके बाद दूसरा सेमेस्टर उप्र के फैजाबाद और तमिलनाडु से चार सेमेस्टर में एमबीए की ड्रिगी हासिल करने का प्रमाण पेश किया। डिग्री को उप्र के फैजाबाद यूनिवर्सिटी की बताया गया था। आरटीआइ से इन डिग्रियों की कलई 2015 में उजागर हो गई। दस्तावेजों के साथ गोविंदपुरा थाने में शिकायत की गई।

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भेल के अफसर खामोश

इस पूरे मामले में भेल के कई अन्य अफसर फंसे हैं। लेकिन, प्रबंधन खामाेश है। हालांकि सिंह ने मोर्चा खोल रखा है और उन्होंने इस संबंध में जिला अदालत में परिवाद लगा रखा है। जिसकी सुनवाई अगले महीने होनी है। इस परिवाद में उन्होंने सीएमडी दिल्ली, डायरेक्टर एचआर भोपाल समेत 20 अफसरों पर ऊंगलियां उठ रही है।

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