Bhopal News: आरओबी, फ्लाय ओवर निर्माण के चलते ट्रैफिक इंजीनियरिंग में रोड़ा, विभागों के बीच तालमेल की कमी उजागर, स्कूल बस हादसे के बाद समीक्षाओं का दौर जारी

भोपाल। प्रदेश की राजधानी में आरओबी और फ्लाय ओवर निर्माण के बाद कई स्थानों पर दुर्घटनाओं के ब्लैक स्पॉट बन गए हैं। यह निर्माण एजेंसियों पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के बीच तालमेल के अभाव के चलते बने हैं। भोपाल (Bhopal News) शहर में लगभग 16 दुर्घटना संभावित जोन को यातायात पुलिस ने चिन्हित भी कर लिया है। लेकिन, इसे सुधारने वाली एजेंसियों पीडब्ल्यूडी और निगम प्रशासन को लगातार किए जा रहे पत्राचारों के बावजूद किसी तरह की जिम्मेदारियों का अहसास ही नहीं हैं।
आंकड़ों के आधार पर तय किये ब्लैक स्पॉट
प्राथमिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि खराब इंजीनियरिंग के कारण यह ब्लैक स्पॉट बने हैं। हद तो यह है कि इन में से सर्वाधिक ब्लैक स्पॉट के लिए लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार है। लेकिन दुर्घटनाएं होने के बाद भी विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। जिस कारण उन्हें सुधारने की सुध ही नहीं ली जाती है। हालांकि यातयात पुलिस भी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर सुधार का आग्रह कई बार कर चुकी हैं। पुलिस पत्राचार की बात बोलकर अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लेती है। शहर में यातायात पुलिस की तरफ से जिन स्थानों को ब्लैक स्पॉट यानि की सर्वाधिक दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में शामिल किया है वह आंकड़ों के आधार पर तय किया गया है।
यह है वह दुर्घटना संभावित क्षेत्र
हबीबगंज थाना क्षेत्र स्थित 1100 क्वार्टर हनुमान मंदिर, 1250 चौराहा, एमपी नगर थाना क्षेत्र स्थित व्यापमं चौराहा, पर्यावास भवन चौराहा, डीबी मॉल चौराहा, टीटी नगर स्थित अटल पथ का प्लेटिनम प्लाजा, तरुण पुष्कर तिराहा, गोविंदपुरा थाना क्षेत्र स्थित आईएसबीटी का मोड़, पिपलानी थाना क्षेत्र स्थित रत्नागिरी तिराहा, मिसरोद थाना क्षेत्र स्थित आशिमा मॉल, समरधा ब्रिज, 11 मील, बाग सेवनिया चौराहा, बेस्ट प्राइज तिराहा, निशातपुरा स्थित पीपुल्स मॉल और खजूरी सड़क स्थित चिरायु अस्पताल के सामने वाला हिस्सा शामिल है। इनमें से कई स्थान तो ऐसे हैं, जिनमें दो सौ मीटर से लेकर पांच सौ मीटर लंबाई वाले इलाके दुर्घटना वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
यह है वह एजेंसियां जो जिम्मेदार है
शहर के ब्लैक स्पॉटों के लिए चार सरकारी एजेंसियां जिम्मेदार है। इनमें सर्वाधिक जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग हैं। इसकी वजह है 11 रोड से संबधित एजेंसी लोक निर्माण विभाग के पास है। इनमें भी पांच जगह लोनिवि के संभाग क्रमांक एक की है। इसी तरह से दो के लिए नगर निगम, एक के लिए स्मार्ट सिटी और दो के लिए एमपीआरडीसी का जिम्मेदार है।
हादसों के डरावने वाले आंकड़े

सड़क हादसों में लोगों की लगातार जाने जा रही है। लेकिन सड़कों पर नियमों (Bhopal News) का पालन होता नजर नही दिख रहा है। नतीजा ये है कि 2024 में सड़क हादसों की संख्या 2900 रही है, जिसमें 2223 लोग घायल हुए हैं जबकि में 235 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मौत के यह आंकड़े बीते तीन सालों में सर्वाधिक है। भोपाल में 2024 में 2900 सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 192 सड़क हादसे कोहेफिजा थाना क्षेत्र में हुए, जबकि सबसे ज्यादा 25 मौतें खजूरी सड़क थाना क्षेत्र में हुई हैं। जबकि यहां सड़क हादसों का आकड़ा 137 था।
दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह
यातायात नियमों और वाहनों के रखरखाव के प्रावधानों का पालन नहीं करना है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 12 मई को स्कूल बस की टक्कर का है। जिस बस से दुर्घटना हुई उसका फिटनेस से लेकर बीमा तक नहीं था। इसी तरह से रांग साइड से चलना और सुरक्षा की दृष्टि से हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना मौत की बड़ी वजह होती है। दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाते और वाहनों की तेज रफ्तार के अलावा मुख्य सड़क पर पहुंचने के लिए साइड लेन का न होना भी बड़ी वजह है।
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