Bhopal Breaking News: ट्रैफिक एएसआई के घर किराए से रहता था, ऑनलाइन गैमिंग के मकड़जाल में फंसकर परिवार के डेढ़ लाख रुपए डूबो दिए थे, चार लोगों को बनाया गया आरोपी, एक आरोपी को लेकर पुलिस ने स्थिति नहीं की साफ

भोपाल। बी.टेक छात्र की खुदकुशी मामले में पुलिस ने गुपचुप प्रकरण दर्ज किया है। बेहद इस संवेदनशील मामले में एक व्यक्ति की भूमिका पर पुलिस ने चुप्पी साध ली है। यह घटना भोपाल (Bhopal Breaking News) शहर के अवधपुरी थाना क्षेत्र की है। घटना लगभग एक साल पहले ट्रैफिक थाने में तैनात एएसआई के घर पर हुई थी। यहां छात्र किराए से रहता था। जांच में पुलिस को आरोपियों से संबंधित चैटिंग भी बरामद हुई है।
चार लोगों को बनाया आरोपी
पुलिस सूत्रों के अनुसार ऊषा प्रभा कॉलोनी (Usha Prabha Colony) में ट्रैफिक एएसआई अकल सिंह (ASI Akal Singh) का मकान है। इसमें किराए से गौतम निर्मलकर (Gautam Nirmalkar) पिता जीवन लाल निर्मलकर उम्र 23 साल रहता था। वह मूलत: छिंदवाड़ा (Chindwara) जिले के जौसर तहसील का रहने वाला था। गौतम निर्मलकर बी.टेक (B.Tech) का छात्र था। उसने 25 मई, 2024 को फांसी लगाई थी। यह बात तब पता चली थी जब अकल सिंह के बेटे मनीष सिंह (Manish Singh) के पास उसके दोस्त रोहन पंवार (Rohan Pawar) ने फोन किया था। पुलिस को लाश किचन में लटकी मिली थी। भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था। अवधपुरी थाना पुलिस मर्ग 21/24 कायम कर मामले की जांच कर रही थी। इस मामले की जांच कार्यवाहक उप निरीक्षक संजय कुमार सिंह (SI Sanjay Kumar Singh) के पास थी। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगने से मौत आया। इधर, जांच के दौरान पुलिस को गौतम निर्मलकर के दोस्त आदित्य प्रताप सिंह (Aditya Pratap Singh) ने फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग और चैटिंग पुलिस को सौंपी थी। इसके ही आधार पर पुलिस ने चार लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस ने इस मामले में 09 जून को गुपचुप तरीके से आत्महत्या के लिए उकसाने और एक से अधिक आरोपी का प्रकरण 98/25 दर्ज किया है।अवधपुरी थाना पुलिस ने इस मामले में अभिषेक गोयल (Abhishek Goyal) पिता बजरंग लाल, रोहन पंवार (Rohan Pawar) पिता शिव शंकर पंवार, रोहित खंडाग्रे (Rohit Khandagre) पिता कृष्ण राव खंडाग्रे और सुनील नायक (Sunil Nayak) पिता किशन नायक को आरोपी बनाया है। रोहन पंवार छिदवाड़ा जिले के सौंसर तहसील और रोहित खंडाग्रे पांढुर्णा के ताप्ती कॉलोनी (Tapti Colony) का रहने वाला है। जबकि सुनील नायक शाजापुर (Shajapur) के कोतवाली में रहता है। जांच के दौरान बी.टेक छात्र के भाई गुनीस निर्मलकर (Gunis Nirmalkar) के भी बयान दर्ज किए गए। तफ्तीश में पता चला कि आरोपियों ने छात्र की सफारी कार (Safari Car) और लैपटॉप (Laptop) को गिरवी रख लिया था। यह सामान उसने ऑनलाइन गेम (Online Game) की बुरी लत के चलते हुए कर्जे के कारण लिया था। उसका सिविल भी खराब हो चुका था। जिस कारण आरोपियों की मदद से एक लाख 20 हजार रुपए सामान गिरवी रखने के बाद मिले थे। आरोपी अभिषेक गोयल और सुनील नायक ने यह सामान गिरवी रखे थे। उसकी मौसी ने मकान बनाने के लिए भेजी 50 हजार रुपए की रकम को भी उसने गेम में लगा दिया था। गिरवी रखे सामान की रकम बरेंदर डेसी (Barendar Desi) के खाते में ट्रांसफर कराई गई थी। लेकिन, आरोपी रकम ट्रांसफर नहीं कर रहे थे। जिसके लिए उसने काफी फोन भी लगाए थे। यह सारी बातें खुदकुशी से पूर्व गौतम निर्मलकर ने अपने दोस्त आदित्य प्रताप सिंह को बताई थी। पुलिस ने बरेंदर डेसी को आरोपी नहीं बनाए जाने को लेकर कोई स्थिति साफ नहीं की है। पूरी एफआईआर में कई जगह तकनीकी पेंच भी है। इधर, इन सारे तथ्यों के सामने आने के बावजूद प्रकरण को लगभग एक साल तक लटकाए भी रखा गया।
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