गुजरात दंगों में गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता को मुआवजे में मिलेगा ये सबकुछ

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सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को दिए आदेश

दिल्ली। गुजरात दंगों में गैंगरेप का शिकार हुई बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता को 50 लाख रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी दी जाए एवं उसके आवास की व्यवस्था की जाए। बता दें कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगे में बिलकिस बानो को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। अहमदाबाद के पास रणधीकपुर गांव में रहने वाली बानो के घर पर भीड़ ने हमला किया था। पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो को उग्र भीड़ ने हवस का शिकार बनाया था। उसकी दो साल की बेटी को पीट-पीटकर मार दिया गया था। उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी। गुजरात सरकार ने इस मामले में बिलकिस बानो को 5 लाख रुपए मुआवजा देने की पेशकश की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराते हुए मुआवजा राशि को 10 गुना बढ़ा दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बैंच ने ये फैसला सुनाया है।

मामले में 12 दोषियों को दी गई उम्रकैद की सजा

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बिलकिस बानो मामले में 2008 में मुंबई की कोर्ट ने 12 आरोपियों को मर्डर और गैंगरेप का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ दोषियों की अपील को हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को निर्देश दिए थे कि मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों पर दो सप्ताह के अंदर कार्रवाई करें। मामले की जांच में छेड़छाड़ के लिए हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। उच्च न्यायालय ने चार 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 218 (अपनी ड्यूटी का निर्वहन ना करने) और धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़ करने) के तहत पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को दोषी ठहराया था। लेकिन अब तक गुजरात सरकार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

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