साप्ताहिक अवकाश के लिए मध्यप्रदेश पुलिस में रोल कॉल का समय बदला

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डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने आदेश किए जारी, तेरह बिंदुओं पर समझाया साप्ताहिक अवकाश के नियम

भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस में रोल कॉल का समय बदल दिया गया है। यह कवायद कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए की गई है। इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री ने पीएचक्यू में आयोजित बैठक के बाद भी की थी। इस आदेश को अमल में लाने के लिए नए साल के पहले दिन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है।

जानकारी के अनुसार यह आदेश थाने या फिर मैदानी कर्मचारियों पर ही प्रभावी होगा। डीजीपी ने अपने आदेश में लिखा है कि मैदानी पदस्‍थापना पर कार्यरत समस्‍त पुलिस कर्मचारियों को सप्‍ताह में एक दिन का अवकाश दिया जाए। किसी कारण से कर्मचारी का अवकाश निरस्त किया जाता है तो उसे दूसरे दिन उस अवकाश का लाभ मिले। आदेश में कहा गया है कि यदि कर्मचारी उसी महीने में अवकाश नहीं लेता है तो वह समाप्त माना जाएगा। हालांकि इसके बदले में उसे भुगतान होगा या नहीं इसको लेकर स्थिति साफ नहीं की गई है।

साप्ताहिक अवकाश रद्द करने से पहले एसपी से लेना होगी मंजूरी
डीजीपी ने आदेश में लिखा है कि यह अवकाश टीआई से लेकर सिपाहियों को मिलेगा। हालांकि इसमें एएसपी, सीएसपी और एसडीओपी को भी शामिल करने की योजना थी। लेकिन, वह पूरी नहीं की जा सकी। आदेश में कहा गया है कि साप्ताहिक अवकाश के दिन पहले से ही तय कर लिए जाए। एएसपी, सीएसपी-एसडीओपी और थाना प्रभारी को अवकाश रद्द करने का अधिकार नहीं होगा। यह काम एसपी को देखना होगा। एसपी अवकाश रद्द करने की जानकारी डीआईजी रेंज को भेजेंगे। इसी तरह जिलों में तैनात बटालियन के कंपनी कंमाडर से लेकर आरक्षकों को भी इसका लाभ मिलेगा। लेकिन, अवकाश रद्द करने का अधिकार जिले के एसपी को होगा और वह सूचना कमांडेंट के अलावा डीआईजी रेंज को देंगे।

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रोल कॉल का सिस्टम फिर बदला

साप्ताहिक आदेश के साथव ही पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश भर के रोल कॉल का सिस्टम बदल दिया हैं। यह सिस्टम इससे पहले आपातकाल के वक्त बदला गया था। हालांकि समय-समय में आवश्यकतानुसार भी इसमें बदलाव हुए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोल कॉल नहीं होता है। इस दौरान थाने के कर्मचारियों की गणना होती है और उन्हें बीट से संबंधित जानकारी दी जाती है। यह सुबह और शाम होती है। पहले सुबह के रोल कॉल के बाद कर्मचारी की दोपहर 12 बजे से रवानगी डाली जाती थी। उस कर्मचारी की आमद रात 12 बजे होती थी जिसमें वह दिनभर की रिपोर्ट दर्ज करता था। अब ऐसा नहीं होगा। अब रवानगी शाम के बाद होगी और आमद सुबह ली जाएगी।

ऐसा रहेगा सिस्टम

आदेश कार्यालयों में तैनात पुलिस कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। थाने में तैनात कर्मचारी को रात्रि ड्यूटी करने के बाद पूरे 24 घंटे का अवकाश सप्ताह मिलेगा। यदि कोई पुलिसकर्मी रात्रि ड्यूटी के बाद जाता है तो उसे उस दिन के अलावा अगले दिन सुबह के रोल कॉल में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं होगा। पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश के दिन तय करने के बाद बदले नहीं जाएंगे।

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