Bhopal News: एक कहानी के भीतर कई किरदार, परतें उखड़ी तो रसूखदार होंगे बेनकाब

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Bhopal News: सरकारी ठेकेदार की खुदकुशी मामले में थाना पुलिस ने चुप्पी साधी, पुलिस कमिश्नर प्रणाली की पारदर्शिता पर उठने लगे सवाल, सोने की स्मगलिंग, हवाला कारोबारी, सटोरिया के साथ—साथ नेताओं के गठबंधन की दिलचस्प कहानी

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टीटी नगर थाना, जिला भोपाल— फाइल चित्र

भोपाल। शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को शुरू हुए सवा एक साल बीत चुका है। आम नागरिकों को लेकर व्यवस्थाएं थानों में अब भी नहीं बदली है। आलम यह है कि अब मामलों को दबाने की तकनीक का फॉर्मूला ऊपर से नीचे आ रहा है। कुछ दिनों पहले ही भोपाल (Bhopal News) शहर के कोलार रोड थाने के दो पुलिसकर्मी आभूषण कारोबारी से धमकाकर रंगदारी वसूल रहे थे। जिसमें वे दोनों आरोपी भी बनाए गए हैं। इस घटनाक्रम को एक पखवाड़ा बीत चुका है। दोनों पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं जो धरपकड़ की पुलिसिया तकनीक से वाकिफ है। अब भोपाल शहर के ही टीटी नगर इलाके में सरकारी ठेकेदार ने फांसी लगा ली है। इन दोनों घटनाओं के कनेक्शन है ऐसा भ्रामक समाचार पिछले चौबीस घंटों से सोशल मीडिया की दुनिया में चल रहा है।

जांच का जोखिम उठाए ऐसे संकेत मिले नहीं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के राजधानी दौरे को लेकर बैठकों में व्यस्त पुलिस के आला अधिकारियों तक क्या यह जानकारी पहुंच चुकी है, यह हम साफ नहीं कर सकते हैं। खबर है कि टीटी नगर स्थित न्यू एमएलए क्वार्टर में अनिल जैन (Anil Jain) पिता हरीशचंद्र जैन उम्र 48 साल ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है। उन्हें जेपी अस्पताल (JP Hospital) लेकर उनके दोस्त देवाशीष श्रीवास्तव (Devashish Shrivastav) पहुंचे थे। यह घटना 28 फरवरी की शाम लगभग साढ़े सात बजे हुई थी। टीटी नगर पुलिस मर्ग 11/23 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। जांच का जिम्मा एएसआई राजेन्द्र कुमार मिश्रा के पास हैं। हालांकि वे कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके। यह जरूर बताया कि अनिल जैन बीएसएनएल (BSNL) और पीएचई का ठेका लेते थे। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि सुसाइड नोट में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिखा है। मतलब साफ है कि पुलिस जांच का जोखिम लेकर सबूत जुटाने का काम आसानी से नहीं करने वाली है।

पैटर्न लॉक बोलकर पल्ला झाड़ लिया

टीटी नगर में स्थित न्यू एमएलए क्वार्टर में अनिल जैन पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। यहां उनका चार मंजिला मकान है। इसी मकान की चौथी मंजिल पर अनिल जैन ने निजी जिम बना रखा था। पुलिस को एक डायरी मिली है। जिसके पन्ने फाड़कर सुसाइड नोट लिखा गया है। फिर उसी डायरी में सुसाइड नोट लिखकर रख दिया गया था। पुलिस (Bhopal News) ने जो अमूमन हर खुदकुशी के मामले में होता है पत्र को जब्त कर क्यूडी शाखा यानि हस्तलिपि विशेषज्ञ को भेजे जाने की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। पत्र में लिखे मजमून से यह साफ हुआ है कि पीएचई (PHE) के एक ठेके में उसको भारी घाटा हुआ। जितना कर्ज मार्केट से लेकर  ठेका को पूरा करने में लगाया था, उतना रिटर्न उन्हें नहीं मिला। इस कारण दूसरे काम भी प्रभावित हो रहे थे। पुलिस को नजदीक ही एक हाईटेक कंपनी का मोबाइल फोन मिला है। जिसको लेकर यह चर्चा है कि उसमें एक व्यक्ति के दो दर्जन से अधिक बार मिस्ड कॉल पड़े थे। इस अबूझ पहेली पर बड़ी चतुराई के साथ थाना प्रभारी चैन सिंह रघुवंशी (TI Chain Singh Raghuvanshi) ने कहा कि जब पैटर्न लॉक है तो यह कैसे पता चल सकता है। यह बातें जिन्होंने फैलाई है उन्हें ही अनिल जैन की मौत को लेकर ज्यादा जानकारी है।

नेता का नाम तो नहीं पर यह बोलकर मची हुई है सनसनी

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

अनिल जैन की खुदकुशी मामले में यह तो तय है कि कई राज की बातें हैं जो सामने आ चुके है। जिन्हें कबूलना कई लोगों की सेहत को बिगाड़ सकता है। मुख्य धारा की मीडिया में गुरुवार को यह समाचार सामान्य खुदकुशी की तरह सामने आया है। जबकि बुधवार को दिनभर अनिल जैन आत्महत्या कांड को लेकर कानों में बातचीत होती रही। इसी बीच शाम को यह अफवाह फैली कि इस मौत के कनेक्शन में किसी राहुल नाम के व्यक्ति का हाथ है। उसके पिता सोने के काफी चर्चित कारोबारी है। इसके अलावा सोशल मीडिया में यह भी सामने आया है कि कोलार रोड इलाके में गौरव जैन (Gaurav Jain) के साथ रंगदारी करने वाले दो पुलिसकर्मियों रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और देवेन्द्र श्रीवास्तव (Devendra Shrivastav) के भी राहुल नाम के व्यक्ति से संपर्क थे। फिलहाल 16 फरवरी से यह दोनों पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं। इस प्रकरण में दो अन्य आरोपियों के नाम पर भी गिरफ्तारी न होने की वजह से सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन, सोशल मीडिया में यह जरूर चल रहा है कि इन दोनों प्रकरणों में एक ही नेता की दखल है।

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हमने लाल और हरी गोली का अंतर न समझाया होता तो अस्पताल में वह आती ही नहीं…समाचार के बाद अस्पतालों में दवा का इंतजाम तो हुआ। वीडियो को पूरा एक बार जरूर सुनना। शायद आपको हमारी गंभीर पत्रकारिता के जज्बे का अहसास हो सके। 

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