मोटापे, कैंसर ठीक करने के दावों पर सख्त फेसबुक, नहीं दिखेंगी अब ऐसी भ्रामक और सनसनीखेज पोस्ट

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Facebook algorithmनई दिल्ली। अगर आप भी फेसबुक पर बड़ी और खतरनाक बीमारियों के इलाज संबंधी दावों को शेयर करते हैं, तो संभल जाइये। वजन कम करने से लेकर कैंसर तक के इलाज के दावे करने वाली भ्रामक और सनसनीखेज पोस्टों पर फेसबुक ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अब फेसबुक पर ऐसी कोई पोस्ट दिखाई नहीं देगी, जिसका दावा संदिग्ध हो।

असल में फेसबुक पर अकसर स्वास्थ्य, पोषण, उपचार, मोटापा घटाने और वजन कम करने जैसी पोस्ट देखी जाती हैं। कई पोस्ट में तो पांच दिन में 20 किलो वजन कम करने जैसे दावे किये जाते हैं। साथ ही ”पांच काम जिन्हें करने से कैंसर ठीक हो जाएगा” जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रामक पोस्ट भी आती हैं। अब फेसबुक पर ये देखने को कम मिलेंगी। फेसबुक न्यूजरूम पर फेसबुक के प्रॉडक्ट मैनेजर ट्रैविस येह ने इसकी जानकारी दी है।

येह ने लिखा है कि लोग फेसबुक पर पोषण, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की बात करते हैं लेकिन लोगों को उनके स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी देने के लिए फेसबुक ने फैसला किया है कि स्वास्थ्य से जुड़ी हुई सनसनीखेज और गलत जानकारी वाली सामग्री को फेसबुक से हटाया जाएगा। फेसबुक के न्यूज फीड में आने वाली सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह एक और कदम है।

दो हिस्सों में बांटा पोस्ट को

इस तरह की सनसनीखेज और गलत जानकारी पूरे समुदाय के लिए सही नहीं है और लोग भी इसे पसंद नहीं करते हैं। इसके लिए फेसबुक ने जून में ऐसी पोस्ट्स को दो हिस्सों में बांटा है। पहला, ऐसी पोस्ट जो बढ़ा-चढ़ाकर लिखी गई हों और इनमें भ्रामक दावे किए गए हों। पांच दिन में 20 किलो वजन कम कर लेने वाली पोस्ट इसका उदाहरण है। दूसरा, ऐसी पोस्ट जो स्वास्थ्य के बारे में अलग-अलग दावे कर अपने उत्पादों को बेचने की कोशिश करते हैं।

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दो चरणों में हटाई जाएंगी पोस्ट

येह के मुताबिक पहली अपडेट के लिए ऐसी पोस्ट को हटाया जाएगा जो किसी चमत्कारी इलाज का सनसनीखेज दावा करती हैं। और दूसरी अपडेट में ऐसे पोस्ट को हटाया जाएगा जो अपने उत्पाद के बारे में भ्रामक दावे कर रहे हों। उदाहरण के लिए एक गोली लेने से किसी का वजन कम हो जाएगा। इस तरह के भ्रामक दावा करने वाले उत्पादों की पोस्ट को भी फेसबुक से हटाया जाएगा।

हैडिंग में सनसनी फैलाना नहीं आएगा काम

इसी जानकारी में येह ने आगे लिखा कि फेसबुक पहले भी ऐसी कार्रवाई करता रहा है। पहले फेसबुक ने क्लिकबेट हैडिंग वाले सनसनीखेज सामग्रियों को हटाया था। क्लिकहेट हैडिंग मतलब ऐसी हैडिंग जो अपने आप में सनसनीखेज हो लेकिन उस लिंक में दी गई सूचना तथ्यात्मक रूप से हैडिंग से नहीं मिलती हो। साथ ही किसी भी उत्पाद के लिए किए जा रहे प्रचार में अगर भ्रामक दावे किए गए तो इसको न्यूज फीड से हटा दिया जाएगा या इसकी पहुंच बेहद कम कर दी जाएगी। येह ने कहा कि फेसबुक कम गुणवत्ता वाली सामग्री को हटाता रहेगा।

फेसबुक पेजों पर इसका क्या असर होगा
फेसबुक के एल्गॉरिदम में छोटा सा भी बदलाव होने पर फेसबुक पेजों की पहुंच पर गंभीर असर होता है। डिजिटल माध्यमों पर काम कर रही न्यूज वेबसाइटों सहित सभी फेसबुक पेज कई बार फेसबुक एल्गॉरिदम में होने वाले नुकसान का सामना करते हैं। हालांकि फेसबुक का इस मामले में कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अधिकतर पेजों के सामान्य न्यूज फीड के वितरण में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। सिर्फ स्वास्थ्य को लेकर भ्रामक और सनसनीखेज दावे कर रही पोस्ट का वितरण कम हो जाएगा यानी ऐसी पोस्ट कम लोगों को दिखाई देगी। अगर कोई पेज जो पहले ऐसी पोस्ट करता रहा है लेकिन वो अब अपनी सामग्री में सुधार कर सनसनीखेज और भ्रामक दावों को हटा देता है तो उसकी पहुंच में कोई असर नहीं पड़ेगा।

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सामान्य पेजों पर फ़र्क़ नहीं

फेसबुक का दावा है कि सामान्य पेजों पर इसका असर नहीं होगा। हालांकि फेसबुक की इस बात के लिए अकसर आलोचना होती रही है कि वो अपने यूजर्स को बिना जानकारी दिए एल्गॉरिदम में परिवर्तन कर देता है जिसका नुकसान यूजर्स को उठाना पड़ता है। कई सारी वेबसाइटों के लिए अपने यूजर्स तक पहुंचने का एक बड़ा जरिया फेसबुक है। ऐसे में फेसबुक और यूजर्स को अपने हितों को देखते हुए अपना काम करना होगा।

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